जॉनोसिया अशोका Jonosia Ashoka

 जॉनोसिया अशोका Jonosia Ashoka

परिचय-

भारत में एक पेड़ पाया जाता है जिसका नाम होता है अशोक, जॉनोसिया अशोका औषधि को इसी पेड़ की छाल से तैयार किया जाता है, ये औषधि स्त्रियों के बहुत से रोगों में लाभकारी होती है। विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर जॉनोसिया अशोका औषधि का उपयोग-

आमाशय से सम्बंधित लक्षण-

आमाशय के रोगों के लक्षणों में रोगी को बार-बार प्यास सी लगती रहती है, रोगी का मन ऐसा करता है जैसे कि उसे हर समय खट्टी-मीठी चीजें खाने को मिलती रहे, बहुत ज्यादा जी का मिचलाना, पेट में कब्ज का बनना, खूनी बवासीर आदि लक्षणों में रोगी को जॉनोसिया अशोका औषधि देने से लाभ मिलता है।

स्त्री से सम्बंधित लक्षण-

स्त्री का मासिकधर्म समय से काफी दिनों के बाद आना और स्राव का ज्यादा मात्रा में आना, मासिकधर्म का कष्ट के साथ आना, मासिकस्राव आने से पहले डिम्बग्रन्थियों में दर्द, मासिकस्राव का अधिक मात्रा में होना, योनि में उत्तेजना बढ़ना, योनि में से पानी का आना जैसे स्त्री रोगों से सम्बंधित लक्षणों में जॉनोसिया अशोका औषधि का प्रयोग लाभदायक रहता है।

सिर से सम्बंधित लक्षण-

सिर के पीछे के एक हिस्से में दर्द होना, सिर में खून जमने के कारण दर्द हो जाना, आंखों के अन्दर के गोलों में दर्द होना, रोशनी में आते ही आंखों का बन्द हो जाना, नाक में जुकाम होने के कारण बहुत ज्यादा मात्रा में पानी जैसा स्राव का आना, सूंघने की शक्ति का समाप्त हो जाना आदि लक्षणों में रोगी को जॉनोसिया अशोका औषधि का सेवन कराने से लाभ मिलता है।

नींद से सम्बंधित लक्षण-

रोगी को रात को सोते समय नींद का न आना, नींद में कहीं दूर की यात्रा करने के सपने आना जैसे लक्षणों के आधार रोगी को जॉनोसिया अशोका औषधि देने से लाभ होता है।

पीठ से सम्बंधित लक्षण-

रोगी की रीढ़ की हड्डी में दर्द जो पेट और जांघों तक पहुंच जाता है, इस तरह के लक्षणों में अगर रोगी को जॉनोसिया अशोका औषधि दी जाए तो लाभकारी होता है।

तुलना-

जॉनोसिया अशोका औषधि की तुलना बाइबर्नम, ओपुलस, बाइबर्नम प्रनिफोलिम से की जा सकती है।

मात्रा-

रोगी को उसके रोग के लक्षणों के आधार पर जॉनोसिया अशोका औषधि का मूलार्क या 3x शक्ति तक देने से लाभ होता है। 


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