हाइड्रोसियानिकम ऐसिड Hydrocyanicum Acid

 हाइड्रोसियानिकम ऐसिड Hydrocyanicum Acid

परिचय-

हाइड्रोसियानिकम ऐसिड औषधि का दूसरा नाम ऐसिड है। यह औषधि एक प्रकार का जहर है तथा इस औषधि की एक बून्द सेवन करने से कुछ ही समय में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है, लेकिन जब इस औषधि का शक्तिदायक रूप में प्रयोग किया जाता है तो यह लाभदायक होता है, जैसे हैजा की अन्तिम अवस्था, अकड़न, रोगी का पीठ धनुष के आकार में अकड़ जाना तथा हृदय के रोग, इस प्रकार के रोग की अवस्था में औषधि का प्रयोग करने से रोग ठीक हो जाता है तथा उसे अधिक आराम मिलता है। मन से सम्बन्धित लक्षण :- हाइड्रोसियानिकम ऐसिड औषधि का प्रयोग उन रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है जिस रोगी को बहुत अधिक डर लगता है तथा कभी-कभी रोगी बेहोश भी हो जाता है, वह काल्पनिक कष्टों से डरने लगता है तथा हर चीज से डरने लगता है जैसे घोड़ा, रेलगाड़ी तथा किसी घर आदि। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हाइड्रोसियानिकम ऐसिड औषधि का प्रयोग करना चाहिए। 

सिर से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के सिर में तेज दर्द होता है तथा मस्तिष्क पर ऐसे महसूस होता है जैसे आग रखा हो, रोगी का नेत्रपटल स्थिर रहता है अथवा फैला रहता है तथा सिर के नाड़ियों में दर्द होने लगता है तथा चेहरे के दर्द वाले भाग में गर्माहट महसूस होती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हाइड्रोसियानिकम ऐसिड औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।

चेहरा से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के चेहरे पर ऐंठन तथा कठोरपन महसूस होने लगता है तथा इसके कारण जबड़े आपस में भिंच जाते हैं, मुंह पर झाग आ जाता है तथा होंठ पीला और नीला हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हाइड्रोसियानिकम ऐसिड औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

आमाशय से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के जीभ पर ठण्डक महसूस होती है, पेय पदार्थ पीने से गले के अन्दर तथा आमाशय में गड़गड़ाहट होने लगता है तथा पाचन संस्थान में दर्द (गेस्ट्रीलगिया), पेट खाली महसूस होता है तथा आमाशय में दर्द होता है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए हाइड्रोसियानिकम ऐसिड औषधि का प्रयोग फायदेमन्द होता है।

\'श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी जब सांस लेता है तो आवाज होती है तथा इसके साथ खांसी भी हो जाती है, रोगी की हालत दमा रोगी के तरह हो जाता है तथा इसके साथ ही गले के अन्दर का भाग सिकुड़ जाता है, काली खांसी होना, फेफड़ों पर लकवा का प्रभाव होना, फेफड़ों के शिराओं में खून जमा होने लगता है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए हाइड्रोसियानिकम ऐसिड औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।

हृदय से सम्बन्धित लक्षण :- हृदय की धड़कन तेज हो जाती है, नाड़ी कमजोर हो जाती है तथा अनियमित होती है, शरीर के बाहरी भाग में ठण्डक महसूस होती है, छाती में दर्द होता है। इस प्रकार के लक्षण होने पर रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हाइड्रोसियानिकम ऐसिड औषधि का प्रयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोगी का रोग ठीक हो जाता है।

नींद से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को जम्भाइयां आने लगती है तथा इसके साथ ही ठण्ड लगना तथा अजीब-अजीब सपने आना, ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हाइड्रोसियानिकम ऐसिड औषधि का उपयोग लाभदायक है। 

सम्बन्ध (रिलेशन) :-

सिक्यूटा, कैम्फ, लौरोसे तथा ओनांथे औषधि के कुछ गुणों की तुलना हाइड्रोसियानिकम ऐसिड औषधि से कर सकते हैं।

प्रतिविष :-

अमोनि, ओपियम तथा कैम्फ औषधियों का उपयोग हाइड्रोसियापिनक एसिड औषधि के हानिकारक प्रभाव को नष्ट करने के लिए किया जाता है।

मात्रा :-

हाइड्रोसियानिकम ऐसिड औषधि के 6 या उच्चतर शक्तियां का प्रयोग किया जाता है।


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