लिडम पैलस्टर (Ledum paluster)
परिचय-
जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगी और गठिया रोग से पीड़ित रोगी तथा पुराने शराबियों के लिए भी यह औषधि लाभदायक है। कील, सूआ आदि चुभने से घाव होने पर लिडम पैलस्टर औषधि का उपयोग करना लाभदायक होता है। कीडे़, मकोड़ें, बरैया के डंक, चूहे के काटने से उत्पन्न घाव, विशेष करके मच्छर से काटे हुए घाव को ठीक करने में इस औषधि का लाभकारी प्रभाव है।
टखना और पांव में किसी प्रकार से मोच आ जाने पर लिड़म पैलस्टर औषधि का प्रयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप मोच ठीक हो जाता है। ब्रैन्डिड शराब पीने वालों की तरह माथा और गाल में सुर्ख फुन्सियां निकलने पर लिडम पैलस्टर औषधि का उपयोग करना चाहिए।
विभिन्न लक्षणों में लिड़म पैलस्टर औषधि का उपयोग-
शारीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण :- जोड़ों पर सख्त गांठें पड़ना, वात रोग के कारण किसी अंग का पतला पड़ जाना जिसका दर्द तिरछा चलता है जैसे- बांयें कन्धें पर से दाहिने कूल्हें के जोड़ में दर्द होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी को दर्द में जलन और टीस महसूस होती है, हाथ-पैर चलाने से और रात के समय में, बिस्तर की गर्मी और ओढ़ने से लक्षणों में वृद्धि होती है। जब रोगी पैर को बर्फ के पानी में रखता है तो कुछ आराम मिलता है। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए लिड़म पैलस्टर औषधि उपयोग लाभदायक है।
घुटनों से सम्बन्धित लक्षण :- घुटनों तक पांव की सूजन हो जाती है, टखने में सूजन आ जाती है, चलने से ऐसा दर्द महसूस होता है कि मानो मोच आ गई हो, पांव के अंगूठें और एड़ी में अत्यंत दर्द के साथ सूजन आ जाती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए लिड़म पैलस्टर औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।
हाथ और पैर के अंगुलियों से सम्बन्धित लक्षण :- हाथ और पैर के उंगुलियों के जोड़ों में दर्द होने पर लिड़म पैलस्टर औषधि का प्रयोग करना चाहिए। लेकिन यदि औरतों के उंगुलियों के जोड़ों में दर्द हो रहा हो तो कालोफाइलम औषधि का उपयोग अधिक लाभदायक है। औरतों के उंगुलियों के जोड़ों में दर्द हो रहा हो तथा दर्द का असर शाम के समय में तेज हो रहा हो तो कालचिकम औषधि का उपयोग अधिक लाभदायक होता है।
चोट से सम्बन्धित लक्षण :- चोट लगकर वात रोग हो गया हो तो रोग को ठीक करने के लिए लिडम पैलस्टर औषधि का उपयोग करना चाहिए। शारीर में कहीं भी चोट लगकर त्वचा नीली पड़ जाए तो इस औषधि का उपयोग लाभदायक है।
शरीर के नसों से सम्बन्धित लक्षण :- शरीर के नसों में किसी प्रकार से चोट लग जाने के कारण उत्पन्न रोग तथा हड्डी के ऊपर की झिल्ली में चोट को ठीक करने के लिए लिड़म पैलस्टर औषधि का उपयोग करना चाहिए।
आंखों से सम्बन्धित लक्षण :- आंखों के पुतली में किसी प्रकार से चोट लगने से उत्पन्न लक्षणों को ठीक करने के लिए लिड़म पैलस्टर औषधि का उपयोग कर सकते हैं। ऐसे ही लक्षणों को ठीक करने के लिए सिम्फाइटम औषधि का प्रयोग कर सकते हैं।
हड्डी से सम्बन्धित लक्षण :- हड्डी टूट जाने तथा किसी प्रकार से हड्डी पर चोट लगने के कारण उत्पन्न रोग को ठीक करने के लिए लिडम पैलस्टर औषधि का प्रयोग लाभदायक है।
सम्बन्ध (रिलेशन) :-
* चोट लगने पर अर्नि, क्रोटेलस, हैमे, बेलिस और रूटा औषधियों का प्रयोग करते हैं लेकिन ऐसे ही लक्षणों पर लिडम पैलस्टर औषधि का उपयोग कर सकते हैं। अत: इन औषधियों के कुछ गुणों की तुलना लिडम पैलस्टर औषधि से कर सकते हैं।
* चोट लगने के बाद दर्द का असर अधिक दिनों तक हो तो इस लक्षण को ठीक करने के लिए कोनायम औषधि का उपयोग करते हैं और ऐसे ही लक्षणों को ठीक करने के लिए लिडम पैलस्टर औषधि का उपयोग करते हैं। अत: कोनायम के कुछ गुणों की तुलना लिडम पैलस्टर औषधि से कर सकते हैं।
वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) :-
गर्मी से, बिस्तर की गर्मी से तथा शाराब पीने से रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है।
शामन (एमेलिओरेशन) :-
ठण्डे पानी में पांव रखने से तथा सिर खुला रखने से लक्षण नष्ट होने लगते हैं।
मात्रा (डोज) :-
लिडम पैलस्टर औषधि की तीसरी से तीसवीं शाक्ति का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।
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