ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम Oleander-Nerium Odorum

 ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम Oleander-Nerium Odorum

परिचय-

ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि चर्मरोगों, दिल के रोगों और स्नायुमण्डल पर बहुत अच्छी क्रिया करती है। विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि का उपयोग-

मन से सम्बंधित लक्षण- रोगी की याददाश्त बहुत कमजोर हो जाती है किसी भी बात को कुछ ही देर में भूल जाता है। रोगी को किसी भी बात को समझने में बहुत देर लगती है। विषादाग्रस्त और इसी के साथ ही कब्ज का भयानक रोग जैसे लक्षणों में रोगी को ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि का सेवन कराना काफी लाभदायक रहता है।

सिर से सम्बंधित लक्षण- रोगी के सिर में इतना तेज दर्द होता है कि उसे लगता है कि उसका सिर कुछ ही पलों में फट पड़ेगा। रोगी को अपना सिर बिल्कुल सुन्न सा महसूस होता है। रोगी जैसे ही नीचे की ओर देखता है तो उसे चक्कर आने लगते हैं और हर चीज दो-दो दिखाई देने लगती है। रोगी अगर किसी भी चीज को लगातार देख ले तो या बिस्तर में सिर उठाते समय चक्कर आने लगते हैं। रोगी किसी भी बात को सोचने और समझने में बहुत समय लगा देता है, रोगी की खोपड़ी पर फुंसियां सी निकल जाती हैं। रोगी के माथे पर और बालों के किनारे-किनारे बहुत तेज खुजली जो गर्मी से तेज हो जाती है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि का सेवन कराने से रोगी कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।

आंखों से सम्बंधित लक्षण- रोगी अगर कोई लिखाई-पढ़ाई का काम करता है तो उसकी आंखों में से पानी निकलने लगता है, रोगी को आंखों से देखने पर हर चीज दो-दो रूपों में दिखाई देने लगती है, रोगी के बगल में से देखने पर ही कोई चीज दिखाई पड़ती है, रोगी को अपनी आंखें ऐसी महसूस होती है जैसे कि वह सिर में पीछे की ओर खिंच गई हो, आंखों के आसपास के भाग में चारों तरफ नीले-नीले से धब्बे पड़ना, इन सारे लक्षणों में रोगी को ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि देने से लाभ मिलता है।

आमाशय से सम्बंधित लक्षण- रोगी को बहुत तेज भूख लगना ऐसी कि चाहे रोगी को कितना भी भोजन करा लिया जाए वह फिर भी भूख-भूख ही करता रहता है। रोगी को बहुत तेज प्यास लगती है, रोगी को हर समय डकारे सी आती रहती है, रोगी जो कुछ भी खाता है वह उल्टी के रूप में बाहर निकल जाता है आदि लक्षणों में रोगी को ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि का सेवन कराने से आराम मिलता है।

पेट से सम्बंधित लक्षण- रोगी के पेट में हवा सी गड़गड़ाहट होना और इसी के साथ ही मलद्वार से बहुत ज्यादा गन्दी हवा का निकलना, रोगी को अपनी नाभि के चारों ओर ऐसा दर्द होता है जैसे कि कोई नोच रहा हो, रोगी को लगता है कि उसको मलक्रिया करनी है लेकिन वह मलक्रिया के लिए बहुत देर तक बैठा रहता है उसको फिर भी मल नहीं आता, रोगी को मलद्वार में दर्द के साथ जलन सी होती है, रोगी जो कुछ भी रात को खाता है वो सुबह के समय दस्त के साथ बाहर निकल जाता है जैसे लक्षणों में रोगी को ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि देने से लाभ मिलता है।

सांस से सम्बंधित लक्षण- रोगी को अपनी छाती पर बहुत वजन सा रखा हुआ महसूस होता है, रोगी जैसे ही लेटता है तो उसकी सांस बड़ी तेज-तेज दमे के रोग जैसी चलने लगती है, रोगी की धड़कन अनियमित हो जाती है जैसे कभी तेज और कभी कम, रोगी को सांस लेने में परेशानी होती है, रोगी को अपनी छाती में कमजोरी और खालीपन सा महसूस होता है, रोगी की छाती में धीरे-धीरे होने वाली सूचीवेदी वेदनाएं। इन सब लक्षणों के आधार पर रोगी को ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि का सेवन कराना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।

शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण- रोगी के निम्नांगों में कमजोरी आना, रोगी के टांगों और पैरों में कमजोरी आ जाना, रोगी के पैर बर्फ की तरह ठण्डे पड़ जाना, रोगी को कमजोरी आ जाने के कारण बेहोशी सी छाई रहती है, रोगी को अपने शरीर के अलग-अलग भागों मे बहुत ज्यादा दबाव महसूस होता है जैसे लक्षणों में रोगी को ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि देना बहुत ही उपयोगी साबित होता है।

चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण- त्वचा पर निकलने वाले फोड़े-फुंसियां जिनमें से खून बहता ही रहता है, रोगी की त्वचा पर खुजली के साथ पपड़ीदार फुंसियां जिनमें रात के समय बहुत खुजली सी मचती है, त्वचा का बहुत ज्यादा संवेदनशील हो जाना जिसमें जरा सी खुजली करने से ही त्वचा छिल जाती है, रोगी को बिल्कुल पसीना नहीं आता है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि देने से लाभ मिलता है।

वृद्धि-

कपड़े उतारने से, आराम करने से, कपड़ों की रगड़ से रोग बढ़ जाता है।

शमन-

इधर-उधर देखने से और लेटने से रोग कम हो जाता है।

प्रतिविष-

कैम्फर, सल्फर औषधियों का उपयोग ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि के दोषों को दूर करने के लिए किया जाता है।

तुलना-

कोनि, नेट्र-म्यू, रस-टा, कास्टि, लैथीर से ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि की तुलना की जा सकती है।

मात्रा-

रोगी को ओलिएण्डर-नेरियम ओडोरम औषधि की 3X से लेकर 30X तक की मात्रा देने से रोगी कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। 


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