रेडियम ब्रोमाइड (Radium Bromide)

 रेडियम ब्रोमाइड (Radium Bromide)

परिचय-

होम्योपैथिक चिकित्सा में रेडियम का महत्वपूर्ण संयोजन है, 18,00,000 शक्ति की रेडियम किरणें शुगर ऑफ मिल्क पर डालकर इसका विचूर्ण तैयार किया जाता है। आमावात (जोड़ों का दर्द) व गठिया, गुलाबी, मुहांसे, तिलों, चर्म रोग, निम्न रक्तचाप, हर वक्त शरीर में दर्द होना तथा ऐंठन होना आदि लक्षणों में इसका प्रयोग होता है। रेडियम ब्रोमाइड औषधि का प्रयोग उन रोगियों पर किया जाता है जो अकेला व अंधेरे में रहने से डरता हो तथा रोगी में हर समय कई लोगों के बीच में रहने की इच्छा होती है, उसके शरीर में अधिक थकावट होती है, वह चिड़चिड़ा स्वभाव का होता है, सारे शरीर में खुजली हो जाती है, त्वचा में जलन होती है और ऐसा महसूस होता है कि पूरे शरीर में आग लगी पड़ी हो।

विभिन्न लक्षणों में रेडियम ब्रोमाइड औषधि का उपयोग-

मन से सम्बन्धित लक्षण :- रोगी व्यक्ति निराश रहता है तथा अंधेरे में रहने का मन करता है, डर अधिक लगता है और कई लोगों के बीच में रहने का मन करता है, शरीर में अधिक थकावट होती है तथा चिड़चिड़ा स्वभाव का हो जाता है तथा इसके साथ ही और भी कई रोग शरीर में हो जाते हैं। इस प्रकार के मन से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

सिर से सम्बन्धित लक्षण :- सिर में चक्कर आने के साथ ही सिर में दर्द होना, लेटे रहने पर कुछ आराम मिलना। सिर के पिछले भाग में और सिर के ऊपरी भाग में दर्द होना तथा इसके साथ ही कई प्रकार की परेशानी होना। दाई आंख के ऊपरी भाग में तेज दर्द होना, इस दर्द का असर सिर के पिछले भाग और सिर के आगे के भाग में होता है तथा जब रोगी व्यक्ति खुली हवा में रहता है तो उसे दर्द से कुछ आराम मिलता है। सिर भारी लगना और माथे पर दर्द होना और इसके साथ ही दोनों आंखों में दर्द होना। नाक के अन्दरूनी भागों में खुजली होना और रूखापन महसूस होना तथा इसके साथ ही खुली हवा में कुछ आराम मिलना। दाहिने निचले जबड़ों के कोणों में हल्का-हल्का दर्द होना। आंखों में तेज दर्द होना और इसके साथ ही सिर में दर्द होना। इस प्रकार के सिर से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का सेवन करना चाहिए।

मुंह से सम्बन्धित लक्षण :- मुंह में रूखापन होना, मुंह का स्वाद धातु के समान होना, जीभ के अंतिम भाग में चुभन होना। इस प्रकार के मुंह से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।

आमाशय से सम्बन्धित लक्षण :- आमाशय के अंदर खालीपन महसूस होना तथा आमाशय में गर्मी की अनुभूति होना, मिठाइयां तथा आइसक्रीम खाने की इच्छा न होना, मिचली आना तथा आमाशय का अंदर की ओर धंसने जैसा महसूस होना। इस प्रकार के आमाशय से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी को गैस की डकारें आती रहती हैं। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का उपयोग लाभदायक है।

पेट से सम्बन्धित लक्षण :- पेट में तेज ऐंठन तथा दर्द होना, गड़गड़ाहट होना, पेट में गैस बनना, मैकबर्नी बिन्दु तथा गवग्रहान्त्र-वंक (sigmoid flexure), पेट फूलना, कब्ज होना तथा पतला मलत्याग होना और मलद्वार पर खुजली होना तथा बवासीर का रोग होना। इस प्रकार के पेट से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।

मूत्र से सम्बन्धित लक्षण :- पेशाब में ठोस पदार्थो तथा क्लोराइड्स का अत्याधिक आना, गुर्दे में चुभन होना, पेशाब में अन्न के समान पदार्थ आना। आमवाती लक्षण (जोड़ों में दर्द के समान लक्षण) होने के साथ ही गुर्दे में सूजन होना। बिस्तर पर पेशाब हो जाना। इस प्रकार के मूत्र से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का प्रयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप इस प्रकार के लक्षण ठीक हो जाते हैं।

स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षण:- योनि में तेज खुजली होना। मासिकस्राव देर से या अनियमित रूप से आना तथा इसके साथ ही पीठ में दर्द होना। स्राव होने के साथ ही पेट में तथा जांघों के पास दर्द होना। दाहिनी स्तन में दर्द होना और स्तन को जोर से मलने पर आराम मिलना। इस प्रकार के स्त्री रोग से सम्बन्धित लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी स्त्री को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण :- रुक-रुककर खांसी होना तथा इसके साथ ही अधि-उरोस्थि-खात के ऊपर सुरसुरी होना। सूखी खांसी होना तथा खांसी का प्रभाव तेज होना। गला शुष्क रहने के साथ ही उसमें दर्द होना और छाती में सिकुड़न महसूस होना। इस प्रकार के श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।

पीठ से सम्बन्धित लक्षण :- गर्दन के पिछले भाग में दर्द होना। ग्रीवा-कशेरुकाओं में दर्द होना और इसके साथ ही इस भाग में खुजली होना और सिर को सामने की ओर लटकाने पर अधिक खुजली होना। इस प्रकार के पीठ से सम्बन्धित लक्षण होने पर जब रोगी व्यक्ति खड़ा होता है या बैठता है तो उसे कुछ आराम मिलता है। कमर में तथा त्रिकास्थि में दर्द होना और दर्द हड्डी में महसूस होना, इस प्रकार के दर्द होने पर जब रोगी व्यक्ति लगातार कुछ कार्य करता है तो उसके दर्द में कुछ कमी आती है। कंधों के बीच में और कमर तथा त्रिकास्थि भाग में दर्द होना तथा चलने पर आराम मिलना। इस प्रकार के पीठ से सम्बन्धित लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का प्रयोग करना फायदेमंद होता है।

शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण :- शरीर के सभी अंगों में, हडि्डयों में और घुटनों व टखनों में तेज दर्द होना तथा कंधों, बांहों, हाथों व उंगलियों में तेज दर्द होना। पैर, बांह और गर्दन का कठोर महसूस होना और ऐसा लगना की ये अंग हिलने पर टूट जायेंगी। बांह भारी महसूस होना। कंधों में कड़कड़ाहट होना। पैर तथा ऊरु-पेशियों में दर्द होना। हडि्डयों में जलन होना, सूजन होना, दर्द होना, इस प्रकार के लक्षणों में रात के समय में तेजी आना और उंगलियों की त्वचा में जलन होना। नाखूनों में सूजन तथा दर्द होना। इस प्रकार के शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।

चर्म रोग से सम्बन्धित लक्षण :- त्वचा पर छोटी-छोटी फुंसियां होना। त्वचा पर विभिन्न प्रकार के चर्मरोग होने के साथ ही उसमें जलन के साथ ही खुजली होना और सूजन तथा लाल-लाल दाने होना। त्वचा की टी.बी. रोग तथा त्वचा पर घाव होना। पूरे शरीर में खुजली होने के साथ ही जलन होना और ऐसा महसूस होना कि पूरे शरीर में आग लग गई है। सारे शरीर पर फोड़ें-फुंसियां होना। इस प्रकार के चर्म रोग से सम्बन्धित लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का सेवन करना चाहिए।

नींद से सम्बन्धित लक्षण:- सारे शरीर में आलस होने के साथ ही ठीक प्रकार से नींद न आना और पूरा शरीर अस्थिर लगना। इस प्रकार के नींद से सम्बन्धित लक्षण होने के साथ ही नींद के समय में आग तथा किसी कार्य में व्यस्त रहने के सपने देखना। ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का उपयोग लाभदायक है।

ज्वर से सम्बन्धित लक्षण:- पूरे शरीर के अन्दरूनी भाग में ठण्ड महसूस होना और दोपहर के समय में इतना तेज ठण्ड लगना कि उसके कारण से दांत कटकटाने लगना। शरीर के अन्दरूनी भागों में ठण्ड महसूस होने के साथ ही त्वचा का गर्म रहना तथा इसके साथ ही मलत्याग करने की इच्छा होना और पेट फूलना। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

कैंसर से सम्बन्धित लक्षण:- ऐलोपैथी चिकित्सा में कैंसर रोग को ठीक करने के लिए रेडियम की किरणें देकर उपचार करते हैं उससे कुछ समय के लिए आराम हो जाता है। लेकिन पूरा फायदा न होने पर होम्योपैथिक चिकित्सा के द्वारा कैंसर रोग को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि की शक्तिकृत दवा का सेवन करने से रोग ठीक हो जाता है।

शमन (एमेलिओरेशन) :- खुली हवा में रहने तथा लगातार किसी कार्य में लगे रहने, गर्म पानी से स्नान करने, लेटने तथा शरीर पर दबाव देने से रोग के लक्षण नष्ट होने लगते हैं।

वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) :-

लेटकर उठने पर, बैठे से खड़े होने पर, भोजन के बाद तथा हाथ-पैर चलाने पर और रात के समय में रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है।

सम्बन्ध (रिलेशन) :-

* फोड़ें-फुंसियां होना तथा इसकों छूने से ये किसी और स्थान पर हो जाते हैं और देर से इसके लक्षण दिखाई देते हैं। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम औषधि का उपयोग करते हैं, ऐसे ही लक्षणों को ठीक करने के लिए रेडियम ब्रोमाइड औषधि का भी उपयोग कर सकते हैं। अत: ऐनाकार्डियम औषधि के कुछ गुणों की तुलना रेडियम ब्रोमाइड औषधि से कर सकते हैं।

* रस-टा, सीपि, यूरेनियम, आर्से, कास्टि, पल्सा तथा एक्सरे औषधियों के कुछ गुणों की तुलना रेडियम ब्रोमाइड औषधि से कर सकते हैं।


प्रतिविष :-

रस-वेने, टेलूरि औषधियों का उपयोग रेडियम ब्रोमाइड के हानिकारक प्रभाव को नष्ट करने के लिए किया जाता है।

मात्रा (डोज) :-

रेडियम ब्रोमाइड औषधि की तीसवीं और बारहवीं शक्ति के विचूर्ण का प्रयोग रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।


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