रूटा (ROOTA)

 रूटा (ROOTA) 

परिचय-

रूटा औषधि की सबसे अधिक क्रिया अस्थि-वेष्ट पर होती है, विशेष रूप से उस समय जब चोट लगने से अस्थि-वेस्ट में कष्ट या दर्द पैदा हो जाता है। इस औषधि का प्रयोग उन रोगियों पर भी करते है जिनके रोग को ठीक करने के लिए आर्निका औषधि का प्रयोग किया जाता है, इन रोगियों के लक्षण इस प्रकार हैं- गिरने के बाद कुचल जाने की तरह दर्द होता है तथा लंगड़ापन रोग उत्पन्न हो जाता है, पूरे शरीर में दर्द महसूस होता है। लेकिन आर्निका औषधि के प्रयोग और रूटा औषधि के प्रयोग में इतना फर्क है कि इसके रोगी में हडि्डयों के विभिन्न अंगों तथा उस करवट में, जिस पर वह लेटता है, उसमें दर्द और कुचलने की अधिक अनुभूति होती है। रूटा औषधि का प्रयोग उन रोगियों पर भी करते हैं जो एक ही अवस्था में अधिक देर नहीं बैठ सकता और बार-बार अपनी अवस्था बदलना चाहता है। यदि किसी रोगी के पेट में कांच चला गया हो तो उस अवस्था में रोगी के पेट में बहुत अधिक दर्द होता है और रोगी किसी प्रकार का स्पर्श सहन नहीं कर पाता है। बिस्तर की चादर की रगड़ से रोगी तड़प उठता है। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए रूटा औषधि का प्रयोग करना चाहिए, इसके प्रयोग से कांच पेट से बाहर निकल जाता है। यदि कोई भारी वस्तु उठाने के कारण गर्भाशय भी अपने स्थान से हटकर बाहर आ जाए तो इस प्रकार की अवस्था को ठीक करने के लिए रूटा औषधि का उपयोग करना चाहिए।

विभिन्न लक्षणों में रूटा औषधि का उपयोग-

कलाई से सम्बन्धित लक्षण:- कलाई में दर्द होता रहता है और सुन्नता रोग भी होता है। कलाई में जो दर्द होता है, वह ठण्ड के मौसम में और नम मौसम में और भी अधिक बढ़ जाता है। कलाईयों को हिलाने और डुलाने पर दर्द से आराम मिलता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रूटा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

आंखों से सम्बन्धित लक्षण:- अधिक पढ़ने-लिखने, महीन सिलाई का काम करने तथा आंखों पर बहुत अधिक जोर पड़ने के कारण उत्पन्न होने वाले रोगों का उपचार करने के लिए रूटा औषधि का उपयोग लाभदायक है। आंखें थकी-थकी लगती है, उनमें दर्द हो रहा हो या उनमें ऐसी जलन हो जैसे आग का गोला उठ रहा हो तो इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए रूटा औषधि का उपयोग करना चाहिए। आंखों पर बहुत अधिक जोर पड़ने के कारण दबाव उत्पन्न होना। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए रूटा औषधि का प्रयोग करना चाहिए। आंखों की देखने की शक्ति कम हो जाती है तथा चश्मा लगाने के कारण उत्पन्न आंखों के रोग। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए रूटा औषधि का उपयोग करना चाहिए।

मलद्वार से सम्बन्धित लक्षण:- मलद्वार से सम्बन्धित कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए रूटा औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।


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