लैपिस ऐल्बा (Lapis alba)
परिचय-
ग्रन्थियों में किसी प्रकार का घाव होना, गलगण्ड होना, कैंसर में घाव बनने से पूर्व की अवस्था को ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का प्रयोग करना चाहिए। स्तन, आमाशय तथा गर्भाशय की ऊपरी झिल्ली पर जलन होना तथा डंक मारने जैसा दर्द होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का उपयोग करना चाहिए।
ग्रन्थियों के आस-पास के संयोजक ऊतक यदि रोग ग्रस्त है तो उसे ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का उपयोग करना चाहिए।
रोगी को अधिक तेज भूख लग रही हो, मोटापन अधिक आना, खून की कमी बच्चे में अधिक हो तथा शरीर में आयोडीन की कमी होने के साथ ही भूख तेज लगना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
बच्चेदानी के कैंसर रोग को ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि उपयोग किया जाता है। जननेन्द्रियों में जलन होने के साथ दर्द होना तथा इसके साथ ही अधिक मात्रा में रक्तस्राव होने पर लैपिस ऐल्बा औषधि से उपचार करना चाहिए।
लैपिस ऐल्बा औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी है-
कान से सम्बन्धित लक्षण :- कान के बीच के भाग में सूजन होने पर लैपिस ऐल्बा औषधि से उपचार करना चाहिए।
छाती से सम्बन्धित लक्षण :- छाती में लगातार दर्द हो रहा हो और ग्रन्थियों में कठोरता आ गई हो तो रोग को ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का उपयोग करना चाहिए।
चर्म रोग से सम्बन्धित लक्षण :- गले में घाव होना, ग्रन्थियों का बढ़ना तथा उनमें कठोरता उत्पन्न होना, कैंसर होना तथा तेज खुजली होना आदि रोगों को ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का उपयोग किया जा सकता है।
गर्भाशय से सम्बन्धित लक्षण :- गर्भाशय तथा स्तन पर छोटे-छोटे फोड़े-फुंसियां होना तथा उसमें जलन और डंक लगने जैसा दर्द होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
गले से सम्बन्धित लक्षण :- गले पर फोड़ा होना तथा गले के कैंसर रोग को ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का उपयोग करना चाहिए।
होंठ से सम्बन्धित लक्षण :- नीचे के होंठ पर होने वाले घाव जिसमें डंक मारने वाली जलन तथा दर्द हो रही हो तो रोग को ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का उपयोग करना चाहिए।
मासिकधर्म से सम्बन्धित लक्षण :- मासिकधर्म के समय में अधिक कष्ट होना तथा दर्द होना, मासिकधर्म के समय अचानक तेज दर्द हो जाना और बेहोश हो जाना, योनि में तेज खुजली होना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित स्त्री के रोग को ठीक करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का उपयोग करना चाहिए।
सम्बन्ध (रिलेशन) :-
* सिलीका, बादियागा, कल्के-आयोकोनि, आर्से-आयों, काली-आयो तथा आस्टेरियस औषधियों के कुछ गुणों की तुलना लैपिस ऐल्बा औषधि से कर सकते हैं।
* कान की सूजन को ठीक करने के लिए सिलीका औषधि का उपयोग किया जा सकता है और ऐसे ही लक्षणों से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का उपयोग कर सकते हैं अत: सिलीका औषधि के कुछ गुणों की तुलना लैपिस ऐल्बा औषधि से कर सकते हैं।
* ग्रन्थियों के आस-पास कठोरता को दूर करके लचीलापन तथा कोमलता लाने के लिए कल्केफ्लोरि तथा सिस्टस औषधि का उपयोग करते हैं और इस प्रकार का लाभ पाने के लिए लैपिस ऐल्बा औषधि का उपयोग कर सकते हैं। अत: कल्केफ्लोरि तथा सिस्टस औषधियों के कुछ गुणों की तुलना लैपिस ऐल्बा औषधि से कर सकते हैं।
मात्रा (डोज) :-
लैपिस ऐल्बा औषधि की छठी शक्ति का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।
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