एबिस कैनाडैंसिस-पाइनस कैनाडैंसिस (हेमलाक स्प्रुस) (Abies Canadensis - Pinus Canadensis)


परिचय :-

एबिस कैनाडैंसिस औषधि श्लैष्मिक झिल्लियों को प्रभावित करती है और आमाशय के रोग से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने में लाभदायक होती है। यह आंतों के रोगों को ठीक करने में बहुत ही सहायक औषधि है। कुपोषण तथा कमजोरी को दूर करने में यह बहुत उपयोगी है।

जिन रोगियों को सांस लेने में परेशानी होती है और हर समय लेटे रहने का मन करता है, त्वचा ठण्डी तथा चिपचिपी रहती है तथा हाथ ठण्डे पड़ जाते हैं और शरीर में अधिक कमजोरी महसूस होती है और जिसका दायां फेफड़ा व यकृत कठोर महसूस होता है, इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए एबिस कैनाडैंसिस औषधि बहुत उपयोगी है।

एबिस कैनाडैंसिस औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोग को ठीक करने में बहुत उपयोगी हैं-

भूख अधिक लगने के साथ यकृत की क्रिया कमजोर हो जाना :- रोगी को पेट में खरोचने जैसी भूख अर्थात तेज भूख लगती है। खुरचन के कारण रोगी भूख से ज्यादा खाना खा जाता है, रोगी इतना अधिक खा लेता है कि उसे पता ही नहीं लगता कि उसने कितना खाया है, अधिक खाना खाने के कारण रोगी का पेट फूल जाता है जिसके कारण हृदय पर दबाव पड़ता है और हृदय की गति तेज होने लगती है। इससे हृदय की धड़कन बढ़ जाती है। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए एबिस कैनाडैंसिस औषधि प्रयोग करना चाहिए।

शरीर में अधिक कमजोरी महसूस होना तथा हर समय लेटे रहने की इच्छा करना - रोगी को अपने शरीर में बहुत अधिक कमजोरी महसूस होने लगती है, हर समय लेटे रहने का मन करता है और शरीर में सुस्ती होने लगती है। ऐसे लक्षण खान-पान में पौष्टिकता की कमी के कारण होता है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए एबिस कैनाडैंसिस औषधि बहुत उपयोगी है।

नसों में बर्फ की तरह ठण्डा खून बहना महसूस होना :- रोगी को बहुत अधिक ठण्ड लगती है, हाथ तथा त्वचा ठण्डी पड़ जाती है, रोगी को बुखार हो जाता है तथा इसके साथ-साथ रोगी को ऐसा महसूस होता है कि नसों में बहुत अधिक ठण्डा खून बह रहा है। पीठ में ऊपर से नीचे की तरफ ठण्ड महसूस होती है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए एबिस कैनाडैंसिस औषधि बहुत उपयोगी है।

गर्भाशय की ऊपरी झिल्ली का अपने स्थान से हटना :- स्त्रियों के जरायु के आगे के भाग पर हल्का-हल्का दर्द महसूस होता है और चलने तथा दबने के कारण यह दर्द कम हो जाता है। स्त्रियों को अपना गर्भाशय कोमल तथा कमजोर महसूस होती है। जरायु (गर्भाशय की ऊपरी झिल्ली) अपने स्थान से हट जाती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित स्त्रियों के रोग को ठीक करने के लिए एबिस कैनाडैंसिस औषधि बहुत उपयोगी है।

शलगम, गाजर तथा अचार खाने की इच्छा :- रोगी को गाजर, शलजम तथा अचार खाने की इच्छा अधिक होती है, मोटा अन्न खाने की इच्छा भी बहुत अधिक होती है। रोगी को बहुत अधिक ठण्ड लगती है, शरीर में कमजोरी बहुत अधिक महसूस होती है, भूख तेज लगती है, चटनी तथा अचार खाने की इच्छा अधिक होती है। इन लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए एबिस कैनाडैंसिस औषधि बहुत उपयोगी है।

दायें कन्धे के ब्लड (स्केपुला) में दर्द होना :- यदि किसी रोगी के दायें कन्धे में दर्द हो रहा हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए एबिस कैनाडैंसिस औषधि बहुत उपयोगी है।

सिर से सम्बन्धित लक्षण :- सिर में हल्का-हल्का दर्द महसूस हो रहा हो तथा ऐसा लगता है कि रोगी नसे में है तथा स्वभाव चिड़चिड़ा हो तो उसके रोग को ठीक करने में एबिस कैनाडैंसिस औषधि लाभदायक है।

ज्वर (बुखार) से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को बुखार कंपकंपी के साथ होता है, खून बर्फ के समान ठण्डा महसूस हो रहा हो, ठण्ड पीठ पर ऊपर से नीचे की ओर महसूस हो रही हो, ऐसा लग रहो हो कि हड्डी के जोड़ों के बीच ठण्डा पानी रख दिया गया हो तथा त्वचा चिपचिपी व लेसदार हो जाती है और रात को पसीना अधिक निकल रहा हो तो रोगी के रोग को ठीक करने के लिए एबिस कैनाडैंसिस औषधि बहुत उपयोगी है।

मात्रा :-

एबिस कैनाडैंसिस औषधि की 30 व 200 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।


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