औनसमोडियम Onosmodium

 औनसमोडियम Onosmodium

परिचय-

होम्योपैथिक चिकित्सा के मुताबिक औनसमोडियम औषधि को स्त्री-पुरुष दोनों में ही संभोग करने की ताकत को बढ़ाती है। इसके अलावा औनसमोडियम औषधि को स्नायु के दर्द में, आधे सिर के दर्द में इस्तेमाल करने से लाभ मिलता है। विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर औनसमोडियम औषधि का उपयोग-

सिर से सम्बंधित लक्षण- रोगी किसी भी काम को करने में ध्यान नहीं लगा सकता, रोगी अपने दिमाग और शरीर के बीच में सन्तुलन नहीं बना सकता, रोगी हाथों में कोई भी चीज पकड़ता है तो उसके हाथ कांपने लगते हैं लगता है कि उसके हाथों में कोई जान ही नहीं है। इन सारे लक्षणों के आधार पर रोगी को औनसमोडियम औषधि का सेवन कराना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।

नींद से सम्बंधित लक्षण- रोगी को रात में सोते समय नींद नहीं आती है, अगर रोगी को नींद आ भी जाती है तो वह इतनी कच्ची नींद होती है कि रात में कई बार रोगी की आंख खुल जाती है। नींद में रोगी को अजीब-अजीब से और भयानक सपने दिखाई देने लगते हैं, रोगी सुबह सूरज उगने से पहले ही उठकर बैठ जाता है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को औनसमोडियम औषधि का सेवन कराना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।

सिर से सम्बंधित लक्षण- रोगी जब सुबह सोकर उठता है तो उसके सिर के पीछे के हिस्से से लेकर माथे तक दर्द होता है खासकर बाईं तरफ, रोगी की कनपटियों और शंखास्थियों में दर्द होता है, रोगी को अपना सिर इतना भारी सा लगता है जैसे कि किसी ने सिर के ऊपर भारी वजन रखा हो, सिर के घूमने के कारण चक्कर आना, सिर के पीछे के भाग में ऊपर की ओर दबाव पड़ना, याददाश्त का बिल्कुल कमजोर हो जाना, रोगी की नाक बिल्कुल सूखी हुई लगती है। इस तरह के सिर के रोगों के लक्षणों में रोगी को औनसमोडियम औषधि देने से रोगी कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

स्त्री रोग से सम्बंधित लक्षण- मासिकस्राव समय से पहले और काफी समय तक आते रहना, स्त्री को आने वाला प्रदर स्राव (योनि में से पानी आना) बहुत ज्यादा मात्रा में, पीले रंग का, तीखा सा आना, स्त्री की योनि में खुजली और डिम्बाशय में दर्द, यहां तक कि स्त्री को पहने हुए कपड़े भी बोझ लगने लगते है, स्त्री के स्तनों में दर्द और स्तनों के निप्पलों में खुजली होना, रोगी स्त्री के गर्भाशय में बहुत तेजी से होने वाला दर्द, स्त्री की संभोग करने की इच्छा का बिल्कुल समाप्त हो जाना जैसे कि मासिकस्राव आने के समय होता है जैसे लक्षणों में रोगी को औनसमोडियम औषधि देना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।

पुरुष रोग से सम्बंधित लक्षण- रोगी को हर समय यौन उत्तेजना होती रहती है, रोगी का वीर्य संभोग क्रिया के समय बहुत जल्दी निकल जाता है, रोगी को दिमागी नपुसंकता हो जाती है वह हर समय सोचता रहता है कि मेरे अन्दर कोई कमी है इस कारण मै संभोग क्रिया में सफल नहीं हो सकता, संभोग क्रिया के समय रोगी के लिंग में उत्तेजना नहीं हो पाती जैसे लक्षणों में रोगी को औनसमोडियम औषधि देने से लाभ मिलता है।

छाती से सम्बंधित लक्षण- रोगी को अपनी छाती में बहुत तेज दर्द होता है और उसे अपनी छाती सूजी हुई और दर्दनाक लगती है, दिल में दर्द होना, नाड़ी का कमजोर होकर कभी तेज तो कभी धीरे चलना जैसे लक्षणों में रोगी को औनसमोडियम औषधि का सेवन कराने से लाभ मिलता है।

पेट से सम्बंधित लक्षण- रोगी का पेट बहुत ज्यादा फूल जाना, रोगी को ठण्डा पानी पीने का बार-बार मन करता रहता है। इस तरह के लक्षणों मे रोगी को औनसमोडियम औषधि का सेवन कराना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।

आंखों से सम्बंधित लक्षण- रोगी को अपनी आंखों से बिल्कुल साफ दिखाई न देना, रोगी को अपनी आंखों में ऐसा महसूस होना जैसे कि आंखों में मोच सी आ गई हो, आंखों की पेशियों के कमजोर हो जाने के कारण आंखों की रोशनी कम हो जाना, नेत्रकोटर और नेत्रगोलकों के बीच में दर्द जो बाईं कनपटी तक फैल जाता है। इन सारे लक्षणों में रोगी को औनसमोडियम औषधि देने से रोगी कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

गले से सम्बंधित लक्षण- गले का बहुत ज्यादा सूख जाना, पश्च-नासारंध्र (नाक के पीछे के हिस्सा) से स्राव आना, गले में कच्चेपन और खरोंचने जैसा महसूस होना, रोगी को पश्च-नासारंध्र (नाक के पीछे के हिस्सा) बंद से महसूस होते हैं। इस तरह के लक्षणों में रोगी को औनसमोडियम औषधि का सेवन कराने से आराम मिलता है।

बाहरीय अंग से सम्बंधित लक्षण- रोगी की पीठ में दर्द होना, रोगी को पैरों में घुटने के पीछे वाले भाग में और घुटने के नीचे थकावट और सुन्नपन सा लगता है, जिसके कारण रोगी चलते समय लड़खड़ाकर चलता है, रोगी के बाएं स्कंधप्रदेश में तेजी से दर्द होना, रोगी की पेशियों का बहुत ज्यादा कमजोर होना और उसमें थकान सी होना जैसे लक्षणों में रोगी को औनसमोडियम औषधि देने से लाभ मिलता है।

वृद्धि-

चलने-फिरने से, झटका लगने से और ज्यादा कसे हुए कपड़े पहनने से रोग बढ़ जाता है।

शमन-

पीठ के बल लेटने से, कपड़े उतार देने से, ठण्डे पानी को पीने से और भोजन करने से रोग कम हो जाता है।

तुलना-

नेट्रम-म्यू, लिलियम, जेल्सी और रूटा से औनसमोडियम औषधि की तुलना की जा सकती है।

मात्रा-

रोगी को औनसमोडियम औषधि की 30x की मात्रा देने से रोगी कुछ ही दिनों में स्वस्थ हो जाता है। 


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