टर्मिनैलिसर अर्जुना TERMINALIA ARJUNA
परिचय-
टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि अनेक प्रकार के रोगों को समाप्त करती है। हृदय रोग, हृच्छूल (एंजिना पेक्टोरीस), घुटन महसूस होना व चक्कर आना, शारीरिक व मानसिक रोगों तथा चोट लगने या ऊपर से गिरने के कारण हड्डी टूट जाना आदि रोगों में टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि का प्रयोग किया जाता है। गिर जाने के कारण पूरे शरीर पर दर्द में यह औषधि उपयोग की जाती है। यह औषधि शुक्रमेह (वीर्य पाता) तथा सूजाक जैसे रोग में भी लाभकारी होता है।
शरीर के विभिन्न अंगों में उत्पन्न लक्षणों के आधार पर टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि का उपयोग :-
मन से सम्बंधित लक्षण :- मानसिक रूप से रोगी का स्वभाव बदल जाना तथा स्नायविक लक्षणों में रोगी को टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि देने से रोग ठीक होता है।
सिर से सम्बंधित लक्षण :- सिरदर्द व चक्कर आना आदि लक्षणों में रोगी को टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि देने से रोग ठीक होता है।
कान से सम्बंधित लक्षण :- यदि रोगी के कान में घण्टी की तरह आवाज सुनाई देता हो तो टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि का सेवन करें।
मुंह से सम्बंधित लक्षण :- मुंह का स्वाद कड़ुवा होने पर टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
मूत्र रोग से सम्बंधित लक्षण :- यदि रोगी को पेशाब कम मात्रा में आने पर रोगी को टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि लेनी चाहिए।
हृदय से सम्बंधित लक्षण :- हृदय की धड़कन तेज हो जाने, हृच्छूल, हृदय में कमजोरी व दर्द होना आदि लक्षणों में रोगी को टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि लेनी चाहिए।
मात्रा :-
टर्मिनैलिया अर्जुना औषधि का मूलार्क या 3X शक्ति का प्रयोग किया जाता है।
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