परिचय-
अम्ब्रोसिया औषधि का प्रयोग उन लक्षणों के रोगियों के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है जो पराग कणों के कारण होने वाले बुखार (हे-फीवर) से पीड़ित होते हैं तथा इसके साथ ही आंखों से पानी निकलता है, पलकों में खुजली होती है जो रोगी के लिए असहनीय होती है और रोगी इसके कारण अधिक परेशान हो जाता है।
काली खांसी होने की अवस्था तथा रोगी की सांस नली बंद हो रही हो, गर्मी के मौसम में होने वाले पेचिश रोग आदि रोगों को ठीक करने के लिए अम्ब्रोसिया औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
अम्ब्रोसिया औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी हैं-
नाक से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी को अपने नाक और सिर में भारीपन महसूस होता है, छीकें अधिक आती हो, नाक से पानी निकल रहा हो, जुकाम के साथ दमा रोग के दौरे पड़ना तथा रोगी को खांसी होने के साथ सांय-सांय की आवाज आ रही हो। इस प्रकार की स्थिति में अम्ब्रोसिया औषधि का उपयोग कराना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है।
आंखों से सम्बन्धित लक्षण :- आंखों से पानी आ रहा हो तथा उनमें दर्द तथा जलन हो रही हो तो अम्ब्रोसिया औषधि के प्रयोग से रोगी को अधिक लाभ मिलता है।
सम्बन्ध :-
हे-फीवर को ठीक करने में अम्ब्रोसिया औषधि की तुलना बाइथिया, सक्सी-एसिड़ , आर्से आयो, अरूण्ड़ो तथा सैवाडि औषधि से कर सकते हैं।
मात्रा :-
अम्ब्रोसिया औषधि की अर्क से तीसरी शक्ति का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।
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