फाइकस इण्डिका या बंगार्लेसिस FICUS INDICA OR BENGALESIS

 फाइकस इण्डिका या बंगार्लेसिस FICUS INDICA OR BENGALESIS

परिचय-

फाइकस इण्डिका औषधि को बंगार्लेसिस औषधि भी कहते हैं। फाइकस रिलजियोसा औषधि की अपेक्षा फाइकस इण्डिका औषधि में रक्तस्राव को रोकने की अधिक शक्ति होती है। किसी कारण से शरीर के किसी भी अंग से खून निकलने पर फाइकस इण्डिका औषधि का प्रयोग करने से खून का निकलना तुरन्त बन्द हो जाता है। गले या मुंख से साफ खून निकलने पर फाइकस इण्डिका औषधि का प्रयोग किया जाना लाभकारी होता है। फाइकस इण्डिका औषधि का प्रयोग मल या मूत्र त्याग से पहले खून का आना तथा स्त्रियों में रक्तप्रदर आने पर किया जाता है। 

शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर फाइकस इण्डिका औषधि का उपयोग :-

रक्तस्राव में औषधि का प्रयोग :- शरीर के विभिन्न भागों से होने वाले रक्तस्राव जैसे- बवासीर व खूनी बवासीर में खून का आना तथा मुंह या गले से होने वाले रक्तस्राव आदि में फाइकस इण्डिका औषधि के प्रयोग से खून का आना समाप्त होता है। खूनी पेचिश अर्थात दस्त के साथ खून का आना तथा मल-मूत्र करने से पहले खून का आना आदि लक्षणों में इस औषधि का प्रयोग करने से रोग ठीक होता है।

मासिकधर्म के दौरान खून का आना आदि में फाइकस इण्डिका औषधि का प्रयोग लाभकारी होता है।

मूत्र से संबन्धित लक्षण :- फाइकस इण्डिका औषधि का प्रयोग सूजाक, मधुमेह रोग तथा मधुमेह के कारण पेशाब में जलन होना तथा पेशाब में खून का आना आदि लक्षणों किया जाता है।

सार्वदैहिकता :-

रोगी के अन्दर शुक्राणु नष्ट होने के कारण स्नायु दुर्बलता तथा अधिक रक्तस्राव होना आदि लक्षणों में फाइकस इण्डिका औषधि का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।


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