पोथस फीटीडस (Pothos Foetidus)
परिचय-
दमा जैसे रोगों को ठीक करने के लिए पोथस फीटीडस औषधि का उपयोग किया जाता है। दमा रोग होना तथा सांस लेने पर धूल कण श्वासनलियों से अन्दर जाने पर रोग के लक्षणों में वृद्धि होना, हिस्टीरिया रोग, किसी चीज के बारे में सोचने में असमर्थ होने के साथ ही बेहोशी आना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पोथस फीटीडस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
विभिन्न लक्षणों में पोथस फीटीडस औषधि का उपयोग-
मन से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को अधिक डर लगता है और इसके साथ ही सांस से सम्बन्धित रोग भी होता है, तनाव भी होता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पोथस फीटीडस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
सिर से सम्बन्धित लक्षण :- सिर में दर्द होने के साथ ही रोगी चिड़चिड़ा हो जाता है, सिर के कई भागों में दर्द होने के साथ ही कनपटी के भाग की धमनियों में तेज दर्द होता है। दोनों भौंहों के बीच बाहर की ओर खिंचाव महसूस होता है। खुली हवा में रहने पर आराम मिलता है। नाक की उठी हुई हड्डी के आर-पार लाल सूजन हो जाती है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए पोथस फीटीडस औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।
पेट से सम्बन्धित लक्षण :- पेट फूलने लगता है तथा इसके साथ ही तनाव भी हो जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए पोथस फीटीडस औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण :- स्वरनली में जलन होने लगती है और श्वास लेने में परेशानी होती है, बेचैनी महसूस होती है, पसीना अधिक आता है। छींके भी आती है और साथ ही गले में दर्द भी होता है। छाती में दर्द होने के साथ ही सांस लेने में परेशानी होती है। जीभ सुन्न हो जाता है। दमा रोग हो जाता है और मलत्याग करने से कुछ आराम मिलता है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए पोथस फीटीडस औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।
मात्रा (डोज) :-
पोथस फीटीडस औषधि की मूलार्क और निम्न शक्तियों का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।
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