साइक्लेमेन-येरोपियम cyclamen europaeum
परिचय-
साइक्लेमेन-येरोपियम औषधि को वैसे तो बहुत से रोगों के लक्षणों में लाभकारी होती है लेकिन फिर भी जुकाम से सम्बंधित लक्षणों में ये औषधि असरकारक साबित होती है।
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर साइक्लेमेन-येरोपियम औषधि से होने वाले लाभ-
नाक से सम्बंधित लक्षण - रोगी को नाक से गाढ़ा सा स्राव आना, रोगी की नाक जुकाम के कारण बंद होने से रोगी को किसी भी तरह की खुशबू या बदबू का सूंघकर पता नहीं लगता, रोगी को बार-बार छींके आना, रोगी के सिर में रोजाना एक ही समय पर सिर में दर्द होने के साथ चक्कर आना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को साइक्लेमेन-येरोपियम औषधि देना काफी लाभकारी साबित होता है।
आंखों से सम्बंधित लक्षण - रोगी को आंखों से कम दिखाई देना, आंखों से हर चीज धुंधली सी दिखाई पड़ना, रोगी को अपनी आंखों के सामने कभी तारे से टिमटिमाते हुए नज़र आना और कभी चिंगारियां सी उड़ती हुई नज़र आना जैसे लक्षणों में रोगी को साइक्लेमेन-येरोपियम औषधि देना काफी लाभकारी रहता है।
स्त्री रोगों से सम्बंधित लक्षण - स्त्री का मासिकस्राव समय से काफी पहले और बहुत ज्यादा मात्रा में आना, मासिकस्राव में खून का काले रंग का आना, बच्चे को जन्म देने के बाद होने वाले रक्तस्राव होने के साथ बहुत तेज दर्द जो नीचे की ओर उतरता है और एक बार बहुत तेज रक्तस्राव होने के बाद शांत हो जाता है, लड़कियों के कुंवारेपन में ही स्तनों में दूध आना, स्त्री को ऐसा महसूस होता है जैसे कि उसके पेट में कोई ज़िंदा जीव घूम रहा हो आदि लक्षणों में रोगी को साइक्लेमेन-येरोपियम औषधि देने से लाभ होता है।
मन से सम्बंधित लक्षण - रोगी का बहुत ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाना, किसी से ढंग से बात न करना, हर समय दुखी सा रहना, रोगी का छोटी-छोटी बातों पर ही रोने लगना, रोगी को हर समय लगना कि उसने कोई गलत काम कर दिया है, रोगी हर समय अकेले ही बैठा रहता है जैसे लक्षणों में रोगी को साइक्लेमेन-येरोपियम औषधि का प्रयोग कराना उचित रहता है।
आमाशय से सम्बंधित लक्षण- आमाशय रोग से सम्बंधित लक्षणों में रोगी जो कुछ भी खाता है उसको उसका स्वाद नमकीन सा ही लगता है, रोगी को बिल्कुल प्यास नहीं लगती, रोगी जैसे ही भोजन करने बैठता है उसकी भूख समाप्त हो जाती है और जैसे ही रोगी भोजन कर लेता है उसके तुरंत बाद ही रोगी को उल्टी आने आती है और जी मिचलाने लगता है, स्त्री को गर्भाकाल के दौरान हिचकी आती रहती है, रोगी का मन करता है जैसे कि उसे नींबू का रस पिलाया जाए। इस तरह के लक्षणों में रोगी को साइक्लेमेन-येरोपियम औषधि देने से आराम मिलता है।
वृद्धि-
शाम को, खुली हवा में, आराम करने से, ठण्डे पानी से, ठण्डे पानी से, नहाने पर, महावारी से, बैठे रहने से, खड़े होने पर रोग कम हो जाता है।
शमन-
चलते रहने से, मासिकस्राव होने से, गर्म कमरे में, टहलने से रोग कम हो जाता है।
तुलना-
साइक्लेमेन-येरोपियम औषधि की तुलना एम्ब्रा, चायना, फेरम, काली-फा, लैके, मर्क, नक्स-वोमिका, पल्स, रस-टा, सीपि, साइ और सल्फर से की जा सकती है।
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