परिचय-
आलेट्रिस फैरीनोसा औषधि का प्रयोग अधिकतर स्त्रियों के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इस औषधि का उपयोग विशेषकर मासिकधर्म के समय रक्तस्राव (योनि से रक्त की कुछ मात्रा निकलना) के रोगों को ठीक करने के लिए जैसे- मासिकधर्म में अधिक रक्त का स्राव होना, गर्भपात होने के साथ रक्त का स्राव अधिक होना। स्त्रियों के गर्भाशय की बीमारी होने के साथ प्रदर रोग होना, कब्ज , पाचन शक्ति का कमजोर होना, भोजन करने के बाद पेट भारी सा महसूस होना आदि लक्षणों को ठीक करने के लिए इसका प्रयोग करना चाहिए।
किसी रोगी स्त्री को आधी रात के समय में अधिक मात्रा में रक्त का स्राव हो रहा हो और रक्त का स्राव इतना तेज हो कि रोगी स्त्री बताने में असमर्थ रहती हो, उसे खांसने, चलने तथा सोते समय अपने आप पेशाब निकल जाता है, ऐसे स्त्री रोगी के रोग को ठीक करने के लिए आलेट्रिस फैरीनोसा औषधि की 45000 शक्ति की मात्रा देने से रोग ठीक हो जाता है।
आलेट्रिस फैरीनोसा औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी हैं-
स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण :- मासिकधर्म नियमित समय से पहले तथा मासिकधर्म शुरू होने पर प्रसव जैसी पीड़ा (बच्चे को जन्म देते समय जो दर्द होता है) हो रहा हो और रक्त का स्राव रुक गया हो या कम मात्रा में हो। स्त्री को जरायु (बच्चे दानी) में भारीपन महसूस होती है। जरायुभ्रंश के साथ दायें स्तन के भाग (इंग्युइनल) में दर्द हो रहा हो। स्त्री को बहुत कमजोरी हो गई हो तथा शरीर में खून की कमी हो गई हो तथा गर्भपात होने की आशंका हो, गर्भावस्था के समय में पेशियों में दर्द हो, इस प्रकार के लक्षण यदि रोगी स्त्री में है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए आलेट्रिस फैरीनोसा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
आमाशय तथा मलान्त्र से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी स्त्री को भोजन में रुचि न हो, थोड़ा सा भोजन करने के बाद परेशानी महसूस हो, मलत्याग करने की शक्ति समाप्त हो गई हो जिसके कारण मलाशय में मल सम्पूर्ण रूप से भर जाता है। रोगी स्त्री का मल कठोर तथा लम्बा होता है जिसके कारण मलत्याग करने में बहुत अधिक परेशानी होती है तथा दर्द के साथ मलत्याग होता है। इस प्रकार के लक्षण हो तो रोगी स्त्री का उपचार करने के लिए आलेट्रिस फैरीनोसा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
मन से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी स्त्री की सोचने की शक्ति कमजोर हो गई हो तथा शरीर बहुत अधिक कमजोर हो गया हो तथा भ्रम की अवस्था अधिक हो उत्पन्न हो, मन किसी एक वस्तु पर एकाग्र नहीं हो रहा हो तथा बेहोशी के साथ चक्कर आ रहा हो तो ऐसे रोगी का उपचार आलेट्रिस फैरीनोसा औषधि से करना चाहिए।
मुंह से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी स्त्री को मासिकधर्म से संबन्धित कोई बीमारी हो तथा इसके साथ ही रोगी के मुंह से अत्यधिक झागदार लार निकल रहा हो तो ऐसे रोगी स्त्री का उपचार आलेट्रिस फैरीनोसा औषधि से करना चाहिए।
सम्बन्ध (रिलेशन) :-
आलेट्रिस फैरीनोसा औषधि के कुछ गुणों की तुलना हेलोनियस , टेनासेटम, हाइड्रोस्टिस तथा चायना औषधियों से कर सकते हैं।
मात्रा (डोज) :-
आलेट्रिस फैरीनोसा औषधि की अर्क से तीसरी शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
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