फेरम फास्फोरिकम FERRUM FASFORIKAM

 फेरम फास्फोरिकम FERRUM FASFORIKAM

परिचय-

शरीर के किसी भी अंग की जलन को ठीक करने के लिए होमियोपैथिक चिकित्सा में जितनी भी औषधियां बनाई गई हैं, उसमें फेरम फास्फोरिकम औषधि सबसे अधिक लाभकारी है। फेरम फास्फोरिकम औषधि में लौह तत्व मौजूद होता है, जिसके कारण इस औषधि में खून को प्रवाहित करने की शक्ति होती है। इसके साथ ही फेरम फास्फोरिकम औषधि में फास्फोरस की मात्रा मौजूद होने के कारण यह फेफड़े और आमाशय से संबन्धित रोगों के लक्षणों को दूर करने में लाभकारी माना गया है। फेरम फास्फोरिकम औषधि में लोहे और फास्फोरस के मेल से बनने के कारण यह औषधि खून के बहाव को तेज करती है। इस औषधि के कारण होने वाले खून के बहाव में खून का रंग चमकीला लाल होता है और यह खून का बहाव शरीर के किसी भी द्वार से हो सकता है। वास्तव में फेरम फास्फोरिकम औषधि को ठीक से परीक्षण किया जाए तो इस औषधि में और भी बहुत से नए गुण पाये जा सकते हैं। फेरम फास्फोरिकम औषधि का प्रयोग उन व्यक्तियों में अधिक किया जाता है, जिसके शरीर में खून की कमी होती है। रोगी के शरीर में खून अधिक होता है, उसके लिए फेरम फास्फोरिकम के स्थान पर एकोनाइट औषधि का सेवन करना लाभकारी होता है।

विभिन्न प्रकार के लक्षणों के आधार पर फेरम फास्फोरिकम औषधि का उपयोग :-

फेरम फास्फोरिकम औषधि का प्रयोग ऐसे रोगों में भी किया जाता है, जिसके शरीर में खून की अधिक कमी हो, खून की कमी के कारण उसका चेहरा पीला हो गया हो और कमजोरी होने के कारण शरीर का खून किसी एक स्थान पर एकत्रित हो गया हो। ऐसे में फेरम फास्फोरिकम औषधि सेवन करना लाभकारी होता है।

गठिया रोग से परेशान रोगी को भी फेरम फास्फोरिकम औषधि का सेवन कराना लाभकारी होता है। परन्तु फेरम फास्फोरिकम औषधि का सेवन रोग में रस क्षरण की स्थिति पैदा होने से पहले ही किया जाना लाभकारी होता है।

फेरम फास्फोरिकम औषधि का सेवन ऐसे रोगियों के लिए भी लाभकारी है, जो रोगी खून की कमी के कारण उत्पन्न होने वाले मन्दाग्नि के फलस्वरूप पेट के विकारों से पीड़ित रहते हैं और उन्हें अधिक डकारें आती है। ऐसे में फेरम फास्फोरिकम औषधि का सेवन कराने से रोगी बहुत जल्द ही ठीक हो जाता है।

कमजोरी और खून की कमी के कारण जिन व्यक्तियों को रात में पसीना आना आदि रोग हो तो ऐसे रोग में फेरम फास्फोरिकम औषधि का सेवन लाभकारी होता है।


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