ब्यूटाइरिक एसिड BUTYRIC ACID
परिचय-
इस औषधि का प्रयोग अनेक प्रकार के लक्षणों को ठीक करने में किया जाता है। परन्तु इस औषधि का प्रयोग मुख्य रूप से सिर व आमाशय से संबन्धित लक्षणों को ठीक करने में किया जाता है। शरीर के विभिन्न अंगों के लक्षणों के आधार पर ब्यूटाइरिक एसिड का उपयोग :-
1. मन से सम्बंधित लक्षण :
हमेशा चिन्तित रहना, मन में आत्महत्या करने का विचार करना, रोगी में भय व घबराहट बना रहना, सिर दर्द के कारण छोटी-छोटी बातों से परेशान हो उठना तथा सिर में हल्का दर्द होना आदि मानसिक व सिर रोग के लक्षणों में ब्यूटाइरिक एसिड का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
2. आमाशय से सम्बंधित लक्षण:
भूख कम लगना, पेट व अंतड़ियों में हवा भर जाना, पेट में ऐंठन सा दर्द होना तथा दर्द रात को बढ़ जाना, आमाशय भारी लगना, नाभि के नीचे पेट में ऐंठन होना, दस्त का अधिक आना, दस्त के समय दर्द होना तथा दस्त के समय जोर लगाना या कूंथना आदि आमाशय के रोग में इस औषधि प्रयोग लाभकारी माना गया है।
3. पीठ से सम्बंधित लक्षण :
कमर के निचले भाग में हल्के दर्द के साथ थकान महसूस होना तथा चलने-फिरने से दर्द का बढ़ना, टखनों व टांगों में ऊपर पीछे की ओर दर्द होना आदि लक्षण उत्पन्न होने पर ब्यूटाइरिक एसिड का प्रयोग किया जाता है।
4. नींद से सम्बंधित लक्षण :
नींद का न आना अथवा नींद में डरावने सपने आने के कारण ठीक से सो न पाना आदि नींद रोग में ब्यूटाइरिक एसिड का प्रयोग करने से लाभ होता है।
5. त्वचा से संबन्धित लक्षण :
कोई भी कार्य करने पर पसीना आना, पैरों पर अधिक दुर्गन्धित पसीना आना तथा हाथ की उंगुलियों के नाखून भूरे रंग के हो जाना आदि त्वचा के रोग के लक्षणों में ब्यूटाइरिक एसिड का सेवन करने से रोग ठीक होता है।
वृद्धि :
रात के समय, तेज चलने या शारीरिक हलचल होने पर रोग बढ़ता है।
मात्रा :
ब्यूटाइरिक एसिड 3 शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।
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