कैनाबिस सैटाइवा Cannabis sativa

 कैनाबिस सैटाइवा Cannabis sativa

परिचय-

कैनाबिस सैटाइवा औषधि सबसे ज्यादा असर मूत्र-संस्थान खासकर पेशाब करने की नली पर होता है। सूजाक रोग में ये औषधि बाकी सारी औषधियों से ज्यादा और जल्दी असर करने वाली साबित होती है। 

विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर कैनाबिस सैटाइवा औषधि का उपयोग-

आंखों से सम्बंधित लक्षण - किसी व्यक्ति को ज्यादा शराब या सिगरेट आदि पीने के कारण होने वाला मोतियाबिंद, आंखों की रोशनी कम होना, आंखों के अन्दर के गोलों में हल्का-हल्का सा दर्द होना, रोगी को हर समय ऐसा महसूस होना कि वह अंधा होता जा रहा है आदि आंखों के रोगों के लक्षणों में रोगी को कैनाबिस सैटाइवा औषधि का सेवन कराने से आराम आता है।

सिर से सम्बंधित लक्षण - सिर में दर्द होना, चक्कर आना, रोगी को ऐसा महसूस होना कि उसके सिर पर पानी की बूंदें टपक रही हो, नाक की जड़ पर दबाव सा महसूस होना आदि सिर के रोगों के लक्षणों में रोगी को कैनाबिस सैटाइवा औषधि का प्रयोग कराने से लाभ मिलता हैं।

मूत्र (पेशाब) से सम्बंधित लक्षण - पेशाब का रुक जाना, पेशाब करने के साथ दर्द होना, पेशाब की धार का कट-फट कर आना, पेशाब करते समय जलन होना, चलते समय टांगों को चौड़ा करके चलना, अण्डकोषों में खिंचाव, यौन उत्तेजना का बढ़ना, श्लेष्मा और पीब के कारण पेशाब करने का रास्ता बन्द हो जाना आदि मूत्ररोगों में रोगी को कैनाबिस सैटाइवा औषधि देना बहुत उपयोगी होता है।

सांस से सम्बंधित लक्षण - सांस का रुक-रुककर आना, छाती का बहुत भारी सा लगना जैसे कि किसी ने बहुत वजन रखा हो, छाती में से अजीब-अजीब सी आवाजें आना, बहुत तेज खांसी के साथ चिपचिपा सा खून वाला बलगम आना आदि सांस के रोगों के लक्षणों में कैनाबिस सैटाइवा औषधि का प्रयोग लाभदायक रहता है।

हृदय (दिल) से सम्बंधित लक्षण - दिल में बहुत तेज झटके लगना और तनाव सा महसूस होना, दिल में सूजन आना, रोगी को हर समय ऐसा महसूस होना जैसे कि दिल में से पानी की बून्दें टपक रही हो आदि दिल के रोगों के लक्षणों के आधार पर अगर रोगी को कैनाबिस सैटाइवा औषधि नियमित रूप से सेवन कराई जाए तो ये उसके लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होती है।

नींद से सम्बंधित लक्षण - रात को डरावने सपने आना, सुबह उठने का मन न करना, ऐसा महसूस होना जैसे कि पूरा शरीर टूटा हुआ सा हो, दिन में नींद आना आदि लक्षणों में रोगी को कैनाबिस सैटाइवा औषधि देने से लाभ मिलता है।

शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण - मोच आने के बाद हाथ की उंगलियों का सिकुड़ जाना, सीढ़ियों में ऊपर की ओर चढ़ते हुए पैरों का भारी हो जाना, पैर की उंगलियों के नीचे के हिस्से में पैदा होने वाले रोग आदि के लक्षणों में कैनाबिस सैटाइवा औषधि का सेवन करना लाभकारी रहता है।

कमजोरी से सम्बंधित लक्षण - शारीरिक मेहनत या व्यायाम करने के बाद शरीर में बहुत ज्यादा थकान महसूस होना, रात को भोजन करने के बाद शरीर में कमजोरी महसूस होना, पैदल चलते समय जल्दी थक जाना आदि लक्षणों में रोगी को कैनाबिस सैटाइवा औषधि का सेवन कराने से लाभ मिलता है।

पुरुष से सम्बंधित लक्षण - शरीर में बहुत ज्यादा उत्तेजना महसूस होना, खड़े होने पर अण्डकोषों में खिंचाव के साथ दर्द होना, ज्यादा संभोगक्रिया में लगे रहने के कारण नपुसंकता आ जाना आदि लक्षणों में रोगी को कैनाबिस सैटाइवा औषधि देने से लाभ होता है।

तुलना-

कैनाबिस सैटाइवा औषधि की तुलना एपिस, कैन-इण्ड, कैन्थ, कोपेवा, नक्स-वोम और टेरेब के साथ की जा सकती है।

प्रतिविष-

कपूर और नींबू का रस।

मात्रा-

मूलार्क या तीसरी शक्ति।

वृद्धि-

दोपहर से पहले, पेशाब करते समय बूंद-बूंद आते समय, चलने के बाद, लेटने से, खड़े रहने पर, सीढ़ियां चढ़ने पर, रात को भोजन करने के बाद रोग बढ़ जाता है।

शमन-

खड़े रहने पर, सांस में जलन कम होने पर, शांत रहने से तथा स्राव होने से रोग कम हो जाता है।

जानकारी-

रोगी को हकलाहट के लक्षण नज़र आने पर इसकी शक्ति बढ़ाकर 30वीं भी करके दे सकते हैं।


0 comments:

एक टिप्पणी भेजें