थाइमोल THYMOL

 थाइमोल THYMOL

परिचय-

थाइमोल औषधि विशेष रूप से जननेन्द्रियों से सम्बंधित विभिन्न लक्षणों पर क्रिया करती है और जननेन्द्रियों से सम्बंधित रोग समाप्त करती है। इस औषधि का प्रयोग वीर्यपात, लिंग में उत्तेजना के साथ दर्द होना और पुर:स्थस्रावों में किया जाता है। इस औषधि के प्रयोग से जननेन्द्रिय अधिक प्रभावित होती है जिससे कभी-कभी लैंगिक अवसाद उत्पन्न हो जाते हैं। थाइमोल औषधि अंकुश कीड़े को समाप्त करने में अधिक लाभकारी है। 

शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर थाइमोल औषधि का उपयोग :-

मन से सम्बंधित लक्षण : मानसिक असन्तुलन के कारण रोगी व्यक्ति में कई प्रकार के लक्षण उत्पन्न होते है जैसे- रोगी व्यक्ति अधिक चिड़चिड़ा हो जाता है तथा वह किसी प्रकार के शासन या दबाव को सहन नहीं कर पाता है। वह अपने इच्छा के अनुसार ही काम करना चाहता है और अपनी इच्छा के अनुसार ही जीना चाहता है। रोगी किसी की बातों को नहीं मानता तथा हर समय अपनी मनमानी ही करता रहता है। रोगी व्यक्ति में सोचने व समझने की शक्ति कम हो जाती है। इस तरह के लक्षणों से पीड़ित रोगी को ठीक करने के लिए थाइमोल औषधि देने से रोग ठीक होता है।

पीठ से सम्बंधित लक्षण :- यदि रोगी को पीठ में थकान महसूस होती है और पूरे कमर में दर्द होता है तो रोगी को थाइमोल औषधि लेनी चाहिए। रोगी में उत्पन्न ऐसे लक्षण जिसमें रोगी को कोई भी काम शारीरिक या मानसिक करने में परेशानी होती है। ऐसे लक्षणों में रोगी को थाइमोल औषधि देने से रोग ठीक होता है।

नींद से सम्बंधित लक्षण :- सुबह सोकर उठने पर थकान महसूस होना। रात के समय कामोत्तेजक सपने देखने के कारण ठीक से नींद न आना आदि लक्षणों में रोगी को थाइमोल औषधि का सेवन करना चाहिए।

पुरुष रोग से सम्बंधित लक्षण :- रात के समय अधिक मात्रा में वीर्यपात होना और साथ ही उत्तेजना वाले सपने आना जिसके कारण अपने आप लिंग उत्तेजित हो जाना आदि लक्षणों में रोगी को थाइमोल औषधि लेनी चाहिए। मूत्रनली में जलन होना तथा बूंद-बूंद करके पेशाब का टपकना। बार-बार पेशाब का आना। यूरेट्स बढ़े हुए तथा फौस्फेट्स कम निकलना आदि लक्षणों में रोगी को थाइमोल औषधि देने से रोग ठीक होता है।

वृद्धि :-

मानसिक और शारीरिक काम करने से रोग बढ़ता है।

मात्रा :-

थाइमोल औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग किया जाता है।


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