परिचय-
ऐलनस औषधि कई प्रकार के चर्म रोगों (ग्रेनडुलर एंलार्जमेंट) को ठीक करने तथा पाचक रस के अधिक स्राव होने से होने वाले अजीर्ण रोग को ठीक करने के काम आता है।
ऐलनस औषधि शरीर की पोषण क्रिया को तेज करती है तथा गण्डमाला से सम्बन्धित रोगों को ठीक करती है और ग्रन्थियों की दोषपूर्ण क्रिया को सही करती है। मुंह और कण्ठ के घावों पर भी ऐलनस औषधि का प्रभाव अधिक होता है जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है।
पीब वाली फुंसियों के कारण उंगलियों पर पपड़ी जम जाती है जिससे बदबू आती है और पाचक रस के अपूर्ण रूप से स्राव होने से होने वाले अजीर्ण रोग को ठीक करने में ऐलनस औषधि का बहुत लाभकारी प्रभाव होता है।
ऐलनस औषधि निम्नलिखित लक्षणों में उपयोगी हैं-
चर्म रोग से सम्बन्धित लक्षण :- छाजन रोग (एक्जीमा), जहरीले फोड़े (र्हेपस), जबड़े के नीचे की ग्रंथियां बढ़ गई हो, विशेष प्रकार का चर्म रोग हो गया हो जिसमें रोगी के शरीर पर बैंगनी रंग के दाने निकलते हैं और उनमें से खून भी बहता रहता है। इस प्रकार के लक्षण होने पर ऐलनस औषधि का प्रयोग करने से रोग ठीक हो सकता है।
स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण :-
* प्रदर रोग होने पर बच्चेदानी की मुख छिल जाती है, जिसके कारण रक्त का स्राव अधिक होने लगता है।
* मासिकधर्म शुरु होने के साथ पीठ से लेकर जांघ तक के भागों में जलन के साथ दर्द होता है।
इस प्रकार के लक्षण यदि किसी स्त्री में हैं तो उसके लिए ऐलनस औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
मात्रा (डोज) :-
ऐलनस औषधि की अर्क से तीसरी शक्ति तक का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।
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