हेक्ला लावा HECLA LAVA

 हेक्ला लावा HECLA LAVA

परिचय-

मसूढ़ों, हडि्डयों तथा दांतों पर हेक्ला लावा औषधि का अधिक प्रभाव पड़ता है जिसके फलस्वरूप इन अंगों से सम्बन्धित रोग ठीक हो जाते हैं। हेक्ला लावा औषधि ज्वालामुखी से निकले हुए राख से बनायी जाती है। जबड़ों पर हेक्ला लावा औषधि की क्रिया का विशेष प्रभाव पड़ता है। हडि्डयों का रोग, मसूढ़ों से निकलने वाले फोडे़ तथा दांतों के रोग को ठीक करने के लिए हेक्ला लावा औषधि का उपयोग लाभदायक है।

शरीर के कई भागों में गांठे पड़ जाना तथा हडि्डया नष्ट हो रही हो तो इस रोग को ठीक करने के लिए हेक्ला लावा औषधि का उपयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है। हेक्ला लावा औषधि अन्य सभी औषधियों की अपेक्षा ज्यादा लाभकारी औषधि है।

हेक्ला लावा औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी हैं-

दांत से सम्बन्धित लक्षण :- दांतों में कीड़े लग जाना, दांत सड़कर नष्ट होने लगे, मसूढ़ों की हड्डी में घाव होना, मसूढ़ों पर फोड़ा होना, घाव, नासूर रोग, मसूढ़ों के चारों ओर सूजन होने के साथ दांतों में दर्द होना, दांत उखड़वाने के बाद वहां के दांत का कुछ अंश रह जाना और उसके कारण परेशानी अधिक होना आदि रोगों को ठीक करने के लिए हेक्ला लावा औषधि का उपयोग करना चाहिए। हेक्ला लावा औषधि की 2x शक्ति 24x ग्रेन ग्लसिरिन में मिलाकर दातों पर लगाने से दांतों के रोग ठीक हो जाते हैं।

पायरिया रोग से सम्बन्धित लक्षण :- पायरिया रोग में हेक्ला लावा औषधि का टूथ-पाउडर के रूप में उपयोग करने से रोग ठीक हो जाता है।

हड्डी से सम्बन्धित लक्षण :- 

* हडि्डयों पर जलन होना, हडि्डयों पर फोड़ा-फुंसियां होना तथा हडि्डयों की घातक बीमारियों में और नाक की हड्डी के घाव को ठीक करने के लिए हेक्ला लावा औषधि का उपयोग लाभकारी है। इसके प्रभाव से ये रोग ठीक हो जाते हैं।

* बच्चों के रेकाइटिस रोग को ठीक करने लिए हेक्ला लावा औषधि का उपयोग करना चाहिए।

* गर्दन की हड्डी पर गांठ (सरविकल ग्लैण्ड) हो जाने तथा सूजन आ जाने पर हेक्ला लावा औषधि का उपयोग करने से ये रोग ठीक हो जाते हैं।

* पैर के नीचे की तरफ, सामने वाली हड्डी बढ़ जाना और बेकार हो जाने पर हेक्ला लावा औषधि का उपयोग करने से रोग ठीक हो जाता है।


चेहरे से सम्बन्धित लक्षण :- नाक की हड्डी पर घाव होना, चेहरे के कई भागों में घाव होना, चेहरे के नाड़ियों में दर्द होना तथा गर्दन की ग्रन्थियां बढ़कर कठोर हो गई हो तो हेक्ला लावा औषधि का प्रयोग करने से ये रोग ठीक हो जाते हैं।

सम्बन्ध (रिलेशन) :- 

कैलि, कल्के-आयोड, साइलि तथा मर्क औषधियों की कुछ गुणों की तुलना हेक्ला लावा औषधि से कर सकते हैं।

मात्रा :-

हेक्ला लावा औषधि की 2x से 6 शक्ति तक का प्रयोग करना चाहिए।


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