पिक्रिकम एसिडम (Picricum Acidum)
परिचय-
पिक्रिकम एसिडम औषधि का प्रयोग दिमाग की कमजोरी को दूर करने के लिए लाभकारी रहता है। अगर किसी व्यक्ति के अंदर इच्छा शक्ति समाप्त हो जाना, दिमागी काम करने से ज्यादा कमजोरी महसूस होना, किसी प्रकार की गहरी चिंता के कारण कमजोरी पैदा होना जैसे लक्षण उभरते हैं तो उसे यह औषधि देने से आराम मिलता है। पढ़ने-लिखने वाले बच्चों के लिए भी इस औषधि का प्रयोग अच्छा रहता है। इसके अलावा जिस व्यक्ति को गर्मी बर्दाश्त न होती हो, सिर का दर्द या शरीर में किसी तरह की परेशानी ठंडी हवा से कम हो जाती हो, नमी के मौसम में तकलीफ बढ़ जाती हो तो उसे यह औषधि दी जा सकती है। अगर दिमागी कमजोरी से ग्रस्त रोगी में कमर तथा हाथ-पैरों में जलन होना, रीढ़ की हड्डी़ में जलन होना, पतले दस्त आना, शरीर हर समय टूटा-टूटा सा रहना, चिड़चिडा़पन पैदा हो जाना जैसे लक्षण नजर आते हो तो उस रोगी को पिक्रिकम एसिडम औषधि देने से बहुत ज्यादा लाभ होता है। विभिन्न लक्षणों में पिक्रिकम एसिडम औषधि का उपयोग-
मन से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के आत्मबल में कमी हो जाती है, काम करने की इच्छा नहीं होती है, मस्तिष्क में कमजोरी महसूस होती है, मन में भ्रम पैदा हो जाता है, रोगी शान्त स्वभाव का हो जाता है, पागलपन जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है, दिमाग ठीक प्रकार से कार्य नहीं करता है, आत्मशक्ति क्षीण हो जाती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पिक्रिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
सिर से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के सिर में दर्द होता है और ऐसा महसूस होता है कि जैसे सिर किसी पट्टी से बंधा हुआ है। सिर के पिछले भाग में दर्द होता है, अधिक मानसिक कार्य करने से रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है। सिर में चक्कर आने लगता है और कानों में कई प्रकार की आवाजें सुनाई पड़ती है। कानों के अन्दर और गर्दन के पीछे फोड़ें हो जाते हैं। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी जब बहुत लम्बे समय तक मानसिक कार्य करता है तो उसे किसी भी कार्य करने के प्रति असफलता का भय लगा रहता तथा इसके साथ ही मानसिक थकान अधिक हो जाती है। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पिक्रिकम एसिडम औषधि का उपयोग लाभदायक है।
आंखों से सम्बन्धित लक्षण :- आंखों के नेत्रश्लेष्म में सूजन आ जाती है और अधिक मात्रा में गाढ़ा पीले रंग का कफ जैसा पदार्थ आंखों से निकलने लगता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पिक्रिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।
आमाशय से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के जीभ का स्वाद कड़वा लगता है तथा किसी भी प्रकार का भोजन खाने का मन नहीं करता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पिक्रिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।
मूत्र से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को बहुत कम मात्रा में पेशाब आता है और पेशाब बूंद-बूंद करके टपकता रहता है। पेशाब में अधिक मात्रा में \'नील\' बेलनाकार कण मिले होते हैं। गुर्दे में जलन होने के साथ ही अधिक कमजोरी महसूस होती है और काला खून मिला हुआ कम पेशाब होता है। रात के समय में पेशाब का वेग अधिक हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पिक्रिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
पुरुष रोग से सम्बन्धित लक्षण :- अधिक मात्रा में वीर्यपात होता है तथा उसके बाद उदासीनता होने लगती है लेकिन संभोग के सपने नहीं आते हैं। लिंग में दर्द होता है तथा इसके साथ ही उत्तेजना होती है। लिंग में दर्द होने के साथ ही वृषणों (अण्डकोष) और वृषणरज्जु में ऊपर की ओर दर्द होता है।पुरःस्थग्रन्थि का बढ़ जाना जब रोग अपनी अन्तिम अवस्था में न पहुंचा हो। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पिक्रिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी स्त्री के बायें डिम्बाशय में दर्द होता है तथा मासिकस्राव से पहले प्रदर स्राव होता है। योनि पर खुजली होती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पिक्रिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।
शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के रीढ़ की हड्डी पर जलन होती है और इसके साथ ही कमजोरी महसूस होती है। सारा शरीर सुस्त और भारी महसूस होता है, ऐसा विशेषकर अंगों में महसूस होता है और परिश्रम करने के बाद अधिक महसूस होता है। पैर ठण्डे पड़ जाते हैं और गर्म नहीं होते हैं। रोगी के शरीर में तेजी से बढ़ता हुआ लकवा रोग का प्रभाव दिखाई देता है। शरीर के कई अंगों पर छोटे-छोटे दर्द युक्त फोड़ें हो जाते हैं लेकिन कान के पास या कान की बाहरी श्रवणनली पर ये फोड़ें नहीं होते है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए पिक्रिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।
मल से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को तैलीय या चिकनाहट युक्त दस्त आने लगते हैं, शाम के समय में अधिक दस्त आता है, पेशाब से अधिक बदबू आती है तथा इसके साथ ही शरीर में बहुत अधिक कमजोरी महसूस होती है तथा दिमाग ठीक प्रकार से कार्य नहीं करता है। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पिक्रिकम एसिडम औषधि उपयोग लाभदायक है।
दिमागी कमजोरी से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को दिमागी कमजोरी अधिक हो जाती है। रोगी की इच्छा शक्ति बिल्कुल भी नहीं रहती है, किसी प्रकार की गम्भीर चिन्ता या मानसिक परिश्रम करने से रोगी को अधिक कमजोरी महसूस होती है तथा इसके साथ ही अनेकों प्रकार की परेशानियां भी होने लगती है, जैसे- कमर, हाथों तथा पैरों में दर्द होता है, रीढ़ की हड्डी में जलन होती है, पतले दस्त लग जाते हैं, रोगी की तबीयत गिरी हुई महसूस होती है, स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता है, हमेशा लेटे रहने का मन करता है। रोगी को गर्मी बर्दाश्त नहीं होती है सिर की और शारीरिक परेशानियां ठण्डी हवा कम कर देती है। ठण्डी हवा और पानी से नहाने से आराम मिलता है। नये मौसम में रोगी के लक्षणों में वृद्धि होने लगती है। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पिक्रिकम एसिडम औषधि उपयोग लाभकारी है।
थकावट से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को हरकत (हाथ-पैर चलाने) से थोड़ी सी थकावट रहते पूरे लकवा रोग का प्रभाव हो जाता है और सारे शरीर में विशेषकर के हाथ-पैरों में भारीपन और थकावट महसूस होती है, रोगी को लेटे रहने तथा आराम करने की अधिक इच्छा होती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए पिक्रिकम एसिडम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) :-
अधिक श्रम करने से, विशेषकर मानसिक परिश्रम करने से, पढ़ने से, नींद न आने के बाद, भीगे मौसम में रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है। यह ग्रीष्मकालीन या गर्म जलवायु की औषधि है, रोगी की परेशानी भी इन्हीं दिनों बढ़ती है।
शमन (एमेलिओरेशन) :-
ठण्डी हवा से, ठण्डे जल और दबाव से तथा खुली हवा में घूमने से रोग के लक्षण नष्ट होने लगते हैं।
सम्बन्ध (रिलेशन) :-
बैरा-का, कैन्थ, ग्रेफा, हिपर, काली-फा, मर्क, नैट्र-म्यू, आक्जै-ए, जेल्सी, फास्फो, सिलीका, आर्जेन्टना, जिंक-पिकैटा, फेरम-पिकै तथा कल्के-पिकैटा औषधियों के कुछ गुणों की तुलना पिक्रिकम एसिडम औषधि से कर सकते हैं।
मात्रा (डोज) :-
पिक्रिकम एसिडम औषधि की छठी शक्ति का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।
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