ड्रासेरा(ड्रासेरा रोटिन्डफोलिया) (DORYPHORA)

 ड्रासेरा(ड्रासेरा रोटिन्डफोलिया) (DORYPHORA) 

परिचय-

यह औषधि प्रमुख रूप से श्वसन अंगों को प्रभावित करती है। ड्रासेरा औषधि आमतौर पर काली खांसी के लिए बहुत अधिक उपयोगी होता है। इसीलिए होमियोपैथिक आविष्कारक हैनीमैन ने काली खांसी (हूपींग कफ) के लिए इसे प्रमुख औषधि माना है। 

विभिन्न लक्षणों के आधार पर डायोस्कोरिया विल्लोसा औषधि का उपयोग : 

सिर से सम्बंधित लक्षण : खुली हवा में सैर करते समय सिर में चक्कर आने के साथ बांई ओर गिरने का अहसास होना। चेहरे का बांया हिस्सा ठण्डा होने के साथ डंक लगने के समान दर्द का होना तथा दांई ओर आधे चेहरे पर सूखी गर्मी महसूस होने पर ड्रासेरा औषधि का सेवन करना चाहिए।

आमाशय से सम्बंधित लक्षण : जी मिचलाना, खट्टे आदि पदार्थों से अरुचि तथा उनके दुष्प्रभावों को नष्ट करने के लिए ड्रासेरा औषधि का उपयोग करना चाहिए।

श्वसन संस्थान से सम्बंधित लक्षण : सूखी खांसी, काली खांसी होना, रोगी को ऐसा प्रतीत होता है कि खांसी का एक दौरा जैसे ही आता है वैसे ही दूसरा खांसी का दौरा आरम्भ हो जाता है, रोगी को सांस लेने में कठिनाई होना, घुटन होना, पीले रंग का कफ निकलना, नाक और मुंह से रक्त का निकलना, ऊब लगना, गहरी कर्कश आवाज निकलना, गले में खराश का होना, स्वरयन्त्र की सूजन तथा तालु में खुरदरापन आदि होने पर ड्रासेरा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण : नितम्ब-ऊर्विका संधि (कोक्सो फीमोरल जोइंट) तथा जांघों में पक्षाघात के समान दर्द का होना, पैरों के जोड़ों में अकड़न, पैरों से चलने में परेशानी होना तथा लेटने पर बिस्तर का कठोर होना आदि लक्षणों में ड्रासेरा औषधि का उपयोग करना चाहिए।

बुखार से सम्बंधित लक्षण : आन्तरिक शीत, शीत कम्प के साथ गरम चेहरा, ठण्डे हाथ, प्यास न लगना तथा हमेशा ठण्ड लगना चाहे हाथ बिस्तर पर हो आदि लक्षणों के साथ उत्पन्न बुखार में ड्रासेरा औषधि का सेवन करना चाहिए।

क्षययुक्त खांसी से सम्बंधित लक्षण : टी.बी. से पीड़ित रोगी को लगातार खांसी होने पर ड्रासेरा औषधि का उपयोग करना चाहिए।

रूपात्मकताएं : 

आधी रात बीतने के बाद, लेटने पर, बिस्तर की गर्मी से, पीने, गाने, हंसने से वृद्धि।

प्रतिविष : 

कैम्फ औषधि का उपयोग ड्रासेरा औषधि के हानिकारक प्रभाव को दूर करने के लिए किया जाता है।

तुलना : 

फ्लुओरोफार्म, चेलिडो, कोरेलि, क्यूप्रम, कैस्टेनिया, मेन्यान्थेस आदि औषधियों से ड्रासेरा औषधि का उपयोग करना चाहिए।

मात्रा : 

पहली से बारहवीं शक्ति।


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