फिलिक्स मास-एस्पीडियम FILIX MAS-ASPIDIUM

 फिलिक्स मास-एस्पीडियम FILIX MAS-ASPIDIUM

परिचय-

फिलिक्स मास-एस्पीडियम औषधि मुख्य रूप से पेट के कीड़ों को नष्ट करने में लाभकारी होती है। कब्ज के साथ पेट में कीड़े बनने पर यह औषधि प्रयोग करने से कीड़े समाप्त होते हैं और कब्ज दूर होता है। फीताकृमि (टेप्युर्वोम्स)। नींद का अधिक आना। लसीका ग्रन्थियों का शिथिल प्रदाह। युवा अवस्था में गुर्दे की टी.बी. होना तथा बुखार का होना तथा सीमित घाव बना रहना जिसे पहले कण्डमाला (स्क्रोफ्युला) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को फिलिक्स मास-एस्पीडियम औषधि का प्रयोग करना चाहिए। 

शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर फिलिक्स मास-एस्पीडियम औषधि का उपयोग :-

आंखों से संबन्धित लक्षण :- दिखाई न देना तथा एक आंख से कम दिखाई देना आदि रोगों में रोगी को फिलिक्स मास-एस्पीडियम औषधि देने से रोग ठीक होता है।

पेट से संबन्धित लक्षण :- पेट का फूल जाना। पेट में दर्द होना जैसे किसी ने चुटकी भर दिया हो, मीठी चीजें खाने से रोग का बढ़ जाना। दस्त और उल्टी होना। पेट में कीड़े होने से दर्द होने के साथ नाक में खुजली होना, चेहरा पीला होना, आंखों के चारों ओर नीले छल्ले बनना तथा हिचकी अधिक आना आदि लक्षणों में रोगी को फिलिक्स मास-एस्पीडियम औषधि का सेवन कराने से रोग ठीक होता है।

तुलना :-

फिलिक्स मास-एस्पीडियम औषधि की तुलना एस्पीडियम एल्हामैंटिकम, सीना, ग्रैनैटकम तथा कूसो से की जाती है।

मात्रा :-

फिलिक्स मास-एस्पीडियम औषधि के 1 से 3 शक्ति का प्रयोग किया जाता है। फीताकृमि निकालने के लिए ओलियोरेसिन 135.50 से 3.50 ग्राम की मात्रा का सेवन करें और उस दिन उपवास भी रखें। 


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