कल्केरिया फास्फोरिका Calcarea Phosphorica

 कल्केरिया फास्फोरिका Calcarea Phosphorica

परिचय-

कल्केरिया फास्फोरिका औषधि नवजात बच्चों के दांतों का देर से निकलना, दांत निकलते समय बहुत से रोग पैदा हो जाना आदि में बहुत लाभकारी है। इसके अलावा हडि्डयों के रोग, टूटी हड्डी का न जुड़ना, काफी लंबे रोगों के बाद शरीर में खून की कमी हो जाना, बच्चों के शरीर में खून की कमी होती है आदि में भी ये औषधि अच्छा असर करती है। विभिन्न लक्षणों के आधार पर कल्केरिया फास्फोरिका औषधि का उपयोग-

मन से सम्बंधित लक्षण : हर समय चिड़चिड़ा सा रहना, किसी से ढंग से बात न करना, याददाश्त कमजोर हो जाना, उदास बैठे रहना, किसी की बात न मानना जैसे मानसिक रोग के लक्षणों में रोगी को कल्केरिया फास्फोरिका औषधि देने से लाभ होता है।

सिर से सम्बंधित लक्षण : - सिर की हडि्डयों के जोड़ों के आसपास हमेशा दर्द रहना जो मौसम के बदलते ही ओर बढ़ जाता है, सुनने की शक्ति कमजोर हो जाना, सिरदर्द के साथ पेट का फूलना, सिर का गर्म लगना आदि सिर के रोगों के लक्षणों में कल्केरिया फास्फोरिका औषधि का सेवन लाभदायक रहता है।

आंखों से सम्बंधित लक्षण : - किसी व्यक्ति की आंखों में जख्म हो जाने के साथ ही जाला सा छा जाने जैसे लक्षणों में रोगी को कल्केरिया फास्फोरिका औषधि का प्रयोग कराने से लाभ होता है।

आमाशय से सम्बंधित लक्षण : - आमाशय रोगों के लक्षणों में रोगी बच्चा हर समय मां का दूध पीना चाहता है और दूध पीते ही उल्टी भी कर देता है, रोगी को अजीब-अजीब सी चीजें जैसे सूअर का मांस, आग पर भुना हुआ मांस खाने का मन करता है, बहुत तेज भूख और प्यास लगना, कलेजे में जलन होना आदि में रोगी को नियमित रूप से कल्केरिया फास्फोरिका औषधि का सेवन कराया जाए तो ये उसके लिए काफी लाभकारी रहता है। 

उदर (पेट) से सम्बंधित लक्षण : - भोजन करते ही पेट में जोर का दर्द होना, पेट अन्दर घुसा हुआ महसूस होना, नाभि के आसपास के हिस्से में जलन और दर्द होना आदि पेट के रोगों के लक्षणों में कल्केरिया फास्फोरिका औषधि का प्रयोग लाभदायक रहता है।

मूत्र (पेशाब) से सम्बंधित लक्षण : - पेशाब बार-बार आने के कारण शरीर में कमजोरी महसूस होना, किसी तरह का वजन उठाते समय या नाक को साफ करते समय गुर्दों के आसपास के भाग में दर्द होना आदि मूत्ररोगों के लक्षणों के आधार पर रोगी को कल्केरिया फास्फोरिका औषधि देने से लाभ मिलता है।

स्त्री से सम्बंधित लक्षण : - मासिक-धर्म का समय से बहुत पहले तथा स्राव का बहुत ज्यादा मात्रा में आना, इसके साथ ही स्राव का रंग काला होना, कमर में दर्द होना, बच्चे को दूध पिलाते समय यौन उत्तेजना का तेज होना और साथ में गर्भाशय के ऊपर की झिल्ली में हल्का-हल्का सा दर्द होना, योनि में से सफेद पानी आना आदि स्त्री रोगों के लक्षणों में रोगी स्त्री को कल्केरिया फास्फोरिका औषधि देने से आराम पड़ जाता है।

सांस से सम्बंधित लक्षण : - हर समय अंगड़ाई सी आना, छाती में दर्द होना, सांस को रोक देने वाली खांसी जो लेटने पर कम हो जाती है, गले में दर्द होना, बाईं तरफ के नीचे के हिस्से में दर्द होना आदि सांस के रोगों के लक्षणों में रोगी को कल्केरिया फास्फोरिका औषधि का सेवन कराने से लाभ मिलता है।

गर्दन और पीठ से सम्बंधित लक्षण : - ठण्डी हवा लगने के कारण गठिया का दर्द होना, सिर का अकड़ जाना, त्रिकास्थि में बहुत ज्यादा तेज दर्द होना आदि लक्षणों में कल्केरिया फास्फोरिका औषधि का सेवन लाभदायक रहता है।

शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण : - शरीर के अंगों के अकड़ जाने के साथ ही दर्द और ठण्डापन लगना, जो मौसम में बदलाव के साथ ही और तेज हो जाता है, कूल्हे, पीठ और हाथ-पैरों का सुन्न हो जाना, जोड़ों और हडि्डयों में दर्द होना, सीढ़ियों में चढ़ते समय थकान महसूस होना आदि लक्षणों मे कल्केरिया फास्फोरिका औषधि देनी चाहिए।

वृद्धि-

नमीदार, ठण्डे मौसम में, हवा लगने से, बर्फ पिघलने से रोग बढ़ जाता है।

शमन-

गर्मियों में, गर्म, सूखे मौसम में रोग कम हो जाता है।

मात्रा-

पहली से तीसरी शक्ति के विचूर्ण। अक्सर इसकी ऊंची शक्तियां भी लाभकारी होती है।


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