नक्स मास्केटा Nux Moschata
परिचय-
जायफल को ही नक्स मास्केटा औषधि कहा जाता है। हिस्टीरिया रोग से ग्रस्त औरतों और बच्चों के लिए नक्स मास्केटा औषधि बहुत ही उपयोगी साबित होती है। त्वचा का सूख जाना, पसीने का न आना और गर्भावस्था के दौरान स्त्री को होने वाले रोगों में ये औषधि बहुत ही असरकारक साबित होती है। विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर नक्स मास्केटा औषधि का उपयोग-
मन से सम्बंधित लक्षण- रोगी का स्वभाव अचानक बदल जाता है जैसे वह कभी तो अपने आप ही बैठे-बैठे हंसने लगता है और कभी अचानक ही रोने लग जाता है, रोगी की याददाश्त कमजोर हो जाती है वह किसी भी बात को तुरन्त ही भूल जाता है, रोगी को अजीब-अजीब से ख्याल मन में आते है जैसे कि वह जागते हुए भी सोचता है कि वह सपने देख रहा है, उसको लगता है कि उसके एक के स्थान पर दो-दो सिर है। इस तरह के लक्षणों के आधार पर रोगी को नक्स मास्केटा औषधि देना बहुत उपयोगी साबित होता है।
सिर से सम्बंधित लक्षण- रोगी के सिर में दर्द का होना, रोगी जब खुली हवा में घूम रहा होता है तो उसका सिर घूमने के कारण उसे चक्कर आने लगते है, रोगी अगर थोड़ा सा भी ज्यादा भोजन कर लेता है तो उसको चक्कर आने लगते है, रोगी को अपना सिर बहुत ज्यादा फैला हुआ लगता है, रोगी हर समय नींद में ही रहता है, जरा सा भी ठण्डी हवा लगते ही रोगी के सिर में दर्द होने लगता है। इन सारे लक्षणों के रोगी मे नज़र आने पर नक्स मास्केटा औषधि का सेवन कराना लाभकारी रहता है।
आंखें से सम्बंधित लक्षण- रोगी को आंखों के सामने अजीब-अजीब सी चीजें नज़र आती है, रोगी को आंखों से सारी चीजें बहुत बड़ी दिखाई देती है या बिल्कुल नहीं दिखाई देती, रोगी के नेत्रपटल बहुत ज्यादा फैले हुए रहते हैं। इन लक्षणों के आधार पर रोगी को नक्स मास्केटा औषधि देने से लाभ होता है।
नाक से सम्बंधित लक्षण- रोगी को किसी भी चीज की अच्छी या बुरी खुशबू-बदबू महसूस नहीं होती, नाक का बंद हो जाना, नाक से काले रंग का खून का आना, नाक का बिल्कुल सूख जाना आदि लक्षणों में रोगी को नक्स मास्केटा औषधि का प्रयोग कराने से लाभ मिलता है।
मुंह से सम्बंधित लक्षण- रोगी को अपने मुंह का बिल्कुल सूखा हुआ सा लगना, जीभ का ऊपर तालू से चिपक जाना, लेकिन फिर भी रोगी को पानी पीने का मन नही करता, रोगी के मुंह से लार का रुई की तरह आना, स्त्री को गर्भाकाल के दौरान दांतों में दर्द होना, गले का खुश्क हो जाना, जीभ का सुन्न हो जाना आदि लक्षणों के रोगी में नज़र आने पर नक्स मास्केटा औषधि का उपयोग करने से लाभ होता है।
आमाशय से सम्बंधित लक्षण- बहुत ज्यादा पेट फूल जाना, पेट के फूल जाने के कारण भूख का न लगना, रोगी को बार-बार हिचकी आना, रोगी का मन मसालेवाली चीजें इच्छा होना, गठिया के दर्द का आमाशय में पहुंच जाना आदि लक्षणों में रोगी को नक्स मास्केटा औषधि का सेवन कराने से लाभ मिलता है।
पेट से सम्बंधित लक्षण- आंतों में किसी रोग के हो जाने के कारण कमजोरी आ जाना, पेट का बहुत ज्यादा फूल जाना, मल का मुलायम होते हुए भी बहुत जोर लगाने पर भी बाहर न आ पाना, मलक्रिया के समय या उसके बाद रोगी को बेहोशी छा जाना, बवासीर के मस्सों का बाहर की तरफ फैल जाना आदि लक्षणों के रोगी को नक्स मास्केटा औषधि देने से बहुत लाभ होता है।
स्त्री रोगों से सम्बंधित लक्षण- स्त्री के गर्भाशय से खून का आना, मासिकस्राव का काले रंग का, गाढ़ा सा आना और काफी समय तक रहना, प्रदर स्राव (योनि में से पानी का आना) का कीचड़ जैसा और खून के साथ आना, मासिकस्राव के रुकने के साथ स्थायी बेहोशी के दौरे और निद्रालुता, मासिकस्राव का अलग-अलग समय पर आना जैसे लक्षणों में रोगी को नक्स मास्केटा औषधि का सेवन कराना काफी लाभदायक साबित होता है।
सांस से सम्बंधित लक्षण- रोगी को बिस्तर पर लेटते ही खांसी चालू हो जाना, रोगी अगर सामने की हवा की तरफ चलता है तो उसकी आवाज बंद हो जाती है। इस तरह के लक्षणों के किसी रोगी में नज़र आने पर उसे नक्स मास्केटा औषधि देने से बहुत जल्दी आराम आता है।
ज्वर (बुखार) से सम्बंधित लक्षण- रोगी को बुखार के लक्षणों में ठण्ड बाएं हाथ से शुरू होती है, रोगी को ठण्ड लगने के साथ प्यास का न लगना, पसीना न आना, त्वचा के साथ शरीर के अन्दर के अंग तथा आंखों, नाक, होंठ, मुंह, जीभ और गले आदि का सूख जाना जैसे लक्षणों के आधार पर रोगी को नक्स मास्केटा औषधि का सेवन कराना असरकारक रहता है।
नींद से सम्बंधित लक्षण- रोगी को बहुत ज्यादा नींद का आना, किसी रोग के कारण रोगी को हर समय नींद ही आते रहना, सन्यास आदि रोगों के लक्षणों के आधार पर नक्स मास्केटा औषधि का प्रयोग कराना अच्छा रहता है।
शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण- रोगी के दाएं नितंब से लेकर घुटने तक दर्द का होना खासकर जब रोगी चलता-फिरता है या सीढ़ियों पर चढ़ता है, पैरों के गीले होने से या ठण्डी हवा लगने से होने वाला गठिया का रोग जो सूखे, गर्म कपड़े पहनने से कम होता है, रोगी थोड़ी सी मेहनत करता है तो वो थक सा जाता है। इन सारे लक्षणो में रोगी को नक्स मास्केटा औषधि देने से लाभ मिलता है।
दिल से सम्बंधित लक्षण- रोगी के दिल में अचानक कंपन सा होना, दिल में फड़फड़ाहट सी होना जैसे किसी ने दिल को बहुत कसकर पकड़ लिया हो, नाड़ी का रुक-रुककर चलना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को नक्स मास्केटा औषधि का सेवन कराना बहुत लाभदायक सिद्ध होता है।
प्रतिविष-
कैम्फर, जैल्सी, वैलेरि औषधियों का उपयोग नक्स मास्केटा औषधि के हानिकारक प्रभाव को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
वृद्धि-
ठण्डे, नम और आंधी के मौसम में, मौसम के बदलने से, ठण्डा भोजन करने से और ठण्डे पानी से हाथ-पैरों का धोने से, गाड़ी में सवारी करने से, दर्द वाली करवट लेटने से रोग बढ़ जाता है।
शमन-
खुश्क, गर्म मौसम में, गर्म कमरे में, गर्म कपड़े को ओढ़ने से रोग कम हो जाता है।
तुलना-
नक्स मास्केटा औषधि की तुलना नक्स, पल्स, रस-टा, इग्ने और असाफी से की जा सकती है।
मात्रा-
रोगी को नक्स मास्केटा औषधि की पहली से 6x शक्ति तक देनी चाहिए।
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