एपिजिया रेपेन्स (ट्रेलिंग आर्बुटस- एपि-रेपे) EPIGEA REPENS (Trailing Arbutus)

 एपिजिया रेपेन्स (ट्रेलिंग आर्बुटस- एपि-रेपे) EPIGEA REPENS (Trailing Arbutus)

परिचय-

एपिजिया रेपेन्स औषधि मुख्य रूप से आर्बुटिन और कार्मिक एसिड को मिलाकर तैयार किया जाता है। एपिजिया रेपेन्स औषधि का प्रयोग अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने में किया जाता है परन्तु यह औषधि मूत्र रोगों में विशेष रूप से लाभकारी होता है। यह औषधि मूत्र रोग में प्रतिक्रिया कर उससे संबन्धित लक्षणों को समाप्त करके रोगों ठीक करता है। 

शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर एपिजिया रेपेन्स औषधि का उपयोग :-

मूत्र से संबन्धित लक्षण :-

लम्बे समय से चली आ रही मूत्राशय की सूजन तथा पेशाब में जलन के साथ पेशाब का बार-बार आना। पेशाब करते समय कूथने की आदत बन जाना, पेशाब में श्लेम पीब तथा यूरिक अम्ल का तलछट निकलना, गुर्दे की पथरी तथा अण्डकोश की बीमारी आदि मूत्र रोगों को ठीक करने में एपिजिया रेपेन्स औषधि का प्रयोग अधिक लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त पेशाब में भूरे रंग का रेत आना, पेशाब करते समय मूत्रनली में जलन व पेशाब करते समय कूथना। अण्डकोश की जलन, पेशाब का अधिक मात्रा में आना। आंतों से गुड़गड़ाहट जैसी आवाज आना आदि मूत्र से संबन्धित लक्षणों में एपिजिया रेपेन्स औषधि का उपयोग करने से रोग दूर होता है।

तुलना :-

एपिजिया रेपेन्स औषधि की तुलना यूवा, चिमाफि, लाइको तथा परेरा आदि से की जाती है।

मात्रा :-

एपिजिया रेपेन्स औषधि के मूलार्क 5-5 बून्द हर 3 घंटे पर रोगी को देने से लाभ होता है।


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