यूफ्रेशिया (आइब्राइट- यूफ्रे) EUPHRASIA (Eyebright)

 यूफ्रेशिया (आइब्राइट- यूफ्रे) EUPHRASIA (Eyebright) 

परिचय-

यूफ्रेशिया औषधि कई प्रकार के रोगों को ठीक करता है परन्तु यह औषधि विशेष रूप से आंखों के रोग को ठीक करने में अधिक लाभकारी मानी गई है। यदि आंखों के वेतपटल की झिल्ली में जलन होने के कारण आंखों से पानी अधिक निकल रहा हो तो यूफ्रेशिया औषधि का प्रयोग करने से लाभ मिलता है। इस तरह के रोग में रोगी को खुली हवा में आराम मिलता है। आंखों से पानी अधिक निकलना, आंखों का लाल होना, रोशनी से डर लगना, आंखों में जलन, आंखों की सूजन तथा आंखों से गन्दगी का निकलना आदि रोगों में यूफ्रेशिया औषधि विशेष रूप से लाभकारी है। श्लेम कलाओं (म्युकस मेम्बब्रेंस), विशेष रूप से आंखों और नाक की श्लैमिक झिल्लियों से पानी का निकलना तथा आंखों से जलनयुक्त आंसू का निकलना आदि लक्षणों को यूफ्रेशिया औषधि दूर करता है। नाक से पानी की तरह साफ नजले का निकलना तथा नाक से नजले का स्राव शाम के समय अधिक हो जाना आदि में भी इस औषधि का प्रयोग लाभकारी होता है। यह औषधि आंखों के सभी प्रकार के नए या पुराने रोगों में लाभकारी है। खंखारने पर बदबूदार बलगम का निकलना आदि में यूफ्रेशिया औषधि का प्रयोग करने से लाभ मिलता है। 

शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर यूफ्रेशिया औषधि का उपयोग :-

सिर से संबन्धित लक्षण :-

सिर में साधारण दर्द होने पर तथा सिर फटने व आंखें चौंधिया देने वाले दर्दों में यूफ्रेशिया औषधि का प्रयोग करने से दर्द में आराम मिलता है। जुकाम के कारण होने वाले सिर दर्द के साथ आंखों और नाक से अधिक मात्रा में पानी का निकलना आदि लक्षण उत्पन्न होने पर यूफ्रेशिया औषधि का प्रयोग करने से रोग ठीक होता है।

नाक से संबन्धित लक्षण :-

नाक से अधिक मात्रा में पानी का निकलना तथा तेज खांसी के साथ बलगम का आना आदि लक्षणों में रोगी को यूफ्रेशिया औषधि देने से रोग दूर होता है।

आंखों से संबन्धित लक्षण :-

जुकाम के कारण आंखों के श्लैमिक झिल्ली की जलन (नेत्रश्लेश्मलाशोथ, कैटरल कोनजक्टीविटिज) तथा आंखों से जलनयुक्त स्राव होना। आंखों से हमेशा पानी का निकलते रहना। जलनयुक्त आंसू का निकलने के साथ पानी की तरह साफ नजला निकलना। आंखों से त्वचा को छील देने वाला गाढ़ा द्रव्य का स्राव होना। पलकों में जलन और सूजन होना। बार-बार आंखों को मींचना मानो कोई चीज आंखों में आ गई हो। अपने आप आंखों से जलनयुक्त स्राव होना। पलकों पर चिपचिपा श्लैमा जिसे हटाने के लिए बार-बार पलकें झपकानी पड़ती है। आंखों में दबाव महसूस होना। पलकों पर छोटे-छोटे छाले बनना। एक ही वस्तु एक से अधिक दिखाई देना। गठिया परितारिकाशोथ (र्युमेटीक आइरीटिज)। वत्र्मपात(प्टोसिस) अर्थात पलकें नीचे की ओर लटकना। आंखों से संबन्धित इस तरह के लक्षणों से पीड़ित रोगी को ठीक करने के लिए यूफ्रेशिया औषधि देनी चाहिए।

चेहरे से संबन्धित लक्षण :-

गालों पर लाली उत्पन्न होना, गालों पर गर्मी महसूस होना तथा ऊपर वाले होंठ में अकड़न पैदा होना आदि चेहरे के लक्षणों में रोगी को यूफ्रेशिया औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

आमाशय से संबन्धित लक्षण :-

आमाशय के रोगग्रस्त होने पर रोगी में उत्पन्न होने वाले लक्षण जैसे- खंखार के साथ कफ थक्के के रूप में निकलना, धूम्रपान करने के बाद जी मिचलाना और मुंह में कड़वाहट महसूस होना आदि लक्षणों में यूफ्रेशिया औषधि का प्रयोग करने से रोग ठीक होता है।

मलाशय से संबन्धित लक्षण :-

मलाशय से संबन्धित लक्षण जैसे- पेचिश रोग जिसमें सफेद रंग का चिपचिपा पदार्थ मल के साथ निकलता है। गुर्दाभ्रंश अर्थात गुदा का चीर या छील जाना। बैठने पर मलद्वार में नीचे की ओर दबाव महसूस होना तथा मल का रुक जाना आदि लक्षणों में रोगी को यूफ्रेशिया औषधि का प्रयोग कराने से रोग ठीक होता है।

स्त्री रोग से संबन्धित लक्षण :-

मासिकधर्म कष्ट से आने के साथ मासिक स्राव 1 घंटे या 1 दिन तक ही रहना तथा मासिक धर्म समय के बाद भी कुछ दिनों तक थोड़ी-थोड़ी मात्रा में स्राव होते रहना आदि में यूफ्रेशिया औषधि का प्रयोग करने से लाभ मिलता है। इस औषधि के प्रयोग से मासिक धर्म सम्बंधी सभी परेशानी दूर होती है। मासिक धर्म अधिक मात्रा में आने के साथ नेत्राभिष्यन्द (आंखो में बार-बार पानी आना) आदि में यह औषधि लाभकारी होता है।

पुरुष रोग से संबन्धित लक्षण :-

पुरुषों में उत्पन्न होने वाले ऐसे लक्षण जिसमें जननांगों में ऊपर की ओर खिंचाव व दबाव महसूस होने के साथ जांघ की हडडियों में दर्द होता रहता है। ऐसे लक्षण वाले पुरुष रोग में यूफ्रेशिया औषधि देने से रोग दूर होता है। काण्डीलोमा (कोन्डीलोमा) एवं प्रमेहविषजनित फोड़ें-फुन्सियां उत्पन्न होने पर इस औषधि का प्रयोग करने से रोग दूर होता है। पु:रस्थग्रन्थि में जलन होना। रात के समय मूत्राशय में उत्तेजना पैदा होना तथा मूत्र का बूंद-बूंद टपकना आदि पुरुष रोग के लक्षणों में यूफ्रेशिया औषधि का सेवन करना लाभकारी होता है।

सांस संस्थान से संबन्धित लक्षण :-

यदि खुली हवा में टहलने से बार-बार जम्भाई आती है। सुबह के समय अधिक मात्रा में नजला निकलना तथा अधिक खांसी और बलगम आना। दिन के समय काली खांसी होने के साथ अधिक आंखों से आंसू का आना आदि सांस सम्बंधी लक्षणों में यूफ्रेशिया औषधि का सेवन करने से यह औषधि सांस रोग को जड़ से समाप्त करके रोगी को ठीक करता है।

त्वचा से संबन्धित लक्षण :-

चेचक में उत्पन्न होने वाले दानों के समाप्त हो जाने के बाद त्वचा पर दाने का निशान बन जाना। त्वचा पर होने वाले सभी बाहरी घाव के कारण त्वचा पर बनने वाले निशान आदि को समाप्त करने में यह औषधि विशेष रूप से लाभकारी होता है।

नींद से संबन्धित लक्षण :-

खुली हवा में टहने पर जम्भाईयां अधिक आना तथा दिन में भी अधिक नींद आना आदि लक्षणों में यूफ्रेशिया औषधि का प्रयोग करने से रोग ठीक होता है।

बुखार से संबन्धित लक्षण :-

रोगी को अधिक कंपकंपी और ठण्ड महसूस होना। रात को सोने के बाद छाती पर अधिक पसीना आना आदि लक्षणों वाले बुखार में रोगी यूफ्रेशिया औषधि का सेवन कराए।

वृद्धि :-

शाम के समय, घर के अन्दर गर्म कमरे में तथा दक्षिण दिशा से चलने वाली हवा लगने से रोग बढ़ता है।

शमन :-

कॉफी पीने से तथा रात के समय रोग में आराम मिलता है।

तुलना :-

यूफ्रेशिया औषधि की तुलना हाइड्रोफाइलम, सीपा, आर्से, जेल्सी, काली-हाइड्र तथा सैबाडिल्ला से की जाती है।

प्रतिविष :-

यूफ्रेशिया औषधि के सेवन करने के बाद होने वाली हानि को रोकने के लिए कैम्फर तथा पल्सा औषधि का प्रयोग किया जाता है।

मात्रा :-

रोगों में यूफ्रेशिया औषधि 3 से 6 शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।

विशेष :-

आंखों से अधिक कीचड़ आता हो तो रोगी को यूफ्रेशिया औषधि के स्थान पर \'मर्क\' भी दिया जा सकता है।

दाहिने आंख में अधिक कष्ट होता है और आंखों का दर्द धीरे-धीरे सिर के पिछले भाग तक फैल रहा हो तो ऐसे में यूफ्रेशिया औषधि के स्थान पर \'रस-टाक्स\' का प्रयोग किया जा सकता है।

सूर्य की रोशनी या दीपक की रोशनी से डर लगता हो तो ऐसे रोगी को यूफ्रेशिया औषधि के स्थान पर \'ऐकोनाइट या बेलाडोना\' दिया जा सकता है।


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