बेंजेनम-कोल नैफ्था (बेंजोल) BENZENUM COAL NAPHTHA

 बेंजेनम-कोल नैफ्था (बेंजोल) BENZENUM COAL NAPHTHA

परिचय-

बेंजेनस-कोल नैफ्था औषधि का स्नायु प्रणाली पर विशेष प्रभाव पड़ता है। इस औषधि के प्रयोग से नाड़ी की रक्त धारा शिथिल पड़ जाती है। बेंजेनस-कोल नैफ्था औषधि की एक सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके सेवन से शरीर में सफेद रक्तकणों की वृद्धि होती है। अत: जिस व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्तकणों की मात्रा बढ़ गई हो उसे इस औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से रोगी को भारी हानि हो सकती है। इसके अतिक्ति आंखों के विभिन्न रोग, मिर्गी के दौरे, मूर्च्छा और सुन्नता आदि रोग में बेंजेनस-कोल नैफ्था का प्रयोग लाभकरी होता है। शरीर में उत्पन्न होने वाले अनेक रोगों में बेंजेनस-कोल नैफ्था का प्रयोग :- 

1. सिर से संबन्धित लक्षण :

सिर रोगग्रस्त होने पर रोगी के सिर में चक्कर आता है तथा रोगी को ऐसा महसूस होता मानो वह गिर जाएगा। सिर में उत्पन्न होने वाले ऐसा दर्द जिसमें दर्द नीचे से उपर की ओर फैलता जाता है। थकान के कारण तथा स्नायविक थकान के कारण सिर दर्द होता रहता है। सिर का ऐसा दर्द जो नाक के जड़ तक फैल जाता है। सिर का चक्कर आना, सिर में दबाव महसूस होना। सिर के दाईं ओर दर्द होना आदि सिर रोगों में बेंजेनस-कोल नैफ्था औषधि का सेवन करना लाभकारी होता है। इससे सिर में उत्पन्न होने वाले सभी रोगों में आराम मिलता है।

2. आंखों से संबन्धित लक्षण :

यदि किसी रोगी को ठीक से दिखाई नहीं देता है या किसी वस्तु को देखने पर एक से अधिक दिखाई देता है। आंखों के अन्य रोग जैसे-पलकों का फड़कना, तेज रोशनी बर्दाश्त न कर पाना, धुंधला दिखाई देना। आंखों और पलकों में दर्द होना। नेत्रपटलों का अधिक फैल जाना। प्रकाश में देखने में परेशानी होना। इस तरह के आंखो रोगों से संबन्धित लक्षणों से ग्रस्त रोगी को ठीक करने के लिए बेंजेनस-कोल नैफ्था का प्रयोग करना चाहिए।


3. नाक से संबन्धित लक्षण :

नाक से पानी का निकलना, तेज जुकाम के कारण सिर दर्द, नाक से नजला निकलना जो दोपहर के बाद अधिक हो जाता है। रोगी को अधिक छींके आना आदि नाक से संबन्धित रोगों में बेंजेनस-कोल नैफ्था का प्रयोग लाभकारी होता है।

4. पुरुष रोग से संबन्धित लक्षण :

दाएं अण्डकोष में सूजन होना। अण्डकोषों में तेज दर्द होना। अण्डकोष की खुजली तथा पेशाब अधिक मात्रा में आना आदि रोगों में बेंजेनस-कोल नैफ्था का प्रयोग करना लाभकारी होता है। इस औषधि के सेवन से अण्डकोष व अन्य पुरुष रोग ठीक होते हैं।

5. शरीर के बाहरी अंगों से संबन्धित लक्षण :

हाथ-पैरों का भारी होना, पैरों का ठण्डा होना, घुटनों में झटकन आना, हाथों में नीचे से ऊपर की ओर चलने वाला दर्द होना आदि शरीर के बाहरी अंगों के लक्षणों वाले रोगी को ठीक करने के लिए बेंजेनस-कोल नैफ्था दें। इसका सेवन रोग में अत्यन्त लाभकारी होता है।

6. त्वचा से संबन्धित लक्षण :

त्वचा के अनेक रोग जैसे- त्वचा में उत्पन्न होने वाला एक ऐसा रोग जिसमें फुन्सियां खसरे जैसे दानेदार होती हैं, बाईं करवट सोने से बाईं ओर और दाईं करवट सोने से दाईं ओर ही पसीना आना। पूरे पीठ पर खुजली उत्पन्न होती रहती है। ऐसे त्वचा से संबन्धित लक्षणों को ठीक करने के लिए बेंजेनस-कोल नैफ्था का प्रयोग लाभकारी होता है। इससे त्वचा के अन्य रोगों में भी लाभकारी प्रभाव पड़ता है।

वृद्धि :

रात को रोग बढ़ जाता है तथा दायें करवट सोने से रोग बढ़ जाता है।

तुलना : 

बेंजेनस-कोल नैफ्था औषधि की तुलना बेन्जिन, पेट्रोलियम ईथर, औक्सीहेमोग्लोबीनीमिय, बेन्जिन डिनिट्रिकम से की जाती है।

मात्रा :

बेंजेनस-कोल नैफ्था 6 शक्ति का प्रयोग किया जाता है।


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