मेलीलोटस एल्ब Melilotus Alba

 मेलीलोटस एल्ब Melilotus Alba

परिचय-

बार-बार नकसीर का रोग हो जाना तथा अधिक मात्रा में नाक से खून बहना और इसके साथ ही तेज सिर दर्द होने पर मेलीलोटस एल्ब औषधि का उपयोग करना चाहिए। मेलीलोटस एल्बा औषधि का प्रयोग कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के काम आता है जो इस प्रकार हैं- सिर में दर्द, पेट में दर्द, पेट में ऐंठन, बेहोशी तथा नकसीर रोग।

मेलीलोटस एल्ब औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी है-

सिर से सम्बन्धित लक्षण:- रोगी के सिर में दर्द होता रहता है तथा इसके साथ ही उसे नकसीर का रोग भी हो जाता है। ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए मेलीलोटस एल्ब औषधि का उपयोग लाभदायक है।

चेहरे से सम्बन्धित लक्षण:- रोगी के चेहरे का रंग लाल हो जाता है और गले की धमनी में से खून का स्राव होने लगता है, जब नाक से खून निकलने लगता है तो लक्षण कुछ दब जाते हैं। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए मेलीलोटस एल्ब औषधि का सेवन करना चाहिए।

टायफायड-ज्वर से सम्बन्धित लक्षण:- टायफायड-ज्वर से पीड़ित रोगी के नाक से यदि खून बह रहा हो, नाक से खून निकलने का दौरा रुक-रुककर आ रहा हो, कम से कम 24 घण्टे में तीन बार नाक से खून बह रहा हो और खून इतना अधिक निकल रहा हो कि रोगी परेशान हो जाता हो। इन लक्षणों के कारण रोगी को डिप्थीरिया रोग हो गया हो तथा खून नाक के नथुनों के बाहर चमकीली बून्दों के रूप में टपक रहा हो तो इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए मेलीलोटस एल्ब औषधि का उपयोग करना चाहिए।

न्यूमोनिया रोग से सम्बन्धित लक्षण :- यदि रोगी न्यूमोनिया रोग से पीड़ित है तथा इसके साथ ही चेहरा लाल हो गया हो और नाक से बार-बार खून बहने लगता है तो ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए मेलीलोटस एल्ब औषधि का उपयोग लाभकारी है।

शरीर के बाहरी अंग से सम्बन्धित लक्षण :-चेहरे पर गर्मी महसूस होने के साथ ही लाली पड़ना तथा चेहरे पर चमक होने के साथ ही सिर में दर्द होना, कनपटियों में जलन के साथ ही सिर में दर्द होना, बेहोशी होना, शरीर के किसी भाग से खून का बहना या शरीर के किसी भाग में खून जमा होना, रोगी को ऐसा महसूस हो रहा हो कि सिर अब फट जायेगा और तेज दर्द होना, मलत्याग करने में रुकावट होना, मलद्वार पर दर्द होना तथा मलत्याग करने में अधिक परेशानी होना, स्त्रियों को मासिकधर्म के समय में अधिक मात्रा में स्राव होना तथा दर्द होना, तेज चलने पर चक्कर आना, स्मरण करने पर मस्तिष्क में धुंधलापन सा महसूस होना। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी रोगी को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए मेलीलोटस एल्ब औषधि का प्रयोग करना चाहिए।


वृद्धि (ऐगग्रेवेशन):- आंधी या तूफान आने से पहले बरसाती मौसम में, एकाएक मौसम परिवर्तन होने पर, बचपन से जवानी की ओर बढ़ने पर रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है।

शमन (एमेलिओरेशन) :-

मासिकधर्म के समय में रक्तस्राव होने से, खुलकर पेशाब करने से, टहलने से, स्थिति बदलने से तथा खुली हवा में रहने से रोग के लक्षण नष्ट होने लगते हैं।

सम्बन्ध (रिलेशन):-

बेल, बैप्ट, फेरम, फेम-फा, लैके, नट्र-म्यू, ओपि, सैगु और सल्फर तथा एमेला-ना औषधियों के कुछ गुणों की तुलना मेलीलोटस एल्ब औषधि से कर सकते हैं।

मात्रा (डोज) :-

मेलीलोटस एल्ब औषधि की छठीं पोटेंसी का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।


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