बारबेस्कम थैप्सस - BARBESKAM THAIISAS

 बारबेस्कम थैप्सस BARBESKAM THAIISAS 

शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर बारबेस्कम थैप्सस औषधि का उपयोग :-

1. सिर से संबन्धित लक्षण :

सिर दर्द की ऐसी स्थिति जिसमें रोगी को ऐसा महसूस होता है मानो किसी ने उसके खोपड़ी को चकनाचूर कर दिया हो। इस तरह के सिर दर्द में बारबेस्कम थैप्सस औषधि का सेवन करने से दर्द जल्द खत्म होता है।

2. बहरेपन से संबन्धित लक्षण :

बारबेस्कम थैप्सस औषधि बहरेपन को दूर करने वाले सबसे अधिक लाभकारी औषधि है।

3. जोड़ों के दर्द से संबन्धित लक्षण :

जोड़ों का ऐसा दर्द जिसमें डंक मारने जैसा दर्द होता है और बायें घुटने में भी स्नायविक दर्द हो रहा हो तो बारबेस्कम थैप्सस औषधि का सेवन करना चाहिए। इससे जोड़ों का दर्द ठीक होता है।

3. दर्द :

आमतौर पर उत्पन्न होने वाले ऐसे दर्द जिसमें दर्द वाले स्थान पर सुन्नता आ जाती है।

मौसम परिवर्तन के कारण या ठण्डे से गर्म या गर्म से ठण्डे स्थान पर जाने के कारण उत्पन्न होने वाले रोगों के लक्षण।

रोगी व्यक्ति के शरीर में किसी रोग आदि के कारण पैदा होने वाले ऐसे दर्द जिसमें रोगी को ऊपर से नीचे की ओर चीरने-फाड़ने जैसा दर्द होता।

कान बंद हो जाने जैसा अनुभव होना। बायें कान में चीरने, खोंचा मारने जैसा दर्द होना तथा बायें गाल खींचने पर चक्कर आना आदि लक्षण।

तेज दबाव के साथ सिर में दर्द। सिर के बाएं भाग के जोड़ों, कान और गले के आस-पास स्नायविक दर्द रहता हो तथा यह दर्द तापमान परिवर्तन के कारण बढ़ा रहता हो, बातचीत करने, छींकने, भोजन आदि चबाने तथा दान्त से दांत टकराने पर भी तेज हो जाता है।

इस प्रकार दर्द से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए बारबेस्कम थैप्सस औषधि का सेवन करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है।


4. सर्दी से संबन्धित लक्षण :

शरीर में एक ओर कंपकंपाहट पैदा होने वाले लक्षणों में बारबेस्कम थैप्सस औषधि का सेवन लाभकारी होता है।

5. चेहरे से संबन्धित लक्षण :

तापमान बदलने के कारण चेहरे के स्नायुओं में दर्द होने पर बारबेस्कम थैप्सस औषधि रोगी को सेवन करना चाहिए।

6. पेट दर्द से संबन्धित लक्षण :

पेट में मरोड़ के साथ अधिक दस्त लगना आदि लक्षण।

नाभि के आस-पास वाले स्थान पर होने वाले तेज दर्द जिसमें ऐसा महसूस होता है मानो आन्ते उलझ गई हैं।

आंतों में ऐंठन सा दर्द होता है।

पेट में उत्पन्न होने वाले ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी को बारबेस्कम थैप्सस औषधि का प्रयोग करना चाहिए जिसके कारण रोग ठीक हो जाते हैं।


7. मल-मूत्र रोग से संबन्धित लक्षण : 

मल का सूख जाने के कारण मल त्याग करने में परेशानी होना। अधिक कब्ज बनने पर। मूत्र रोग जिसमें मूत्राशय पर दबाव महसूस होता है और पेशाब में जलन होती रहती है। पेशाब करने में परेशानी या पेशाब का बूंद-बूंद करके आता है। अनजाने में बिस्तर पर पेशाब हो जाना आदि लक्षण। इस तरह के लक्षणों में रोगी को बारबेस्कम थैप्सस औषधि उपयोग करना चाहिए।

8. बवासीर रोग से संबन्धित लक्षण :

बवासीर रोग में रोगी को मल त्याग करते समय तेज दर्द होता है तथा मलद्वार पर मस्से आदि निकल आने के कारण मल त्याग के समय मल के साथ खून भी आता है। बवासीर में उत्पन्न होने वाले ऐसे लक्षणों को दूर करने के लिए बारबेस्कम थैप्सस औषधि का प्रयोग लाभकारी होता है।

9. खांसी रोग से संबन्धित लक्षण :

जिस व्यक्ति को सोते समय खांसी होती हो और रोगी बिना उठे ही खांसता रहता है।

स्नायविक खांसी जिसमें गहरी सांस लेने पर खांसी कम हो जाती है। 

ऐसे रोग जिसमें नींद में खांसी आती हो और भोजन आदि पदार्थ निगलते समय गले में तेज दर्द होता है।

इस तरह के खांसी से संबन्धित लक्षणों से ग्रस्त रोगी को बारबेस्कम थैप्सस औषधि का सेवन कराना चाहिए। इससे खांसी के सभी लक्षण दूर होकर रोग ठीक होता है। 


11 सांस से संबन्धित लक्षण :

कभी-कभी ऐसे रोग भी उत्पन्न होते हैं जिसमें सर्दी, जुकाम, खांसी सब स्नायविक पीड़ा के साथ ही आते हैं। रोगी की आवाज कुत्ते भौकने की तरह हो जाता है तथा खोखली खांसी आती है।

कंठ तथा सांस नली में उत्तेजना होने के साथ खांसी का आना आदि लक्षण।

इस तरह के खांसी से संबन्धित लक्षणों में वाले रोगी को बारबेस्कम थैप्सस औषधि देने से रोग ठीक होता है।


12 छाती का रोग से संबन्धित लक्षण :

छाती में चुभन वाला दर्द होने वाले लक्षण तथा शरीर में पसीना न आने पर रोगी को बारबेस्कम थैप्सस औषधि का सेवन कराना चाहिए। इससे रोगी को पसीना आता है और रोग का दूषित द्रव्य बहार निकलता है।

13 आलस्य व थकान :

सोने के बाद भी नींद आना, शारीरिक थकावट, आलस्य तथा शरीर में दर्द होना आदि में बारबेस्कम थैप्सस औषधि का सेवन करने से आलस्य दूर होती है और रोग ठीक होता है।

वृद्धि : 

बैठने पर, तापमान के परिवर्तन होने पर, शाम के समय, सर्दी के कारण, जोर से पढ़ने पर, छींकने, दांत टकराने या किटकिटाने या काटने पर रोग बढ़ता है।

शमन :

बैठने के बाद उठने पर तथा गहरी सांस लेने पर रोग से आराम मिलता है।

संबन्ध :

बारबेस्कम थैप्सस औषधि की तुलना बेल, चायना, लायको, पल्स, रस-टा, सीपि और स्ट्रैम से किया जाता है।

तुलना :

बारबेस्कम थैप्सस औषधि की तुलना एको, ब्राय, कल्के-का, काष्टि, ड्रासेरा, जेल्स, हिपर, काली-स, काली-का, लैके, लायको, मर्क, म्यूरे-ए, नैट्र म्यू, नाइ-ए, ओपिस, फास, रस-टा, स्पान्ज, सल्फ, थूजा आदि औषधियों से किया जाता है।

प्रतिविष :

बारबेस्कम थैप्सस औषधि के सेवन के बाद असावधानी के कारण यदि रोगी को हानि होती है तो उस हानि को रोकने के लिए कैम्फर औषधि का सेवन करना चाहिए।

विशेष प्रयोग :

इस औषधि का तेल मुलियन ऑयल नाम से मिलता है। इसके तेल को कान में डालने से कान का दर्द व बहरापन दूर होता है।


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