मेफाइटिस (Mephitis)
परिचय-
काली खांसी को ठीक करने के लिए मेफाइटिस औषधि का उपयोग लाभदायक है। काली खांसी को ठीक करने के लिए इस औषधि की 1X से 3X तनुकरणों का उपयोग करना चाहिए। रोगी को दम घुटने का अहसास होता है, दमा के दौरे पड़ने लगते हैं, तेज खांसी हो जाती है और इतनी तेज खांसी होती है जैसे इससे मृत्यु हो जायेगी। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए मेफाइटिस औषधि का प्रयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है।
बच्चे का चेहरा नीला या लाल पड़ जाता है, बच्चे को श्वास लेने व छोड़ने में परेशानी होती है, छाती के ऊपरी भाग से श्लेष्मिक रालें निकलती हैं। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी बच्चे के रोग को ठीक करने के लिए मेफाइटिस औषधि का प्रयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है।
मेफाइटिस औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी है-
मन से सम्बन्धित लक्षण:- रोगी का मन उत्तेजित होता है, रोग के कारण न रोगी सो पाता है और न ही काम कर पाता है तथा इसके साथ ही रोगी को काली खांसी हो जाती है, चेहरा लाल और नीला पड़ जाता है या दमा का रोग हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए मेफाइटिस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
आंखों से सम्बन्धित लक्षण:- अधिक काम करने के कारण आंखों में दर्द होता है, आंखों की रोशनी धुंधली हो जाती है तथा अक्षर को समझने में परेशानी होती है। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए मेफाइटिस औषधि का उपयोग करना चाहिए।
मुंह से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के दांत में दर्द होता है तथा दांत में झटका लगता है, जीभ का स्वाद ऐसा हो जाता है जैसे प्याज खाने के बाद होता है। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए मेफाइटिस औषधि का उपयोग लाभदायक है।
श्वसन संस्थान से सम्बन्धित लक्षण:- रोगी को काली खांसी हो जाती है, दिन में दौरे कम तथा रात को अधिक होता है, भोजन के बाद उल्टी होती है, बातचीत करने से खांसी अधिक होती है तथा इसके साथ कच्चापन महसूस होता है, छाती में दर्द होता है, रात को खांसी अधिक होती है। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए मेफाइटिस औषधि उपयोग लाभकारी है।
नींद से सम्बन्धित लक्षण:- रोगी को रात के समय में नींद खुल जाती है तथा इसके साथ ही काली खांसी हो जाती है और रात के समय में अधिक खांसी उत्पन्न होती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए मेफाइटिस औषधि का उपयोग करना चाहिए।
सम्बन्ध (रिलेशन) :-
कोरेलि, स्टिकटा तथा ड्रासेरा औषधि के कुछ गुणों की तुलना मेफाइटिस औषधि से कर सकते हैं।
मात्रा (डोज) :-
मेफाइटिस औषधि की पहली से तीसरी शक्ति का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए करना चाहिए। इसकी क्रियावधि कम रहती है।
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