रैम्नस कैलीफोर्निका(Rhamnus Californica)

 रैम्नस कैलीफोर्निका(Rhamnus californica)

परिचय-

आमवात और पेशियों में दर्द होने की स्थिति में रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करने से इस प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं। इस औषधि का प्रयोग और भी कई प्रकार के रोगों के लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जाता है जो इस प्रकार हैं- पेशी में दर्द होने के साथ मासिकधर्म कष्ट के साथ आना, सिरदर्द होना, गर्दन और चेहरे के जोड़ों में दर्द होना, हडि्डयों के जोड़ों में दर्द होना, जोड़ों पर सूजन होना, मूत्राशय में सिकड़न होना, शरीर से अधिक पसीना निकलना तथा हृदय की हडि्डयों के जोड़ों में दर्द होना। विभिन्न लक्षणों रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि में का उपयोग-

मन से सम्बन्धित लक्षण :- स्नायविक (नाड़ियों में दर्द होना) होने के साथ ही बेचैनी होना तथा मन चिड़चिड़ा होना। आलस होने के साथ ही मानसिक रूप से कोई कार्य करने में कमजोरी आना और बुद्धि नष्ट होने लगना, कोई पढ़ने का कार्य करते समय मन को एकाग्र न रख पाना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

सिर से सम्बन्धित लक्षण:- सिर में चक्कर आने के साथ ही भारीपन महसूस होना, सिर में भारी कुचल जाने जैसी अनुभूति होना और सिर पर दबाव देने से कुछ आराम मिलना, चलने पर प्रत्येक कदम पर सिर फटने जैसा दर्द होता है। सिर में जलन होने के साथ ही दर्द होता है तथा सिर के पिछले भाग और सिर के ऊपरी भाग में सामने की ओर झुकते समय अधिक दर्द होता है। बाईं कनपटी में हल्का-हल्का दर्द होता है। माथे के बाईं ओर हल्का-हल्का दर्द होता है जो पीछे की ओर व माथे के ऊपर तक फैल जाता है। दाईं ओर गहराई तक पलकों में ऐंठन होना। इस प्रकार के सिर से सम्बन्धित लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।

कान से सम्बन्धित लक्षण :- ऊंचा सुनाई देना तथा कान में दर्द होना, किसी चीज को चबाते समय दायें कनपटी के नीचे गहराई तक दर्द होना। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है। 

चेहरे से सम्बन्धित लक्षण :- चेहरा गर्म तथा चमकता हुआ लगता है और गण्ड-प्रर्वधों से बाहर की ओर दबाव महसूस होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।

मुंह से सम्बन्धित लक्षण :- मसूढ़ों और होंठों के बीच घाव होना, जीभ पर परत जमना तथा इसके साथ ही जीभ के बीच का भाग साफ होना और गुलाबी धब्बा उस बीच के भाग में होना। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

गले से सम्बन्धित लक्षण :- गले में सूखापन तथा खुरदरापन महसूस होना, दाईं ओर तालुमूलग्रंथि पर दर्द होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।

आंतों से सम्बन्धित लक्षण :- कब्ज की शिकायत होना तथा इसके साथ ही कुछ मलद्वार से वायु भी निकलती है। मलद्वार पर सिकुड़न होना और इसके साथ ही सूखा हुआ मलत्याग होना। पेट फूलने के साथ ही दस्त होना। इस प्रकार के आंतों से सम्बन्धित लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।

मूत्र से सम्बन्धित लक्षण :- अधिक मात्रा में पेशाब का आना, मूत्रनली के अगले भाग में सुरसुरी होना और सुबह के समय में जरा-सी एक-एक बूंद करके पेशाब टपकता रहता है। इस लक्षण के होने के साथ ही संभोग करने की अधिक इच्छा होती है। इस प्रकार के मूत्र से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।

श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण :- उरोस्थि के नीचे घुटन महसूस होती है, दाईं अन्तरापर्शुका-पेशियों को दबने पर दर्द होना। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

हृदय से सम्बन्धित लक्षण :- नाड़ी की गति अनियमित रूप से चलती है या मन्द गति से चलती है। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।

शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण:- पेशियों की क्रियाओं पर नियन्त्रण रखने में असमर्थ होना, पैरों में दर्द होना, शराबी की तरह चलना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।

वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) :- शाम के समय में रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है।

सम्बन्ध (रिलेशन) :-

* जोड़ों का दर्द, पेट से सम्बन्धित लक्षण, पेट में दर्द, दस्त होना, खूनी बवासीर होना, बहुत लम्बे समय से चले आ रहे रोगों को ठीक करने के लिए रैम्नस कैथैर्टिका या रैम्नम फ्रैंग्गुला औषधि का प्रयोग करते हैं, इस प्रकार के रोगों को रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि से भी ठीक कर सकते हैं। अत: रैम्नस कैथैर्टिका के कुछ गुणों की तुलना रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि से कर सकते हैं।

* कब्ज की समस्या होना, अजीर्ण रोग को ठीक करने के लिए तथा आंतों को पुष्ट करने के लिए रैम्नस पुर्शियाना तथा कैस्कैरा सैग्रैडा औषधि का प्रयोग करते हैं, ठीक इस प्रकार की अवस्था में रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि प्रयोग कर सकते हैं। अत: रैम्नस पुर्शियाना तथा कैस्कैरा सैग्रैडा औषधि के कुछ गुणों की तुलना रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि से कर सकते हैं। इस प्रकार की अवस्था में औषधि के मूलार्क की दस से पन्द्रह बूंदों का उपयोग करना चाहिए।


मात्रा (डोज) :- रैम्नस कैलीफोर्निका औषधि की मूलार्क की पन्द्रह बूंदें का हर चौथे घंटे में उपयोग करना चाहिए।


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