इरिजरोन-लेप्टलोन कैनाडेन्स (फ्लीबेन- इरिज-लेप्टह-कैन) ERIGERON-LEPTILON CANADENSE (Fleabane)
परिचय-
इरिजरोन लेप्टीलोन कैनाडेन्स औषधि शरीर के किसी भी अंग से होने वाले रक्तस्राव को रोकने में लाभकारी माना गया है परन्तु कभी-कभी इस औषधि के सेवन से शरीर से खून का स्राव भी होता है जो इस औषधि द्वारा रोगों को ठीक करने के लिए की जाने वाली प्रतिक्रिया के कारण होता है। यह औषधि पुराने सूजाक रोग, पेशाब की जलन, पेशाब का बूंद-बूंद कर आना आदि मूत्र रोगों को दूर करता है। यह औषधि पेचिश रोग होने पर मूत्रनली में जलन के साथ उत्पन्न होने वाले दर्द तथा पेट का गैस आदि रोगों को भी ठीक करता है। यह औषधि गर्भाशय की झिल्ली से होने वाले स्राव, पेशाब करते समय दर्द होना, पेशाब से अधिक मात्रा में चमकता हुआ लाल रंग का खून आना तथा बाएं डिम्बाशय व कूल्हे में दर्द होना आदि रोगों को भी ठीक करता है।
शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर इरिजरोन लेप्टीलोन कैनाडेन्स औषधि का उपयोग :-
स्त्री रोग से संबन्धित लक्षण :-
यह औषधि रक्तप्रदर (मेट्रोर्रेगिया) के साथ मलाशय (रेक्टयुम) और मूत्राशय (ब्लैड्डर) में तेज उत्तेजना को दूर करती है। बच्चेदानी का फट जाना या बच्चेदानी में दरारें उत्पन्न होना आदि को ठीक करने के लिए भी इस औषधि का प्रयोग किया जाता है। पेशाब में चमकता हुआ लाल रंग का खून आना (ब्लडी लोचिया), मासिक धर्म का अधिक मात्रा में आना (मेनोर्रेगिया), अधिक मात्रा में प्रदरस्राव होना तथा खून की कमी, प्रसव के बाद होने वाला स्राव (सूतिकास्राव) जो हल्के से शारीरिक हलचल होने पर वापस लौट जाती है। इस तरह के स्त्रियों में उत्पन्न होने वाले रोगों के लक्षणों को ठीक करने के लिए इरिजरोन लेप्टीलोन कैनाडेन्स औषधि का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त मासिक धर्म के बीच में प्रदरस्राव के साथ योनि में उत्तेजना उत्पन्न होने पर इरिजरोन लेप्टीलोन कैनाडेन्स औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
गर्भावस्था के दौरान जिन स्त्रियों की गर्भाशय कमजोर होती है और हल्का कार्य करने पर ही गर्भाशय से रक्त का निकलने लगता है ऐसे लक्षणों में इरिजरोन लेप्टीलोन कैनाडेन्स औषधि का प्रयोग विशेष रूप से लाभकारी होता है। यह गर्भाशय संबन्धी रोगों को दूर कर गर्भाशय को पुष्ट करता है।
यह औषधि खूनी बवासीर, मासिक धर्म के समय मासिक धर्म आने के स्थान पर नाक से खून का निकलना आदि लक्षणों में अधिक लाभकारी होता है।
पुरुष रोग से संबन्धित लक्षण :-
मूत्राशय में पथरी के कारण मूत्र के साथ खून का निकलना आदि लक्षणों से पीड़ित व्यक्ति को इरिजरोन लेप्टीलोन कैनाडेन्स औषधि देनी चाहिए।
पेट से संबन्धित लक्षण :-
पेट में जलन के साथ अधिक उबकाईयां आना और फिर खून की उल्टी होना आदि लक्षणों पर इरिजरोन लेप्टीलोन कैनाडेन्स औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त इरिजरोन लेप्टीलोन कैनाडेन्स औषधि का प्रयोग कमजोरी, पाण्डु (पीलिया) तथा शरीर का पीलापन आदि रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है।
क्षय (टी.बी.) से संबन्धित लक्षण :-
क्षय (टी.बी.) रोग में खून की उल्टी होना तथा थूक के साथ खून का आना आदि क्षय (टी.बी) रोग के लक्षणों में रोगी को ठीक करने के लिए इरिजरोन लेप्टीलोन कैनाडेन्स औषधि का प्रयोग किया जाता है। इस औषधि के प्रयोग से शरीर में दूषित खून साफ होता है तथा शरीर से खून बहना रोकता है।
वृद्धि :-
बाईं करवट लेटकर आराम करने से तथा हिलने-डुलने से रोग बढ़ता है।
शमन :-
चुपचाप आराम करने से तथा पड़े रहने से रोग में आराम मिलता है।
तुलना :-
इरिजरोन लेप्टीलोन कैनाडेन्स औषधि की तुलना टेरीबिथिना से की जाती है।
मात्रा :-
इरिजरोन लेप्टीलोन कैनाडेन्स के मूलार्क से 3 शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।
पेट फूल जाने पर इरिजरोन ऑयल 1x दिया जा सकता है।
विशेष :-
औषधि सेवन के अतिरिक्त अन्य क्रिया के द्वारा भी रोग को ठीक किया जा सकता है, जैसे- 3.50 मिलीलीटर तेल के साथ अण्डे की पीली जर्दी तथा आधा लीटर दूध को मिलाकर उसका एनिमा भी लिया जा सकता है।
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