क्लोरम Chlorum

 क्लोरम Chlorum

परिचय-

गले में किसी तरह की परेशानी, सांस का रुक-रुककर आना, सूजन आदि सांस के रोगों के लक्षणों में अगर क्लोरम औषधि रोगी को दी जाए तो ये बहुत जल्दी असर करती है। कोथ (गैन्ड्रेन) में अगर क्लोरोम का बाहरी और भीतरी इस्तेमाल किया जाए तो लाभदायक होता है। 

विभिन्न प्रकार के लक्षणों के आधार पर क्लोरोम औषधि का उपयोग-

मस्तिष्क से सम्बंधित लक्षण - याददाश्त खो जाना, मन में हमेशा डर सा लगा रहना, कोई भी बात याद न रख पाना आदि दिमागी रोग के लक्षणों में रोगी को क्लोरोम औषधि का सेवन कराने से लाभ होता है।

सांस से सम्बंधित लक्षण - नाक से बहुत ज्यादा स्राव होना, नाक के अंदर तथा नथुनों में दर्द होना, दम सा घुटना, गला, सांस की नली, आवाज की नली का बंद सा होना, चेहरा नीला पड़ना, ठण्डा पसीना आना, नाड़ी का धीरे-धीरे चलना आदि सांस के रोगों के लक्षण दिखते ही रोगी को क्लोरोम औषधि देने से आराम आता है।

मात्रा-

रोगी को क्लोरोम औषधि की चौथी से लेकर छठी शक्ति तक देने से उसका रोग ठीक हो जाता है।


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