यूफोबिया लेथीरस (गोफर-प्लांटए केपर स्पर्ज) EUPHORBIA LATHYRIS (Gopher-plant, Caper Spurage)

 यूफोबिया लेथीरस (गोफर-प्लांटए केपर स्पर्ज) EUPHORBIA LATHYRIS (Gopher-plant, Caper Spurage)

परिचय-

यूफोबिया लेथीरस औषधि में कई प्रकार के लक्षण मौजूद होते हैं। इस औषधि का पेड़ होता है तथा इसके पेड़ को काटने पर इसके अन्दर से दूधिया रंग का रस निकलता है जिसे त्वचा पर डालने से तीखापन महसूस होता है। इस औषधि का फल दस्तावर (दस्त को लाने वाला) तथा विषैला होता है। इस औषधि के प्रयोग में असावधानी रखने पर इसकी प्रतिक्रिया (प्रभाव) विपरीत होकर त्वचा पर लाली, खुजली, फुंसियां और कभी-कभी कोथ भी पैदा कर देती है। इस औषधि के लक्षण विषैला होने के कारण इसका प्रयोग जहरीले सांप के काटने, डंक मारने, विषैले जीवों के सिंरोंचा तथा विषजनित अन्य बीमारियां उत्पन्न होने पर किया जाता है। आराम के समय आमवाती दर्द होने तथा जोड़ों पर लकवा मार जाने के कारण उत्पन्न कमजोरी आदि में यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग लाभकारी होता है।


शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर यूफोबिया लेथीरस औषधि का उपयोग-

मन से संबन्धित लक्षण :-

मानसिक रूप से रोगग्रस्त होने के कारण ऐसी मानसिकता पैदा होना जिसमें रोगी बिना किसी कारण से ही रोता रहता है। उसके मन में हमेशा एक भ्रम सा बना रहता है तथा वह अपने ही विचार में उलझा रहता है। व्यक्ति में बेहोशी (स्टुपोर) तथा सन्यास (कोमा) आदि धारण करने की मानसिकता उत्पन्न हो जाता है। इस तरह के स्वभाव वाले व्यक्ति को यूफोबिया लेथीरस औषधि देनी चाहिए। इससे व्यक्ति के मानसिक रूप से उत्पन्न लक्षण दूर होकर स्वभाव में परिवर्तन लाता है।

आंखों से संबन्धित लक्षण :-

पलकों की शोफयुक्त अवस्था से लगभग बन्द होना आदि आंखों के रोगों में यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग लाभकारी होता है।

कान से संबन्धित लक्षण :-

नाक के नोक पर तेज जलन होना, श्लेम कलायें अधिक सूक्ष्म ग्राही शोफ के साथ घाव का बन जाना आदि नाक रोगों में यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

चेहरे से संबन्धित लक्षण :-

गालों पर सुर्खीदार (गहरे लाल रंग) चमक आने के बाद मरे हुए व्यक्ति की तरह पीले रंग का हो जाना। कपाल पर ठण्डा पसीना आना। लाल, फूला हुआ और कहीं-कहीं पूतिस्रावी (सुपप्युरेटिंग) होना आदि चेहरे के रोग के लक्षण में यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है।

त्वचा पर उत्पन्न लाल-लाल दाने (त्वग्रक्तिमा, एरीथेमा) जो सबसे पहले चेहरे पर उत्पन्न होकर धीरे-धीरे फैलते हुए बालों के भाग से होकर पूरे शरीर पर फैल जाता है। त्वचा पर उत्पन्न ये दाने चमकदार, खुरदरे सूजन जैसा रहता है जिसमें जलन और चीसें मारते हुआ दर्द होता रहता है तथा दाने वाले स्थान को छूने व ठण्डी हवा लगने से दर्द व जलन और बढ़ जाता है, बन्द कमरे तथा मीठा तेल लगाने से दर्द व जलन में आराम मिलता है। चेहरे पर उत्पन्न ऐसे दाने को ठीक करने के लिए यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

चेहरे पर महीन पपड़ियां पड़ना। चेहरे पर मकड़ी के जाले जैसा अनुभव होना। चेहरे पर डंक लगने जैसा दर्द तथा जलन का अनुभव होना आदि लक्षण उत्पन्न होने पर यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करने से रोग ठीक होता है।

मुंख से संबन्धित लक्षण :-

जीभ परतदार, चिपचिपी व जीभ का स्वाद तीखा होना तथा सांस बदबूदार व ठण्डा होना आदि। ऐसे लक्षणों में रोगी को यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

आमाशय से संबन्धित लक्षणों :-

आमाशय रोगग्रस्त होने के कारण उत्पन्न होने वाले लक्षणों जैसे-जी मिचलाना और उल्टी करना, उल्टी के साथ अन्न पदार्थ पानी की तरह साफ व लेसदार गांठों के रूप में आना आदि लक्षणों में यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।

सांस से संबन्धित लक्षण :-

सांस लेने में परेशानी। सांस ठण्डा व बदबूदार होना। खांसते समय अधिक कष्ट होने के साथ नाक में धुंएं जैसा गंध महसूस करना तथा खांसी बढ़ते-बढ़ते काली खांसी का रूप ले लेना तथा खांसी का एक निश्चित समय तक ही रहना जिसके कारण रोगी में तेज अतिसार व उल्टी का लक्षण पैदा होना साथ ही दमे के बीच में नींद का आना आदि सांस से संबन्धित ऐसे लक्षणों में यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

हृदय से संबन्धित लक्षण :-

हृदय कमजोर होने के साथ उसमें फड़फड़ाहट महसूस होना तथा नाड़ी की गति तेज होना आदि लक्षणों में यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।

बुखार से संबन्धित लक्षण :-

बुखार के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाना। अधिक पसीना आना तथा कपाल पर सामान्य रूप से पसीना आना और फिर बाद में ठण्डा पसीना आना। इस तरह के लक्षण वाले बुखार में रोगी को यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करना चाहिए। इस औषधि के प्रयोग से बुखार में जल्द आराम मिलता है।

त्वचा से संबन्धित लक्षण :-

त्वचा पर लाल-लाल रंग के दाने निकलना जो पहले शरीर के खुले हुए अंगों पर शुरू होता है विशेष रूप से चेहरे पर फिर ये दाने धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाता है, इस रोग के कारण त्वचा चमकदार, खुरदरे शोफ की तरह हो जाती है और साथ ही उस स्थान पर जलन व चुलचुलाट होती रहती है। ऐसे लक्षण वाले दाने उत्पन्न होने पर यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करें। इस औषधि के प्रयोग से जलन व दर्द आदि दूर होता है।

त्वचा पर उत्पन्न होने वाले दाने समाप्त होने के बाद त्वचा पर पपड़ियां बनने लगती है। ये पपड़ियां खुरदरे, चीस मारता हुआ दर्द उत्पन्न करता है तथा खुजाने पर खुजली वाले स्थान पर गहरे व कटे-फटे घाव बन जाते हैं। घाव होने पर त्वचा का रंग लाल हो जाता है। इस तरह के त्वचा पर उत्पन्न होने वाले लक्षणों को दूर करने के लिए यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करने से रोग में जल्द आराम मिलता है।

मूत्र से संबन्धित लक्षण :-

किसी व्यक्ति को पेशाब अधिक मात्रा में आने लगे तो उसे रोकने के लिए यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

मलाशय से संबन्धित लक्षण :-

मलाशय से संबन्धित ऐसे लक्षण जिसमें मल सफेद पानी की तरह तथा लेसदार आंव के रूप में आता है और साथ ही मल के साथ खून का स्राव भी होता है। इस तरह के लक्षण वाले मल रोग में रोगी को यूफोबिया लेथीरस औषधि का सेवन कराएं।

कभी-कभी इस औषधि का अधिक मात्रा में प्रयोग कर लेने से मल रुक जाता है जिसके कारण रोगी को मल कई दिनों तक नहीं आता। इसलिए यह औषधि रोग के लक्षण के आधार पर उचित मात्रा में ही रोगी को देना चाहिए।

नींद से संबन्धित लक्षण :-

रात को डरावने सपने आने के कारण नींद न आना। सोने के बाद अचानक चिल्लाकर उठकर बैठ जाना आदि लक्षणों में यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करने से रोग दूर होता है।

पुरुष रोग से संबन्धित लक्षण :-

अण्डकोष में जलन होने के कारण गहराई तक तीखें घाव बन जाता है और साथ ही अण्डकोष में तेज खुजली और जलन होता रहता है जो नहाते समय अण्डकोष छू जाने से दर्द और बढ़ जाता है। इस तरह के लक्षणों वाले पुरुष रोग में रोगी को यूफोबिया लेथीरस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

वृद्धि :-

रोगग्रस्त स्थान को छूने तथा ठण्डी हवा लगने से रोग बढ़ता है।

शमन :-

बन्द कमरे में रहने से तथा मीठा तेल लगाने से रोग में आराम मिलता है।

तुलना :-

यूफोबिया लेथीरस औषधि की तुलना रस-टाक्सिकोडेण्ड्रान तथा वेराट्र-एल्ब से की जाती है।

मात्रा :-

यूफोबिया लेथीरस औषधि 3 से 30 शक्ति तक प्रयोग किया जा सकता है। 


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