औरम मेटालि - AURUM METALLICUM

 औरम मेटालि AURUM METALLICUM

परिचय-

औरम मेटालिकम औषधि का प्रभाव शरीर के खून, हडि्डयों तथा ग्रंथियों की दोषपूर्ण क्रिया पर पड़ता है जिसके प्रभाव से कई प्रकार के रोग जो खून, हडि्डयों तथा ग्रंथियों से सम्बन्धित होते हैं, वे ठीक हो जाते हैं। उपदंश रोग से पीड़ित रोगी में पाए जाने वाले मानसिक लक्षणों को दूर करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि उपयोगी है। जिन रोगियों में अधिक निराशा, उत्साह की कमी, आत्महत्या करने की इच्छा, रोगी हर समय आत्महत्या करने का अवसर ढूंढता रहता है। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

औरम मेटालिकम औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी हैं-

मन से सम्बन्धित लक्षण :-

* रोगी को आत्महत्या करने का मन करता है और अपने आप को बिल्कुल निकम्मा महसूस करता है, निराशा अधिक होने के साथ ही शरीर का रक्तदाब बढ़ जाता है, जीवन में एकदम निराशापन हो जाता है।

* इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी आत्महत्या करने की ही बातें करता है, रोगी को मृत्यु से डर लगने लगता है, चिड़चिड़ा स्वभाव का हो जाता है, जरा सा भी विरोध होने पर जोश में आ जाता है।

* रोगी को भय लगने लगता है तथा उसे दिमागी परेशानी होने लगती है, किसी उत्तर की प्रतीक्षा किए बिना लगातार प्रश्न करता रहता है।

* रोगी को शोरगुल अधिक महसूस होती है, उत्तेजना होने लगती है और भ्रम भी होने लगता है तथा रोगी फुर्ती से काम नहीं करता है।


इस प्रकार के मन से सम्बन्धित लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है।

सिर से सम्बन्धित लक्षण :-

* रोगी के सिर में तेज दर्द होने लगता है तथा रात के समय में और भी तेज दबाव महसूस करता है, रोगी को ऐसा महसूस होता है कि सिर में चक्कर आ रहा है।

* रोगी को मस्तिष्क से लेकर माथे तक चीरने तथा फाड़ने जैसा दर्द होता है।

* हडि्डयों में दर्द होता है, जिसका प्रभाव चेहरे पर देखने को मिलता है, सिर में अधिक रक्त जमा होने लगता है, सिर पर कई जगह फोड़ें भी हो जाते हैं।


इस प्रकार सिर से सम्बन्धित लक्षणों में से कोई भी लक्षण यदि रोगी को हो गया हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

आंखों से सम्बन्धित लक्षण :-

* रोगी के आंखों के आस-पास तथा नेत्रगोलकों (आइबॉल) के अन्दर तेज दर्द होता है। 

* रोगी को कोई भी चीज दो दिखाई देने लगती है या किसी चीज का ऊपरी आधा भाग दिखाई नहीं देता है।

* रोगी को ऐसा महसूस होता है कि आंखे तनी हुई हैं, आग जैसी चमकदार चीजें दिखाई देती है तथा आंख के आस-पास की हडि्डयों में तेज दर्द होता है।

* रोगी के स्वच्छमण्ड की नाड़ियां फूली रहती हैं, बाहर से अन्दर की ओर दर्द होता है और रोगी को ऐसा महसूस होता है कि कोई नुकीली चीज आंखों में गड़ रही है तथा आंख की स्वच्छमण्डल में लाली पड़ जाती है।


इस प्रकार के आंखों से सम्बन्धित लक्षणों में से कोई भी लक्षण यदि रोगी को हो गया हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

कान से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को बुखार हो जाता है और इसके साथ ही कान में से पीब बहने लगता है, कान के बाहरी छेद में पीब भर जाता है तथा कान के अन्दरूनी भागों में दर्द होता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

नाक से सम्बन्धित लक्षण :- नाक के अन्दर घाव हो जाता है तथा नाक के ऊपरी भाग में सूजन आ जाती है और दर्द होने लगता है। नाक में जलन होने लगती है, नाक से पीब जैसा पदार्थ निकलने लगता है, ज्वलनकारी होता है, कभी-कभी तो नाक से खून भी निलने लगता है, रोगी को ऐसा महसूस होता है कि जैसे उसके नाक को छेदा जा रहा हो, नाक से सड़ी हुई बदबू आती है, किसी चीज की बदबू सहन नहीं होती है, रोगी के नाक के अन्दर गाठें भी पड़ जाती है। इस प्रकार के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना लाभदायक होता है।

मुंह से सम्बन्धित लक्षण :- स्त्रियों के मासिकधर्म की अवस्था शुरू होने के समय में मुंह से बदबू आती है, मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है तथा मसूढ़ों में घाव हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित स्त्रियों का उपचार करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना उचित होता है।

चेहरे से सम्बन्धित लक्षण :- गाल की हडि्डयों पर चीरने तथा फाड़ने जैसा दर्द होता है और इस दर्द से चेहरे की कई हडि्डयां प्रभावित होती है।

गले से सम्बन्धित लक्षण :- जब रोगी खाना खाता है तो उसे निगलते समय गले में दर्द होता है और रोगी को ऐसा महसूस होता है कि जैसे गले में कोई चीज गड़ रहा हो, गले की ग्रंथियों में दर्द होने लगता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

आमाशय से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को भूख तथा प्यास लगती है, जी मिलचलाने लगता है और दम घुटने लगता है तथा गर्मी भी लगने लगती है। पेट के ऊपर के आधे भाग में सूजन आ जाती है, आमाशय में जलन होने लगती है और गरम-गरम डकारें आती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

पेट से सम्बन्धित लक्षण :- पेट के दायां भाग अर्थात पर्शुक प्रदेश (हाइपोकोन्ड्रियम) में जलन तथा दर्द होने लगता है, पेट के अन्दर हवा रुक जाती है, छाती की ग्रंथियों में सूजन आ जाती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

पेशाब से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी का पेशाब गंदा, मट्ठे जैसा होने लगता है तथा यह कुछ गाढ़ा-गाढ़ा तेल के समान होता है और पेशाब करने में रुकावट होती है, दर्द होने लगता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

मलद्वार से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को कब्ज की शिकायत होती है तथा जब वह मलत्याग करता है तो उसका मल ठोस और गठीला होता है, रात के समय में रोगी को दस्त होने लगता है और मलद्वार में जलन होने लगती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

पुरुष रोग से सम्बन्धित लक्षण :- अण्डकोष में दर्द और सूजन आ जाती है, वृषणों में कठोरतापन उत्पन्न हो जाती है, लिंग में तेज उत्तेजना होती है तथा बच्चों के वृषण सिकुड़ जाते हैं। जलवृषण रोग (हाइड्रोसिल.अण्डकोष में पानी भर जाना)। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी स्त्री के योनि में तेज उत्तेजना होती है। बच्चेदानी बढ़ने लगती है और बच्चेदानी अपने स्थान से हट जाती है। बांझपन का रोग तथा इसके साथ ही योनि में तेज जलन होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी स्त्री के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

हृदय से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को ऐसा महसूस होता है जैसे दो या तीन सेकेण्ड के लिए धड़कन बंद हो गई हो तथा इसके बाद दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है और इसके साथ ही पाचनतंत्र में दबाव महसूस होता है। रोगी की नाड़ी तेज चलने लगती है तथा कमजोरी महसूस होती है और धड़कन अनियमित गति से चलने लगती है। हृत्पिण्ड फैल जाती है, उच्च रक्तचाप हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को रात के समय में सांस लेने में परेशानी होती है, बार-बार जोर से सांस लेना पड़ता है, छाती की हडि्डयों में सुई चुभने जैसी अनुभूति होती है। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

हडि्डयों से सम्बन्धित लक्षण :- सिर की हडि्डयों में दर्द होता है तथा चक्कर आने लगता हैं, शरीर की हडि्डयों में फोड़ा हो जाता है तथा रात के समय में हडि्डयों में तेज दर्द होता है। नाक, तालु तथा कान की हडि्डयों में तेज दर्द होना। रोगग्रस्त हडि्डयों में तेज दर्द होना, खुली हवा में रोग के लक्षण कुछ कम हो जाते हैं और रात के समय में लक्षणों में वृद्धि होती है। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को ऐसा महसूस होता है कि सिर की ओर से सारा खून पैरों की ओर जा रहा है, कई अंगों में सूजन आ जाती है। रोगी को संभोग की उत्तेजना अधिक होने लगती है और रोगी को ऐसा महसूस होता है जैसे उसका सारा खून उबल रहा हो। हडि्डयों के जोड़ों में लकवा का प्रभाव होता है और हडि्डयों के जोड़ों में चीर-फाड़ जैसा दर्द होता है, घुटने कमजोर हो जाते हैं। ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

नींद से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को नींद ठीक से नहीं आती है तथा उसे अनिद्रा रोग हो जाता है, इसके अलावा नींद के समय में जोर-जोर से सिसकियां भरता है और डरावने सपने देखता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए औरम मेटालिकम औषधि का उपयोग करना चाहिए।

सम्बन्ध (रिलेशन) :- 

सेफेलिनम तथा औरम मेट औषधियों के कुछ गुणों की तुलना औरम मेटालिकम औषधि से कर सकते हैं।

वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) :-

ठण्ड के मौसम में सर्दी लग जाने पर रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है। बहुत से रोगों में सर्दी के मौसम में तथा सूर्यास्त से लेकर सूर्योदय तक लक्षणों में वृद्धि होती है।

शमन (एमेलिओरेशन ह्रास) :-

गर्म हवा में, सुबह के समय में तथा गर्मी के मौसम में रोग के लक्षण नष्ट होने लगते हैं।

मात्रा :-

औरम मेटालिकम औषधि की 3 से 30 शक्ति का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए। 30 वीं शक्ति बढ़े हुए रक्तचाप में विशेष उपयोगी है।


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