परिचय-
अमार्फिया औषधि की मुख्य शक्ति का रहस्य है इस बात से पता चल जाता है कि रोगी जब इसका उपयोग करता है तो उसके शरीर में कई प्रकार के लक्षण हो जाते हैं- उल्टी आने के साथ ही जी मिचलाना, आलस्य आना तथा शरीर से पसीना निकलना, आंखों से आंसू निकलना तथा कफ का बाहर निकलना। इन लक्षणों के होने के बाद रोगी का रोग ठीक होने लगता है।
रोगी को न्यूमोनिया रोग के साथ उल्टी होती है और रोगी को कब्ज की शिकायत हो जाती है तथा मलद्वार से हवा निकलने लगता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए अमार्फिया औषधि का उपयोग करने से रोग ठीक हो जाता है।
चक्कर आना, आंखों का फैल जाना, मिचली तथा उल्टियां होना आदि इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए अमार्फिया औषधि का उपयोग करना चाहिए।
सारे शरीर में गर्मी महसूस होना तथा सिर गर्म होना, उबकाई आना तथा सिर में दर्द होना, हृदय के स्कन्ध फलकों में दर्द होना आदि इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए अमार्फिया औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
अमार्फिया औषधि के अन्य उपयोग :-
त्वचा के माध्यम से एक ग्रेन के सोलहवें भाग का इंजेक्शन पांच मिनट से पन्द्रह मिनट के अन्दर-अन्दर एक व्यस्क व्यक्ति में बिना किसी अन्य प्रत्यक्ष क्रिया के ही उल्टी की अवस्था पैदा कर देती है जिसके फलस्वरूप शरीर की गंदगी बाहर हो जाती है। अफीम द्वारा उत्पादित विषाक्त अवस्था (जहरीली अवस्था) में इसका प्रयोग मत कीजिए। अपोमार्फिया औषधि को एक ग्रेन के तीसवें भाग या उससे भी कम मात्रा में एक त्वचा के माध्यम से इंजेक्शन द्वारा दिया जाने पर यह सुरक्षित एवं ठीक प्रकार से कार्य करती है जिसके फलस्वरूप कई प्रकार के रोग के लक्षण ठीक हो जाते हैं। प्रलाप (बड़बड़ाना) की स्थिति में भी अमार्फिया औषधि का उपयोग करना उचित होता है।
मात्रा (डोज) :-
अमार्फिया औषधि की तीसरी से छठी शक्ति का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।
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