काली सायनैटम Kali Cyanatum
परिचय-
काली सायनैटम औषधि को जीभ में कैंसर होने पर और स्नायु का दर्द होने के कारण परेशानी होने पर इस्तेमाल करना लाभकारी रहता है। इसके अलावा उल्टी होने के कारण सिर में दर्द होने, गृध्रसी (साइटिका) और मिर्गी आदि रोगों में भी ये औषधि काफी असरदार मानी जाती है। विभिन्न रोगों के लक्षणों में काली सायनैटम औषधि से होने वाले लाभ-
जीभ से सम्बंधित लक्षण- रोगी की जीभ में छालों के रूप में जख्म से हो जाना जिनके किनारे सख्त से रहते है, बोलने में परेशानी होती है, वाकशक्ति (आवाज) चली जाती है लेकिन दिमागी कमजोरी बनी रहती है, ऐसे लक्षणों में रोगी को काली सायनैटम औषधि देने से लाभ मिलता है।
चेहरे से सम्बंधित लक्षण- कनपटियों में तेजी से होने वाला स्नायु का दर्द, जो रोजाना एक ही समय पर उठता है, कोटरप्रदेश तथा अध:हनुप्रदेश (आधे जबड़े में दर्द होना) में दर्द होने के कारण रोगी का तेजी से चिल्लाना और बेहोश हो जाना जैसे लक्षणों में रोगी को काली सायनैटम औषधि का सेवन कराना लाभकारी रहता है।
सांस से सम्बंधित लक्षण- रोगी को लेटते ही खांसी चालू हो जाती है जिसके कारण वह सो भी नहीं पाता, सांस लेने में परेशानी होती है जिसके कारण वह गहरी सांस भी नहीं ले पाता, इस तरह के सांस रोग से सम्बंधित लक्षणों में काली सायनैटम औषधि का प्रयोग काफी लाभदायक रहता है।
वृद्धि-
सुबह के 4 बजे से लेकर शाम को 4 बजे तक रोग बढ़ जाता है।
तुलना-
काली सायनैटम औषधि की तुलना स्टैनम, सेड्रान, मेजीटियम और प्लैटीना से की जा सकती है।
मात्रा-
काली सायनैटम औषधि को रोगी को उसके रोग के लक्षणों को जानकर 6x से 200 शक्ति तक देने से लाभ मिलता है।
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