प्राइमुला आब्कोनिया (Primula Obconica)
परिचय-
प्राइमरोज एक प्रकार का पौधा होता है। प्राइमरोज-विष इसके ग्रन्थिल केशों में उत्पन्न होता है, जो अनायास टूट जाते हैं और उनसे उपदाहजनक रसक्षरण होता है जो त्वचा के अंदर चला जाता है। विभिन्न लक्षणों में प्राइमुला आब्कोनिका औषधि का उपयोग-
चेहरे से सम्बन्धित लक्षण :- तर अकौता रोग। ठोड़ी पर पिटकीय घाव होना। रात के समय में चेहरे पर जलन होना। शीतपित्त घाव होना। पलकें सूजी हुई रहती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए प्राइमुला आब्कोनिका औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण :- कलाइयों, भुजाओं, बाहों तथा हाथों पर अकौता रोग होना, पिटकीय एवं त्वचा छील देने वाला। कंधों के चारों ओर की जोड़ों पर दर्द होना, हथेलियां शुष्क और गरम होना, संधियों व उंगलियों में कड़कड़ाहट होना, उंगलियों के बीच में घाव होना, हाथों के पीछे बैंगनी धब्बे होना तथा हथेलियों कठोर होना, उंगलियों पर फफोले होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए प्राइमुला आब्कोनिका औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।
चर्म रोग से सम्बन्धित लक्षण :- त्वचा पर अधिक खुजली होना, रात के समय में अधिक खुजली होना, त्वचा पर छोटी-छोटी लाल सूजी हुई फुंसियां होना, सूजन वाले स्थान पर छोटी-छोटी पिटिकायें हो जाती है। चर्म रोग के लक्षणों के साथ ही बुखार से सम्बन्धित लक्षण भी हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए प्राइमुला आब्कोनिका औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
सम्बन्ध (रिलेशन) :-
रस, फैगोपाइरम, ह्ममिया एलीगैन्स, चर्मोपसगों की समानता औषधि यों के कुछ गुणों की तुलना प्राइमुला आब्कोनिका औषधि से कर सकते हैं।
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