वाइपेरा Vipera
परिचय-
वाइपेरा औषधि गुर्दों पर बहुत अच्छी क्रिया होती है। जिगर में होने वाले रोग, मेरुमज्जा की जलन, गले की जलन, बच्चों की जलन के साथ सूजन होने पर इस औषधि का प्रयोग करने से लाभ मिलता है। विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर वाइपेरा औषधि से होने वाले लाभ-
चेहरे से सम्बंधित लक्षण- रोगी के चेहरे पर बहुत ज्यादा सूजन आ जाना। रोगी की जीभ का सूज कर सूखी, काली रंग की होकर मुंह के बाहर तक फैल जाना जिसके कारण रोगी को बोलने में भी परेशानी होती है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को वाइपेरा औषधि देने से लाभ होता है।
जिगर से सम्बंधित लक्षण - रोगी को जिगर में तेज दर्द होने के साथ-साथबुखार आ जाना, ये दर्द रोगी के कंधों और नितंबों तक फैल जाता है। इन लक्षणों में रोगी को वाइपेरा औषधि का सेवन कराने से रोगी को बहुत आराम मिलता है।
शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण- रोगी को अपने हाथ-पैरों को मजबूरी में ऊपर उठाकर बैठना पड़ता है क्योंकि उन्हें लटकाकर रखने पर रोगी को ऐसा लगता है जैसे कि उसके हाथ-पैर दर्द के मारे फट पड़ें, नसों का सूज जाना जिनको छूते ही बहुत तेज दर्द होता है, रोगी के निचले अंगों में बहुत तेज अकड़नयुक्त दर्द होना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को वाइपेरा औषधि देने से लाभ मिलता है।
चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण- रोगी की त्वचा पर नीले रंग के बड़े-बड़े से चकत्तों का पड़ना, लसीकावाहिनियों के फोड़े जिनमें ऐसा दर्द होता है जैसे कि वह अभी ही फट पड़ेंगें जैसे लक्षणों में रोगी को वाइपेरा औषधि देने से लाभ मिलता है।
तुलना-
वाइपेरा औषधि की तुलना ईल सेरम, पेलियम बेरस से की जा सकती है।
मात्रा-
रोगी को वाइपेरा औषधि की 3 से 12 शक्ति तक देने से रोगी कुछ ही दिनों में स्वस्थ हो जाता है।
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