बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस - BOTHROPS LANCIOLATUS

 बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस BOTHROPS LANCIOLATUS

परिचय-

कमजोर शरीर जिसकी आंतरिक शक्ति बिल्कुल नष्ट हो गई हो। खून का अधिक बहना तथा शरीर में दूषित द्रव्य का बनना। अधिक आलस्य। शरीर के विभिन्न द्वार (जैसे मलद्वार, मूत्रद्वार आदि तथा नाक, मुंह, कान आदि) से खून का बहना तथा शरीर पर काले धब्बे उत्पन्न होना। आधे शरीर में लकवा मार जाना साथ ही बोलने में परेशानी होना। व्यक्ति स्वस्थ व हष्ट-पुष्ट होने पर भी व्यक्ति के अन्दर बोलने की शक्ति कम होना। स्नायविक में कम्पन्न होना। दायें पैर के अंगूठे में दर्द होना। फेफड़ों में खून का जमना आदि। इस तरह के लक्षणों से ग्रस्त रोगी को ठीक करने के लिए बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस-लैकेसिस लैसियोलेटस औषधि का प्रयोग करें। बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस-लैकेसिस लैसियोलेटस औषधि विभिन्न प्रकार के रोगों के लक्षणों को दूर कर रोगी को ठीक करने में उपयोग :- 

1. आंखो से संबन्धित लक्षण : 

नज़रों का कमजोर होना तथा कनीनिका से खून निकलने के कारण अंधे होने की सम्भावना बने रहने पर बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस -लैकेसिस लैसियोलेटस औषधि का सेवन करें। दिन में दिखाई न देना तथा सूर्योदय के बाद बिल्कुल न दिखाई देना आदि में भी इस औषधि का प्रयोग किया जाता है। इस औषधि के प्रयोग से आंखों को देखने की शक्ति उत्पन्न होती है। आंखों के श्वेतपट से खून निकलने पर बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस - लैकेसिस लैसियोलेटस औषधि का प्रयोग करें।

2. चेहरे से संबन्धित लक्षण : 

बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस-लैकेसिस लैसियोलेटस औषधि का प्रयोग चेहरे की सूजन और चेहरे के फूल जाने पर करने से लाभ होता है। यह औषधि चेहरे की उदासी और चेहरे की चमक को बढ़ाती है।

3. गले से संबन्धित लक्षण : 

गले का लाल होना, खुश्क होना तथा गले में सिकुड़न महसूस होने के साथ भोजन आदि निगलने पर परेशानी होना आदि गले के रोगों में बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस-लैकेसिस लैसियोलेटस औषधि का प्रयोग करने से लाभ होता है।

4. आमाशय से संबन्धित लक्षण : 

पेट के ऊपर के आधे भाग में दर्द होना, काले रंग का वमन (उल्टी) होना। खून की उल्टी होना तथा पेट का फूल जाना। दस्त के साथ खून आना आदि आमाशय से संबन्धित लक्षणों में रोगी को ठीक करने के लिए बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस-लैकेसिस लैसियोलेटस औषधि का प्रयोग किया जाता है।

5. त्वचा से संबन्धित लक्षण : 

त्वचा की सूजन, त्वचा का रंग नीला व ठण्डा पड़ जाना तथा त्वचा से खून का निकलना आदि में बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस-लैकेसिस लैसियोलेटस का प्रयोग करने से रोग ठीक होता है। कोथ (गैंग्रेन)। लसीकावाहिनियां की सूजन। आंगारव्रण(अंथ्रेक्स) तथा दुर्दम विसर्प(मेलिग्नेट एरीसिपल्स) आदि रोगों में बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस-लैकेसिस लैसियोलेटस औषधि का प्रयोग करना लाभकरी होता है।

वृद्धि : 

दाईं ओर करवट लेकर सोने से तथा झुकने से रोग बढ़ता है।

तुलना : 

बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस-लैकेसिस लैसियोलेटस औषधि की तुलना टाक्सिकोफिस औषधि से की जाती है।

मात्रा : 

रोगों में बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस-लैकेसिस लैसियोलेटस 3 से 6 शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।

ट्रंचिनस : 

अत्यधिक तेज दर्द होने पर, सूजन, तेज विष वाला खून का निकलना तथा कोथ आदि उत्पन्न होने पर रोग ग्रस्त भाग पर इस औषधि का ट्रंचिनस का प्रयोग किया जाता है।

विशेष प्रयोग : 

टाक्सिकोफिस नामक सांप जब किसी को काट लेता है तो व्यक्ति में पहले बुखार आता है। फिर बुखार अपने-आप समाप्त होने के बाद फिर वही बुखार हर साल आता रहता है। कभी-कभी इस सांप के काटने पर बुखार आदि का आना बंद हो जाता है और उसके स्थान पर अन्य लक्षण प्रकट हो जाते हैं। इस सांप के काटने पर त्वचा में असाधारण खुश्की आती है, शोफज सूजन, नियम समय पर प्रकट होने वाला स्नायुशूल तथा शरीर में उत्पन्न होने वाला ऐसा दर्द जो पूरे शरीर में घूमता रहता है। इस तरह के जहरीले सांप के काटने पर बॉथ्रॉप्स लैसियोलेटस औषधि का प्रयोग करने से जहर का असर समाप्त हो जाता है।


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