माइरिका सेरिफेरा (Myrica cerifera)

 माइरिका सेरिफेरा (Myrica cerifera)

परिचय-

माइरिका सेरिफेरा औषधि का प्रयोग होम्योपैथी चिकित्सा में दो से तीन बीमारियों को ठीक करने लिए किया जाता है, जैसे- पीलिया और उसके साथ ही सुबह के समय में सिर दर्द होना। सभी प्रकार के श्लेष्मा से सम्बन्धित रोग अर्थात रोगी को सर्दी हो गई हो और नाक से अधिक मात्रा में कफ जैसा पदार्थ निकल रहा हो तथा बीमारी अधिक पुरानी हो। जिगर से सम्बन्धित रोग होने के कारण पित्त ठीक से पैदा नहीं हो पाता है, जिसके कारण अनेकों रोग शरीर में पैदा हो जाते हैं और यदि पित्त ठीक प्रकार से बनता है तो रोग नहीं होता है।

यदि किसी रोगी के हाथ-पैरों में ऐंठन हो रही हो, पेशाब गंदा आ रहा हो, जीभ पर पीले रंग की मैल जमी हो, जी मिचला रहा हो, आंखें पीली पड़ गई हो तो ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी को ठीक करने के लिए माइरिका सेरिफेरा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

सम्बन्ध (रिलेशन) :-

डिजिटैलिस औषधि के कुछ गुणों की तुलना माइरिका सेरिफेरा औषधि से कर सकते हैं लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि डिजिटैलिस औषधि का उपयोग उन रोगियों के रोग को ठीक करने के लिए किया जाता है जो पीलिया रोग से ग्रस्त होते हैं तथा उन्हें यांत्रिक रोग होता है।

मात्रा (डोज) :- माइरिका सेरिफेरा औषधि के मूलार्क से 3 शक्ति का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जाता है।


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