पाइनस सिल्वेस्ट्रिय (Pinus Sylvestris)

 पाइनस सिल्वेस्ट्रिय (Pinus Sylvestris)

परिचय-

पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि का उपयोग पीलिया रोग से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए किया जाता है। रिक्केटग्रस्त बच्चों में अधिक कमजोरी आने टखनों में अधिक कमजोरी महसूस होना तथा इसके साथ ही देरी से चलने की शिकायत को दूर करने के लिए इस औषधि का उपयोग किया जाता है। कमर से नीचे के अंगों में अधिक कमजोरी महसूस होना, जोड़ों का दर्द, श्वासनलिकाओं से सम्बन्धित रोग और शीतपित्त से सम्बन्धित लक्षणों को दूर करने के लिए पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि का उपयोग किया जाता है।

छाती पतली और टूट जाने जैसा महसूस होना, इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

विभिन्न लक्षणों में पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि का उपयोग-

शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण :- शरीर के कई अंगों में जकड़न होने के साथ ही हडि्डयों में भी दर्द होता है, दर्द विशेषकर अंगुलियों के हडि्डयों के जोड़ों में होता है। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि का उपयोग करना चाहिए।

चर्म रोग से सम्बन्धित लक्षण :- छपाकी रोग होना, सारे शरीर पर खुजली होना, हडि्डयों के जोड़ों के आस-पास अधिक खुजली होना, पेट पर खुजली होना तथा नाक पर खुजली मचना। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि का उपयोग करना फायदेमन्द होता है। 

सम्बन्ध (रिलेशन) :-

* कब्ज की समस्या होना, मासिकधर्म कष्ट के साथ आना, गर्भपात होना। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए पाइनस लैम्बर्टिना औषधि का उपयोग करते हैं लेकिन ऐसे ही लक्षणों को ठीक करने के लिए पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि का उपयोग करते हैं। अत: पाइनस लैम्बर्टिना औषधि के कुछ गुणों की तुलना पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि से कर सकते हैं।

* मासिकधर्म शुरू होने के समय में कष्ट के साथ स्राव होना। इस प्रकार के लक्षण को ठीक करने के लिए पाइनस लैम्ब औषधि का उपयोग किया जाता है लेकिन ऐसे ही लक्षणों को ठीक करने के लिए पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि का उपयोग किया जाता है। अत: पाइनस लैम्ब औषधि के कुछ गुणों की तुलना पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि से कर सकते हैं।

* एबीज-नाइग्रा तथा एबीज-कैना औषधि के कुछ गुणों की तुलना पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि से कर सकते हैं।


मात्रा (डोज) :-

पाइनस सिल्वेस्ट्रिय औषधि की मूलार्क से लेकर तीसरी शक्ति तक का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए। 


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