सेंक्रिस कण्टोट्रिक्स-आंसिस्ट्रोडन Cenchris Contortris-Ancistrodon
परिचय-
सेंक्रिस कण्टोट्रिक्स-आंसिस्ट्रोडन औषधि को सांप के जहर से तैयार किया जाता है। ये औषधि बहुत ही गर्म प्रकृति की होती है इसी कारण से इसके असर से रोगी को सांस लेने में परेशानी होती है, बैचेनी बढ़ जाती है, प्यास ज्यादा लगने लगती है।
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर सेंक्रिस कण्टोट्रिक्स-आंसिस्ट्रोडन का उपयोग-
सिर से सम्बंधित लक्षण- किसी भी बात को तुरन्त ही भूल जाना, स्वभाव का अपने आप ही किसी भी समय पर बदल जाना जैसे कि कभी अपने आप हंसने लगना और कभी बिल्कुल उदास हो जाना, माथे की हड्डी के बाएं उभार पर और बाईं तरफ की दांतों में बहुत तेज दर्द हो जाना, आंखों के आसपास के भाग में सूजन, दर्द और खुजली होना आदि लक्षणों में रोगी को सेंक्रिस कण्टोट्रिक्स-आंसिस्ट्रोडन औषधि देने से लाभ मिलता है।
नींद से सम्बंधित लक्षण - लेटने पर भी काफी समय तक नीन्द न आना, रात को सोते समय डरावने से सपने आना, सैक्स से सम्बंधित सपने आना आदि लक्षणों में रोगी को सेंक्रिस कण्टोट्रिक्स-आंसिस्ट्रोडन औषधि का सेवन कराना लाभदायक रहता है।
स्त्री से सम्बंधित लक्षण - दाईं तरफ के डिम्ब में दर्द होने के साथ पीला सा प्रदर स्राव होना, गर्भाशय के मुंह पर फोड़ा निकलना, यौन उत्तेजना का तेज होना, मासिकधर्म के दौरान स्राव का बहुत ज्यादा मात्रा में और काले रंग का आना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को सेंक्रिस कण्टोट्रिक्स-आंसिस्ट्रोडन औषधि देने से लाभ मिलता है।
दिल से सम्बंधित लक्षण - दिल में बहुत तेजी से जलन का होना, रोगी को ऐसा महसूस होना जैसे कि दिल में हवा भर गई हो, नाड़ी का धीरे-धीरे से चलना, बाईं स्कंधास्थि के नीचे शाम के समय फड़फड़ाहट और जलन होना आदि लक्षणों में रोगी को सेंक्रिस कण्टोट्रिक्स-आंसिस्ट्रोडन औषधि का सेवन कराने से लाभ मिलता है।
वृद्धि-
दबाने से, लेट जाने पर, दोपहर के बाद और रात को रोग बढ़ जाता है।
तुलना-
सेंक्रिस कण्टोट्रिक्स-आंसिस्ट्रोडन औषधि की तुलना आर्से, लैकेसिस, क्लोथो अरिक्टेन्स से की जा सकती है।
मात्रा-
रोगी को किसी भी रोग के लक्षण के आधार पर सेंक्रिस कण्टोट्रिक्स-आंसिस्ट्रोडन औषधि की छठी शक्ति तक देने से लाभ होता है।
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