फेल टौरी़ FEL TAURI

 फेल टौरी़ FEL TAURI

परिचय-

फेल टौरी औषधि का प्रयोग अनेक प्रकार के रोगों को ठीक करने में किया जाता हैं। फेल टौरी औषधि शरीर में बनने वाली वसा पदार्थों को पतला कर शरीर में उसकी मात्रा को सन्तुलित करती है तथा ग्रहणी स्रावों (ड्यूडेनल सेक्रेशनस) व आंतों की पुर:सरण (पेरिस्टैल्टीक एक्शन) क्रिया को बढ़ती है। यह औषधि पित्त को पतला कर बाहर निकालती है। यह औषधि अधिक दस्त को रोकने वाली होती है। इसके अतिरिक्त पाचनतन्त्र का खराब होना, दस्त लाने तथा गले के जोड़ों पर उत्पन्न होने वाले दर्द में यह औषधि अधिक लाभकारी होती है। यह औषधि पित्त की नलियों में रुकावट को दूर करने तथा पित्त पथरी को गलाकर निकालने में सहायक होता है। कामला (पीलिया) रोग में भी फेल टटौरी औषधि का प्रयोग करने से रोग ठीक होता है। 

शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर फेल टौरी औषधि का उपयोग :-

आमाशय से संबन्धित लक्षण :- रोगी को यदि डकारें अधिक आती हो और साथ ही आमाशय व अधिजठर प्रदेश में गड़गड़ाहट होती हो तो इस तरह के लक्षणों में फेल टौरी औषधि का सेवन करना चाहिए। तेज पुर:सरण गतियां। भोजन करने के बाद आलस्य उत्पन्न होने के साथ नींद आना आदि लक्षणों में फेल टौरी औषधि का प्रयोग लाभकारी होता है।

तुलना :-

फेल टौरी औषधि की तुलना मर्क्यू-डिल्स, कोलेस्टेरिन तथा कैज्कुलोबिलाइ से की जाती है।

मात्रा :-

रोग के अनुसार फेल टौरी औषधि के निम्न शक्ति का प्रयोग किया जाता है।

विशेष :-

पित्त पथरी को तोड़ने के लिए यदि फेल टौरी औषधि के स्थान पर कैल्कुलोबिलाई का प्रयोग कर रहें है तो कैल्कुलोबिलाइ का 10 या 12x का प्रयोग करें।


0 comments:

एक टिप्पणी भेजें