हेलोनियस-कैमीलीरियम Helonias-chamaelirium

 हेलोनियस-कैमीलीरियम Helonias-chamaelirium

परिचय-

त्रिकास्थि (सेक्रम) तथा गोणिका (श्रेणि फलक) में किसी प्रकार की कमजोरी आ जाने या इस भाग में किसी प्रकार के बोझा रखे जैसा महसूस होना तथा इसके साथ ही भारी आलस्य और उदासीपन होने पर इस औषधि का प्रयोग लाभदायक है, जिसके फलस्वरूप इस प्रकार के लक्षण ठीक हो जाते हैं। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी में और भी कई प्रकार के लक्षण होते हैं जो इस प्रकार हैं- हल्की-हल्की थकावट महसूस होने लगती है, शरीर में बहुत अधिक कमजोरी महसूस होती है, गर्भाशय के ऊपर छीलन तथा गर्भाशय अपने स्थान से हट जाता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हेलोनियस-कैमीलीरियम औषधि का उपयोग करना चाहिए। हेलोनियस-कैमीलीरियम औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी हैं-

मन से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी बहुत अधिक सोच में डूबा रहता है, जब रोगी किसी काम में लगा रहता है तो उसे कुछ आराम मिलता है, लेकिन जब मन किसी न किसी काम में उलझा रहता है और वह लगातार कोई न कोई कार्य करता रहता है तथा चिड़चिड़ा स्वभाव का हो जाता है, रोगी हल्का सा विरोध भी सहन नहीं कर पाता है तो उसके रोग के लक्षणों में वृद्धि होती हैं। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हेलोनियस-कैमीलीरियम औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।

सिर से सम्बन्धित लक्षण:- सिर के ऊपरी भाग में जलन और दर्द होता तथा जब रोगी मानसिक परिश्रम करता है तो उसे आराम मिलता है। इस प्रकार के रोग से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हेलोनियस-कैमीलीरियम औषधि का उपयोग करना लाभदायक होता है।

पीठ से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी के कमर में दर्द और बोझ रखने जैसा महसूस होता है, रोगी को अधिक थकावट तथा कमजोरी महसूस होती है, कमर पर जलन भी महसूस होती है, अण्डकोषों में जलन तथा दर्द महसूस होता है, नीचे के टांगों में तेज दर्द होता है तथा रोगी को बहुत अधिक थकान महसूस होती है, यदि रोगी कुछ व्यायाम करता है तो उसे कुछ हद तक आराम मिलता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हेलोनियस-कैमीलीरियम औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।

स्त्री से सम्बन्धित लक्षण:- रोगी स्त्री के त्रिकप्रदेश में खिंचाव हो रहा हो तथा इसके साथ ही गर्भाशय के ऊपरी झिल्ली पर जलन तथा दर्द हो रहा हो। इस प्रकार के लक्षण रोगी स्त्री को गर्भपात के बाद अधिक होता है।

* स्त्री को गर्भपात होने के बाद कमर में दर्द हो रहा हो।

* रोगी स्त्री के गर्भाशय के अन्दर भारीपन और दर्द महसूस होता है, मासिकधर्म बार-बार अधिक स्राव होता है।

* रोगी स्त्री के स्तन में सूजन आ जाती है तथा इसके साथ ही स्तन में दर्द होता है और स्तन को छूने से और भी अधिक तेज दर्द होता है।

* रोगी स्त्री के योनि का भाग लाल हो जाता है तथा उसमें जलन होने लगती है तथा उसमें सूजन आ जाती है और बहुत अधिक खुजली होती है।

* रोगी स्त्री मासिकधर्म के समय में बहुत अधिक कमजोर हो जाती है।

* इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए हेलोनियस-कैमीलीरियम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।


पेशाब से सम्बन्धित लक्षण:- रोगी स्त्री के पेशाब में अन्न की तरह कुछ पदार्थ निकलने लगता है तथा पेशाब में शर्करा आने लगता है, इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हेलोनियस-कैमीलीरियम औषधि का उपयोग लाभदायक है।

शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण:- रोगी को ऐसा महसूस होता है जैसे मांस-पेशियों पर ठण्डी हवा बह रही हो तथा बैठे रहने पर टांगों में दर्द होने लगता है। इस प्रकार के लक्षण होने पर रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हेलोनियस-कैमीलीरियम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) :-

किसी प्रकार से गति करने से तथा स्पर्श (रोग ग्रस्त भाग को छूने) करने से रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है।

शमन (एमेलिओरेशन. ह्रास) :-

मन को किसी अन्य कार्य में उलझाये रहने से रोग के लक्षण नष्ट होने लगते हैं।

सम्बन्ध :- 

दर्दनाक गुर्दे के रोग, पाचनतन्त्र में किसी प्रकार से खराबी आने तथा मासिकस्राव होने, सांस लेने वाली नलियों में तथा मूत्राशय में जलन होने, खांसी के साथ अधिक मात्रा में बलगम आने और खांसते समय पेशाब टपकना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए एग्रिमोनिया औषधि का उपयोग करना चाहिए। ठीक इसी प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए हेलोनियस-कैमीलीरियम औषधि का प्रयोग कर सकते हैं, अत: एग्रिमोनिया औषधि से हेलोनियस-कैमीलीरियम औषधि की तुलना कर सकते हैं।


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