सेफालैण्ड्रा इण्डिका Cephalandra Indica

 सेफालैण्ड्रा इण्डिका Cephalandra Indica

परिचय-

सेफालैण्ड्रा इण्डिका औषधि का इस्तेमाल मधुमेह (डायबटीज), चमड़ी के रोग, पीलिया, पानी के कारण आने वाली सूजन आदि रोगों में बहुत लाभकारी होता है। 

विभिन्न प्रकार के लक्षणों के आधार पर सेफालैण्ड्रा इण्डिका औषधि का इस्तेमाल-

मन से सम्बंधित लक्षण - किसी व्यक्ति को हर समय डर सा लगना, किसी काम को करने का मन न करना, याददाश्त का कमजोर होना आदि मानसिक रोग के लक्षणों में सेफालैण्ड्रा इण्डिका औषधि का इस्तेमाल बहुत लाभकारी होता है।

आंखों से सम्बंधित लक्षण - आंखों के रोगी की आंखों में जलन, दर्द आदि लक्षण नज़र आने पर व्यक्ति को अगर सेफालैण्ड्रा इण्डिका औषधि का सेवन कराया जाए तो बहुत लाभ होता है।

चेहरे से सम्बंधित लक्षण - किसी व्यक्ति को अगर ऐसा महसूस होता है कि उसके चेहरे में जलन सी पैदा हो रही है तो उस व्यक्ति को सेफालैण्ड्रा इण्डिका औषधि का सेवन कराना चाहिए इससे कुछ ही देर में उसकी चेहरे की जलन समाप्त हो जाती है।

कण्ठ (गले) से सम्बंधित लक्षण - किसी व्यक्ति का गला जब अंदर से बुरी तरह सूख रहा हो जैसे उसने काफी समय से पानी नहीं पिया तो उसको सेफालैण्ड्रा इण्डिका औषधि पिलाने से उसका गला सही हो जाता है।

भूख से सम्बंधित लक्षण - किसी व्यक्ति को अगर भूख नहीं लगती है तो सेफालैण्ड्रा इण्डिका औषधि का सेवन कराने से उसको खुलकर भूख लगने लगती है।

उदर (पेट) से सम्बंधित लक्षण - पेट में गैस होने के कारण होने वाले पेट के रोगों को दूर करने के लिए सेफालैण्ड्रा इण्डिका औषधि का सेवन बहुत लाभ करता है।

मुंह से सम्बंधित लक्षण - किसी व्यक्ति के मुंह में खुश्की (सूख जाना) होने पर उसको बार-बार पानी पीने की इच्छा होती है। इस तरह के मुंह के रोग के लक्षण नज़र आने पर रोगी को सेफालैण्ड्रा इण्डिका औषधि का सेवन कराने से उसका मुंह का सूखना समाप्त हो जाता है।

नाड़ी (नब्ज) से सम्बंधित लक्षण - किसी व्यक्ति की नाड़ी अगर कमजोर पड़ जाती है या बहुत ही धीरे-धीरे चलती है तो उसको सेफालैण्ड्रा इण्डिका औषधि नियमित रूप से सेवन कराना चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में रोगी की नाड़ी सामान्य रूप से चलने लगती है।

मात्रा-

सेफालैण्ड्रा इण्डिका की जड़ का रस 1x, 3x शक्तियां।


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